सत्यपाल मलिक होने का मतलबः क्या उनका 'सत्य' सरकार को पसंद नहीं?
सत्यपाल पर आगे कुछ पढ़ने से पहले उनका यह ट्वीट पढ़िए। यह ट्वीट सरकार को अखर रहा है। इस ट्वीट में वो कह रहे हैं कि पीएम मोदी की वजह से लोकतंत्र खतरे में है। यह ट्वीट उन्होंने पिन किया हुआ है यानी जब आप उनके ट्विटर हैंडल को देखेंगे तो सबसे पहले वही ट्वीट है। इस ट्वीट में उन्होंने जो कहा, उसे आप पढ़िए, तब बाकी पूरी रिपोर्ट पढ़िए-
अगर 2024 में #नरेंद्र_मोदी को नहीं हटाया तो ये #डेमोक्रेसी को खत्म कर देगा, चुनाव ही नहीं होगा फिर।
— Satyapal Malik 🇮🇳 (@SatyapalmalikG) May 22, 2023
मैं देश के लोगों को कहना चाहता हूं कि आखिरी मौका है ये इस बार #जाति #धर्म सब छोड़कर इनके खिलाफ वोट करो वरना आगे आपको वोट का भी मौका नहीं मिलेगा- #सत्यपाल_मलिक (पूर्व गवर्नर) pic.twitter.com/B26R5xAO5J
सत्यपाल मलिक को हरियाणा और पश्चिमी यूपी की खाप पंचायतें अपना बुजुर्ग मानती हैं। चाहे वो हरियाणा में जींद की कंडेला खाप हो या फिर मुजफ्फरनगर की मलिक खाप पंचायत हो, तमाम खापों के नेता उनके साथ खड़े हो जाते हैं। हरियाणा-पश्चिमी यूपी के जाटों का एक ही सवाल है कि जब मोदी सरकार ने सत्यपाल मलिक को राज्यपाल बनाया था तो क्या सोचा था। अब उनके सत्य बोलने पर सरकार उन्हें चुप कराना चाहती है। सोशल मीडिया पर सत्यपाल मलिक के ठिकानों पर छापे की खबर जैसे ही आम हुई, लोगों की प्रतिक्रिया आने लगी। उन प्रतिक्रियाओं को देखकर ही लगा रहा है कि बड़े पैमाने पर लोग इन छापों का गलत अर्थ लगा रहे हैं। यह टिप्पणी काफी ध्यान खींच रही है- सत्यपाल मलिक ने चोर को चोर कहा तो चोर तलाशी देने के बदले तलाशी लेने लगा, ये कैसी कायर सरकार है।
मैंने भ्रष्टाचार में शामिल जिन व्यक्तियों की शिकायत की थी की उन व्यक्तियों की जांच ना करके मेरे आवास पर CBI द्वारा छापेमारी की गई है।
— Satyapal Malik 🇮🇳 (@SatyapalmalikG) February 22, 2024
मेरे पास 4-5 कुर्ते पायजामे के सिवा कुछ नहीं मिलेगा। तानाशाह सरकारी एजेंसियों का ग़लत दुरुपयोग करके मुझे डराने की कोशिश कर रहा है।
मैं किसान का…
पिछले 3-4 दिनों से मैं बिमार हूं ओर हस्पताल में भर्ती हूं। जिसके वावजूद मेरे मकान में तानाशाह द्वारा सरकारी एजेंसियों से छापे डलवाएं जा रहें हैं। मेरे ड्राईवर, मेरे साहयक के ऊपर भी छापे मारकर उनको बेवजह परेशान किया जा रहा है।
— Satyapal Malik 🇮🇳 (@SatyapalmalikG) February 22, 2024
में किसान का बेटा हूं, इन छापों से घबराऊंगा नहीं। में…
पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक पर मई 2023 में भी छापे पड़े थे। तब भी वो छापे किरु हाइड्रा प्रोजेक्ट को लेकर मारे गए थे। गुरुवार 22 फरवरी को दोबारा उसी मामले में मारे गए थे। गुरुवार 22 फरवरी को पड़े छापों के बाद सत्यपाल मलिक ने कहा कि मेरे घर में 4-5 कुर्ते-पायजामे के अलावा और कुछ नहीं मिलेगा। इस बार जब छापे पड़ रहे हैं तो वो मैक्स अस्पताल में भर्ती हैं। गुरुवार सुबह जब बागपत में उनके गांव में सीबीआई छापा मारने पहुंची तो उसे बड़ी निराशा हुई। घर बंद था और वहां कोई ऐसा कागज तक नहीं था, जिसे सीबीआई दस्तावेज बताकर अपने कब्जे में ले सकती थी।
सत्यपाल मलिक के निशाने पर पीएम मोदी और अमित शाह रहे हैं। जिस पुलवामा हमले की वजह से 2019 में पूरा लोकसभा चुनाव का परिदृश्य बदल गया था, सत्यपाल मलिक ने उसी को निशाने पर लिया। दरअसल, ऐसा आरोप लगाने का साहस भी सभी के पास नहीं है। मशहूर पत्रकार करण थापर को दिए गए इंटरव्यू में सत्यपाल मलिक ने पुलवामा हमले के बारे में कहा था- संभावित आतंकी हमले की कई खुफिया रिपोर्टों के बावजूद सरकार ने सीआरपीएफ जवानों को यात्रा के लिए विमान उपलब्ध नहीं कराये थे। अगर विमान उपलब्ध कराया गया होता, तो हमारे जवान शहीद नहीं होते। उन्होंने कहा था कि जब उन्होंने जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन राज्यपाल के रूप में, इस पर बोला तो प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे कहा था, “तुम अभी चुप रहो।“ हालांकि आज तक न तो पीएमओ और न ही किसी अन्य सरकारी एजेंसी ने मलिक के दावों का जवाब दिया है। हालांकि बाद में भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट पर हवाई हमला करके इसका जवाब दिया था, जिसमें कई आतंकी ठिकानों को नष्ट करने का दावा किया गया था।
पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों के काफिले पर जिस कार में आरडीएक्स भरकर हमला किया गया था, विपक्ष आज भी सवाल उठाता है कि वो आरडीएक्स कहां से आया था। इसका ठोस जवाब जांच एजेंसियां आज भी तलाश रही हैं।
पंजाब के किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने पिछले छापों पर कहा था- सत्यपाल मलिक ने बहादुरी से पुलवामा का पर्दाफाश किया। किसान उनकी ढाल हैं। उन्हें आगे बढ़ना चाहिए। सभी किसान संगठन उनके साथ हैं। हरियाणा के किसान नेता ओम प्रकाश कंडेला ने भी इसी तरह का बयान दिया था।
अचानक छापे की वजह
सत्यपाल मलिक पर अचानक छापों की वजह यह बताई जा रही है कि वो किसान आंदोलन को लेकर सरकार की लगातार आलोचना कर रहे हैं। विवादित कृषि कानून जब लाए गए थे, तब भी उन्होंने सरकार से इसे वापस लेने का आग्रह किया था। अब जब पंजाब के किसान शंभू, खनौरी, डबवाली बॉर्डर पर जमे हुए हैं, हरियाणा पुलिस उन पर आंसू गैस के गोले बरसा रही है, तब भी उन्होंने किसानों की मांगों का समर्थन किया और कहा कि किसानों पर जुल्म किया जा रहा है। 13 फरवरी को उन्होंने पुलवामा का मुद्दा फिर से उठाया था। कहा जा रहा है कि किसानों को दिल्ली से समर्थन देने के लिए सत्यपाल मलिक कोई मुहिम शुरू कर सकते हैं, उनकी गतिविधियों पर सरकार की नजर थी। इससे पहले जब महिला पहलवानों ने भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ जंतर मंतर पर धरना दिया था तो सत्यपाल मलिक वहां पहुंच गए थे। इससे सरकार की परेशानी बढ़ गई थी। लोकसभा चुनाव नजदीक है, सरकार फिर से शुरू हुए किसान आंदोलन को पसंद नहीं कर रही है।सत्यपाल मलिक ने 19 फरवरी को किसानों पर ड्रोन से आंसू गैस के गोले गिराने का जबरदस्त विरोध किया था। उनका यह इंटरव्यू देखिए, जिसे उन्होंने खुद ट्वीट किया है-
हरियाणा का मुख्यमंत्री दिल्ली के इशारे के बिना पेशाब करने भी नहीं जाता, मोदी सरकार में अपने नंबर बनाने के लिए किसानों को बेवजह परेशान कर रही है हरियाणा सरकार। किसान अपना हक़ लेने दिल्ली जा रहे हैं, उनको क्यों नहीं जाने देते- सत्यपाल मालिक (पूर्व गवर्नर) #SatyapalMalik… pic.twitter.com/lllqLEcNLA
— Satyapal Malik 🇮🇳 (@SatyapalmalikG) February 19, 2024
आरोप लगाने वाले पर छापा
इस मामले में आरोप पूर्व राज्यपाल मलिक ने लगाए थे। लेकिन लगातार छापों का सामना उन्हें करना पड़ रहा है। भ्रष्टाचार का मामला अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस जनरल इंश्योरेंस से जुड़ी एक बीमा योजना में अनियमितताओं के आरोपों से संबंधित है। जम्मू-कश्मीर सरकार के कर्मचारियों के लिए समूह स्वास्थ्य बीमा योजना के लिए रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड को ठेका देने में अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था।
अक्टूबर 2021 में, सत्यपाल मलिक ने दावा किया था कि जब वह तत्कालीन राज्य जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल थे, तो उन्हें उस स्वास्थ्य बीमा योजना को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी।
मलिक 23 अगस्त, 2018 और 30 अक्टूबर, 2019 के बीच पूर्व राज्य के राज्यपाल थे। 2022 में, सीबीआई ने इस मामले में आईपीसी की धारा 420 और धारा 5 (2) के साथ पढ़ी जाने वाली धारा 120-बी के तहत मामला दर्ज किया था। जम्मू-कश्मीर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 5(1)(डी)। जांच एजेंसी ने कई राज्यों में छापेमारी भी की थी। रिपोर्टों से पता चलता है कि सीबीआई मुख्य रूप से इस बात की जांच कर रही है कि क्या जम्मू-कश्मीर सरकार के वित्त विभाग के अधिकारियों ने 2017 और 2018 में वित्तीय लाभ और राज्य के खजाने को गलत नुकसान के लिए रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और ट्रिनिटी रीइंश्योरेंस ब्रोकर्स लिमिटेड के साथ साजिश रचकर अपने पद का दुरुपयोग किया था। लेकिन जो प्रत्यक्ष दिख रहा है कि छापे सत्यपाल मलिक के यहां पड़ रहे हैं। गुरुवार को छापों का दूसरा दौर है।