सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से पूछा- चुनाव से ऐन पहले ही केजरीवाल की गिरफ़्तारी क्यों?
लोकसभा चुनाव से ऐन पहले केजरीवाल की गिरफ़्तारी क्यों की गई? यह वह सवाल है जो लगातार उठ रहा है और सुप्रीम कोर्ट ने भी यही सवाल ईडी से पूछा है। एक दिन पहले सोमवार को ईडी के समन को नज़रअंदाज़ करने के लिए केजरीवाल की खिंचाई करने वाले सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ईडी को जबरदस्त फटकार लगाई और कई तीखे सवाल किए।
केजरीवाल ने दिल्ली शराब नीति मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है और इसी मामले की सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। गिरफ्तारी के समय पर सवाल उठने के पीछे का कारण बताते हुए न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने ईडी से कहा कि वह यह साफ़ करे कि क्या केंद्रीय एजेंसी मामले में न्यायिक कार्यवाही के बिना आपराधिक कार्यवाही कर सकती है।
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी के समय के बारे में एजेंसी से जवाब मांगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'स्वतंत्रता बहुत महत्वपूर्ण है, आप इससे इनकार नहीं कर सकते। आखिरी सवाल गिरफ्तारी के समय के संबंध में है, जिसके बारे में उन्होंने बताया है कि गिरफ्तारी का समय आम चुनाव से ठीक पहले है।'
शीर्ष अदालत ने जांच एजेंसी से शुक्रवार को जवाब देने को कहा है। दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा ईडी की किसी दंडात्मक कार्रवाई से अंतरिम सुरक्षा देने से इनकार करने के 21 घंटे बाद ईडी ने केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार कर लिया था।
जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से गिरफ्तारी के समय के सवाल पर जवाब देने को कहा और कहा, 'जीवन और स्वतंत्रता बेहद महत्वपूर्ण हैं। आप इससे इनकार नहीं कर सकते।' जस्टिस खन्ना ने कहा, 'इस मामले में अब तक कोई कुर्की की कार्रवाई नहीं की गई है और अगर की गई है तो दिखाइए कि केजरीवाल इस मामले में कैसे शामिल हैं। मुझे बताएँ, आम चुनाव से पहले गिरफ्तारी क्यों?'
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से जुड़े मामले में जांचकर्ताओं ने दावा किया है कि उन्हें सामग्री मिली है, लेकिन केजरीवाल के मामले में कुछ भी सामने नहीं आया है। सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से कहा कि वह बताए कि कार्यवाही शुरू होने और गिरफ्तारी के बीच इतना बड़ा अंतर क्यों है।
इससे पहले सोमवार को केजरीवाल ने लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद अपनी गिरफ्तारी की आवश्यकता और समय पर सवाल उठाया था।
केजरीवाल की ओर से पेश सिंघवी ने कहा, 'गिरफ्तारी की तारीख से पहले सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की और ईडी ने ईसीआईआर दर्ज की। गिरफ्तारी की तारीख़ से पहले के सभी दस्तावेज और दलीलें मुझसे दूर-दूर तक नहीं जुड़ीं। इससे पहले 18 महीने तक कई आपराधिक कानूनी दस्तावेजों ने मुझे छुआ तक नहीं था।'
उन्होंने कहा, 'आप किसी को 18 महीने तक गिरफ्तार नहीं करने के बाद एमसीसी के बाद मार्च 2024 में गिरफ्तार कर रहे हैं। मेरा सवाल यह है कि या तो आपके पास तुरंत नई सामग्री होनी चाहिए, या आपके पास कुछ ऐसा होना चाहिए जो मुझे अचानक से जोड़ दे... या आपके पास कुछ आधार होना चाहिए जो कम से कम हम नहीं जानते।'
बता दें कि केजरीवाल ने जेल से मुख्यमंत्री बने रहने का फैसला किया है। उनको 21 मार्च को उनकी गिरफ्तारी के बाद न्यायिक हिरासत के तहत दिल्ली के तिहाड़ में रखा जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने 15 अप्रैल को ईडी को नोटिस जारी किया था और उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ केजरीवाल की चुनौती पर प्रतिक्रिया मांगी थी। 9 अप्रैल को दिल्ली उच्च न्यायालय ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को बरकरार रखते हुए कहा था कि इसमें कोई अवैधता नहीं थी और समन नहीं लेने और जांच में शामिल होने से इनकार करने के बाद ईडी के पास बहुत कम विकल्प बचा था।