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अयोग्यता पर आजम को सुप्रीम कोर्ट से राहत, जानिए क्या कहा

अयोग्यता पर आजम को सुप्रीम कोर्ट से राहत, जानिए क्या कहा

क्या आज़म ख़ान की विधायकी बचने की संभावना है? जानिए सुप्रीम कोर्ट ने आख़िर क्यों रामपुर सदर के लिए अधिसूचना जारी करने से रोक दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को राहत दी है। इसने बुधवार को चुनाव आयोग को उत्तर प्रदेश के रामपुर सदर उपचुनाव के लिए अधिसूचना जारी करने की तिथि को 10 नवंबर तक टालने का निर्देश दिया है। हेट स्पीच मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद आजम खान की अयोग्यता के बाद यह सीट खाली हो गई थी। चुनाव आयोग ने अन्य कई सीटों के साथ रामपुर सदर सीट पर चुनाव की घोषणा कर दी है, लेकिन अभी अधिसूचना जारी नहीं हुई है।

अदालत के फ़ैसले के बाद उत्तर प्रदेश मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने अधिसूचना को टाल दिया है। इसकी ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अदालत के आदेश को देखते हुए 10 नवंबर को प्रकाशित होने वाली अधिसूचना अगले आदेश तक जारी नहीं की जाएगी।

चुनाव आयोग ने शनिवार को 5 विधानसभा सीटों और एक लोकसभा सीट पर उपचुनाव कराए जाने की घोषणा की है। विधानसभा सीटों में उत्तर प्रदेश की रामपुर, ओडिशा की पदमपुर, राजस्थान की सरदारशहर, बिहार की कुढ़नी और छत्तीसगढ़ की भानुप्रतापपुर सीट शामिल हैं। उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट पर भी उपचुनाव कराया जाएगा। मैनपुरी लोकसभा सीट समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के निधन से खाली हुई है। रामपुर सीट समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आज़म खान की विधानसभा की सदस्यता रद्द होने के चलते खाली हुई है। 

आजम खान को नफरती भाषण के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया। आजम खान को 2019 में चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य पर टिप्पणियों के आरोप में दोषी ठहराया गया था।

रामपुर की एक अदालत ने नफरत फैलाने वाले भाषण मामले में पिछले महीने आजम ख़ान को तीन साल कैद और 2000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। उनकी सजा के बाद यूपी विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय ने उनकी अयोग्यता और रामपुर सदर सीट के खाली होने की घोषणा की। इसको आज़म ख़ान ने चुनौती दी थी। 

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने रामपुर अदालत को आजम खान की दोषसिद्धि पर रोक लगाने की अर्जी पर गुरुवार को ही सुनवाई करने और उसका निस्तारण करने का भी निर्देश दिया।

उत्तर प्रदेश विधानसभा द्वारा जिस गति से आजम खान की अयोग्यता की कार्यवाही की गई थी उसकी शीर्ष अदालत ने आलोचना की थी। पीठ ने कहा, 'जिस तत्परता के साथ आप (विधानसभा) आगे बढ़े, उसे देखें।' 

आजम ख़ान की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता पी चिदंबरम द्वारा ज़िक्र किए गए कुछ अन्य मामलों का हवाला देते हुए पीठ ने कहा कि "आप चुनिंदा कार्रवाई नहीं कर सकते हैं"। अदालत ने आजम खान को कानूनी उपाय तलाशने का मौक़ा देने का समर्थन किया।

चुनाव आयोग के जोरदार विरोध को खारिज करते हुए पीठ ने कहा कि चुनाव कार्यक्रम घोषित करने के लिए राजपत्र अधिसूचना 11 नवंबर को या उसके बाद जारी की जा सकती है। यह आजम खान की दोषसिद्धि पर रोक की याचिका के परिणाम पर निर्भर करता है।

टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, पीठ ने कहा कि विधायक को अयोग्यता से खुद को बचाने के लिए अपील के कानूनी उपाय का अवसर दिया जाना चाहिए था।

आज़म ख़ान की ओर से चिदंबरम ने कहा कि 27 अक्टूबर को आजम खान को दोषी ठहराए जाने के अगले ही दिन राज्य विधानसभा ने उनकी सीट खाली घोषित कर दी। उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह की त्वरित कार्रवाई 'अभूतपूर्व' थी, यह कदम राजनीति से प्रेरित था।

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