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पीएम के फ़ैसले को मास्टरस्ट्रोक बताने वाले रविशंकर मास्टरस्ट्रोक के शिकार: राउत

पीएम के फ़ैसले को मास्टरस्ट्रोक बताने वाले रविशंकर मास्टरस्ट्रोक के शिकार: राउत

शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, 'रविशंकर प्रसाद हमेशा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यों को मास्टरस्ट्रोक बताते हुए शेखी बघारते थे। हालाँकि, इस बार यह मास्टरस्ट्रोक उन पर ही पलटवार करता दिख रहा है।' 

शिवसेना नेता संजय राउत ने रविशंकर प्रसाद के मोदी मंत्रिमंडल से बाहर किए जाने पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि रविशंकर 'मास्टरस्ट्रोक का शिकार' हो गए। राउत ने कहा, 'रविशंकर प्रसाद हमेशा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यों को मास्टरस्ट्रोक बताते हुए शेखी बघारते थे। हालाँकि, इस बार यह मास्टरस्ट्रोक उन पर ही पलटवार करता दिख रहा है।' 

राउत का ऐसा तंज रविशंकर पर इसलिए आया है कि सरकार की तरफ़ से हर फ़ैसले पर सफ़ाई देने या प्रेस कॉन्फ़्रेंस करने के लिए अधिकतर बार रविशंकर ही आते रहे हैं। कई मौक़ों पर सरकार के फ़ैसलों को वह मास्टरस्ट्रोक क़रार देते रहे थे। 

इस बीच मोदी कैबिनेट ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया। लेकिन विस्तार से पहले ही रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर ने इस्तीफ़ा दे दिया। इन दोनों नेताओं के साथ ही रमेश पोखरियाल निशंक, डॉ. हर्षवर्धन, संतोष गंगवार, सदानंद गौड़ा, बाबुल सुप्रियो, देबाश्री चौधरी, संजय धोत्रे, रतन लाल कटारिया, राव साहब दानवे पाटिल और प्रताप चंद्र सारंगी की भी कैबिनेट से विदाई हो गई। थावरचंद गहलोत को कर्नाटक का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। इस फेरबदल में 43 मंत्रियों ने शपथ ली है।

मोदी सरकार की इसी कैबिनेट फेरबदल पर राउत ने तंज कसा है। उन्होंने अनुभवी प्रकाश जावड़ेकर और थावरचंद गहलोत को वापस भेजे जाने का ज़िक्र करते हुए कहा कि जाहिर तौर पर नये चेहरों को उन्होंने उनकी क़ाबिलियत के आधार पर जगह दी होगी।

वैसे, हाल ही में संजय राउत प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ़ कर चुके हैं। कहा जा रहा है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात की है तब से शिवसेना और बीजेपी के बीच कुछ बदला हुआ नज़र आ रहा है। 

उद्धव ठाकरे और प्रधानमंत्री मोदी की मुलाक़ात के बाद संजय राउत ने भी प्रधानमंत्री की जमकर तारीफ़ की थी और बीजेपी की सफलता का क्रेडिट भी उन्हें दिया था। तब से बीजेपी के नेता भी शिवसेना पर सीधा हमला करने से बच रहे हैं।

पिछले हफ़्ते ही महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तो यह भी कह दिया कि शिवसेना से हमारे मतभेद हो सकते हैं लेकिन शिवसेना हमारी दुश्मन बिल्कुल भी नहीं है।

 - Satya Hindi

देवेंद्र फडणवीस से पहले शिवसेना के कई नेता दबी जुबान में बीजेपी के साथ फिर से गठबंधन की बात कर चुके हैं। शिवसेना के विधायक और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के क़रीबी माने जाने वाले प्रताप सरनाईक ने कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक चिट्ठी लिखकर यह वकालत की थी कि बीजेपी देश की सबसे बड़ी पार्टी है और ऐसा इशारा किया था कि अगर हम बीजेपी के साथ फिर से सरकार बनाते हैं तो यह पार्टी के हित में होगा। 

बहरहाल, ताज़ा फेरबदल के बाद मोदी मंत्रिमंडल में महाराष्ट्र से 4 मंत्री बनाए गए हैं। उनमें से एक नारायण राणे हैं। वह पहले कांग्रेस में थे, फिर शिवसेना में शामिल हुए थे और बाद में वह बीजेपी में चले गए। इस पर भी राउत ने प्रतिक्रिया दी है। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार राउत ने कहा, 'महाराष्ट्र के दो से चार मंत्रियों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। मूल रूप से वे शिवसेना और राकांपा के सदस्य थे। इसलिए, हमें बीजेपी का आभारी होना चाहिए कि हमारी पार्टी के ऐसे प्रतिभाशाली नेता उनका हिस्सा बने और उन्होंने उन्हें नेता बनाया। वे अच्छा काम करेंगे और भारत और महाराष्ट्र की प्रगति में योगदान देंगे।'

मनसुख मंडाविया की स्वास्थ्य और परिवार मामलों के मंत्री के रूप में नियुक्ति पर संजय राउत ने कहा कि कैबिनेट का एक नया चेहरा सामने आया है और हम इसका स्वागत करते हैं।

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