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मोदी सरनेम केस में राहुल की याचिका पर SC में सुनवाई आज

मोदी सरनेम केस में राहुल की याचिका पर SC में सुनवाई आज

मोदी सरनेम टिप्पणी को लेकर मानहानि केस में क्या राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलेगी? क्या उनको मिली दो साल की सजा पर रोक लगेगी?

सुप्रीम कोर्ट राहुल गांधी की 'मोदी सरनेम' टिप्पणी वाले मानहानि मामले में शुक्रवार को सुनवाई करेगा। गुजरात की अदालत के फ़ैसले के ख़िलाफ़ राहुल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। गुजरात की अदालत के फ़ैसले की वजह से राहुल की लोकसभा सदस्यता चली गई है। राहुल को 'मोदी उपनाम' टिप्पणी के लिए सूरत अदालत द्वारा दो साल जेल की सजा सुनाई गई थी। इस बीच गुजरात हाई कोर्ट ने भी निचली अदालत के फ़ैसले को बरकरार रखा था और उनकी सज़ा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।

गुजरात हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने बीजेपी विधायक और गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया था। उन्होंने ही मोदी सरनेम को लेकर शिकायत की थी और इसी पर सूरत की अदालत का फ़ैसला आया है। 

सूरत के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने 23 मार्च को राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता की धाराओं 499 और 500 तहत आपराधिक मानहानि का दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी। राहुल ने वह टिप्पणी कर्नाटक में एक चुनावी रैली में की थी। चुनावी रैलियों और सभाओं में अक्सर नेता विरोधी दलों के नेताओं के ख़िलाफ़ कई बार विवादित टिप्पणी कर बैठते हैं या फिर सीमा को लांघ जाते हैं।  

राहुल ने कर्नाटक के कोलार में 13 अप्रैल 2019 को एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कह दिया था, 'क्यों सभी चोरों का समान सरनेम मोदी ही होता है? चाहे वह ललित मोदी हो या नीरव मोदी हो या नरेंद्र मोदी? सारे चोरों के नाम में मोदी क्यों जुड़ा हुआ है।'

राहुल के इस बयान का बीजेपी समर्थकों ने काफ़ी विरोध किया था। इसी बीच भारतीय जनता पार्टी विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने याचिका दायर की थी। 

मानहानि मामले में निचली अदालत के फैसले के बाद राहुल गांधी को संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। वह 2019 में केरल के वायनाड लोकसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए थे। 

राहुल गांधी को झटका देते हुए गुजरात उच्च न्यायालय ने 7 जुलाई को दोषसिद्धि पर रोक लगाने की उनकी याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि 'राजनीति में शुद्धता' समय की ज़रूरत है। इसके बाद राहुल ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।

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