‘अकल मार रखी है’ वाले बयान पर सत्यपाल मलिक ने दी सफाई
मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने अपने ‘अकल मार रखी है’ वाले बयान पर सफाई दी है। मलिक ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के बहुत अच्छे संबंध हैं। बता दें कि सत्यपाल मलिक का एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें उन्होंने इस बात को कहा है कि किसान आंदोलन के मामले में वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले तो थोड़ी देर में उनका उनसे झगड़ा हो गया।
राज्यपाल सत्यपाल मलिक के मुताबिक़, मोदी ने उनसे कहा था कि वे अमित शाह से मिल लें। मलिक के मुताबिक़, जब वे शाह से मिले तो उन्होंने कहा कि इसकी अकल मार रखी है लोगों ने, तुम बेफिक्र रहो और मिलते रहो।
मलिक का यह बयान सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से वायरल हो गया। कांग्रेस के भी तमाम नेताओं ने इस बयान के वीडियो को ट्वीट किया।
लेकिन अब मलिक ने इस पर सफाई दी है। मलिक ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि अमित शाह प्रधानमंत्री को बहुत मानते हैं और उन्होंने मुझसे सिर्फ इतना कहा था कि कुछ लोग प्रधानमंत्री को गुमराह कर रहे हैं, आप उनसे मिलते रहो और किसी दिन बात उनकी समझ में आ जाएगी।
एनडीटीवी की ओर से यह पूछे जाने पर कि क्या प्रधानमंत्री को बात समझ में आई, इस पर मलिक ने कहा कि हां बात उनकी समझ में आई और वह कृषि कानून वापस लेने के मामले में प्रधानमंत्री को बधाई दे चुके हैं।
मलिक ने अपने वायरल वीडियो में यह भी कहा था कि जब वह प्रधानमंत्री से मिले तो वह बहुत घमंड में थे, इस पर भी मलिक ने एनडीटीवी से बातचीत में अपनी बात रखी है। मलिक ने कहा कि पहले प्रधानमंत्री सुनने को तैयार नहीं थे। उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री पहले सुन लेते तो न तो कोई जान माल का नुकसान होता और न ही कोई राजनीतिक। उन्होंने कहा कि देर आए दुरुस्त आए।
मलिक ने कहा कि यह हमारे बीच की बात है और कांग्रेस या किसी और को इसमें कूदना नहीं चाहिए। मलिक ने कहा कि पहले उनसे वैरिफाई किया जाना चाहिए था कि उन्होंने ऐसा कहा या नहीं, जो बात मैंने कही ही नहीं उसे मेरे मुंह में डालकर आप अपनी राजनीति ना करें तो अच्छा है।
सत्यपाल मलिक किसान आंदोलन के दौरान लगातार कुछ न कुछ ऐसा बोलते रहे जिससे बीजेपी और मोदी सरकार की खासी किरकिरी हुई थी।
1 साल तक चले किसानों के आंदोलन के बाद मोदी सरकार को कृषि कानूनों को वापस लेना पड़ा था। इसके अलावा किसानों की कई और मांगों को मानने के लिए भी केंद्र सरकार ने सहमति दे दी थी।
मलिक के निशाने पर बीजेपी के पूर्व महासचिव और आरएसएस के नेता राम माधव भी रहे थे।
मलिक ने केंद्र सरकार से अपील की थी कि वह आंदोलनकारी किसानों की मांगों को मान ले वरना यह सरकार दोबारा सत्ता में नहीं आएगी। मलिक ने किसान आंदोलन के दौरान यह भी कहा था कि बीजेपी का कोई नेता उत्तर प्रदेश के मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर के किसी गांव में नहीं घुस सकता।