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बढ़ते जनसमर्थन के बीच SAI अधिकारी महिला पहलवानों से मिले

बढ़ते जनसमर्थन के बीच SAI अधिकारी महिला पहलवानों से मिले

महिला पहलवानों के आंदोलन को देशभर में समर्थन मिल रहा है। आज सुबह जयपुर और हरियाणा के पेहोवा में लोगों ने प्रदर्शन किया। कोलकाता में सोमवार रात कैंडल मार्च निकाला गया। जंतर मंतर पर आज सुबह भी किसान पहुंचे। इस बीच स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के दो अधिकारियों ने महिला पहलवानों से मुलाकात की, लेकिन वो सिर्फ औपचारिकता थी। 

कोलकाता, जयपुर में महिला पहलवानों के समर्थन में मार्च निकाले गए। हरियाणा के पेहोवा में किसानों ने आज मंगलवार सुबह प्रदर्शन किया। जयपुर में आम आदमी पार्टी के समर्थकों ने आज सुबह शहर में रैली निकाली। कोलकाता में डॉक्टरों के संगठनों ने कैंडल मार्च निकाला। हालांकि  भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) के महानिदेशक संदीप प्रधान सहित दो लोगों के प्रतिनिधिमंडल ने पहलवानों द्वारा बनाई गई सलाहकार समिति के सदस्यों से मुलाकात की। साक्षी मलिक ने बताया कि बातचीत के दौरान कोई प्रस्ताव या निर्णय नहीं हुआ और समिति ने केवल पहलवानों की मांगों को आगे रखा। SAI ने अभी तक पहलवानों से बात नहीं की थी।

लेकिन देशभर से आ रही इन तस्वीरों को देखिए। महिला पहलवानों के संबंध में भारत के लोगों का मूड बताने के लिए ये तस्वीरें काफी हैं।

जयपुर में आज मंगलवार सुबह आम आदमी पार्टी और कई जनसंगठनों ने महिला पहलवानों के समर्थन में प्रदर्शन किया। देखिए यह तस्वीर-

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कोलकाता में डॉक्टरों और हेल्थ वर्करों की यह फोटो भी बहुत कुछ बता रही है।

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हरियाणा के पेहोवा में आज मंगलवार सुबह किसान संगठनों ने बीच शहर में मार्च निकाला। किसान जंतर मंतर आने के लिए रवाना हो चुके हैं। ये वीडियो देखिए-

साई अधिकारियों के सामने महिला पहलवानों ने जो मांगें रखी हैं, उनमें भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) अध्यक्ष और भाजपा सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी शामिल है। उनकी यह भी मांग है कि ब्रजभूषण शरण के परिवार के किसी भी सदस्य की कुश्ती महासंघ में किसी भी तरह की भागीदारी नहीं होना चाहिए।

आज मंगलवार को पहलवानों के विरोध का 17वां दिन है। पहलवानों के लिए अगला कदम तय करने के लिए रविवार को आयोजित महापंचायत के बाद पिछले तीन दिनों में किसान संघों और खाप नेताओं का उल्लेखनीय समर्थन देखा गया है। पहलवानों ने खाप नेताओं और वरिष्ठ किसान संघों पर आधारित एक 31 सदस्यीय समिति भी बनाई है जो विरोध के संबंध में बड़े निर्णय लेने में उनकी सहायता करती है।

इस समय सोशल मीडिया पर कई फोटो और वीडियो वायरल हैं, जिनसे महिला पहलवानों को मिल रहे समर्थन का पता चलता है। इसमें वो वीडियो भी शामिल है, जिसमें किसानों को जंतर-मंतर पर पुलिस बैरिकेड्स को तोड़ते हुए प्रदर्शन स्थल पर पहुंचने की हड़बड़ी में दिखाया गया।

इसके जवाब में दिल्ली पुलिस आज धरनास्थल पर चारों तरफ बैरिकेड्स को वेल्डिंग और ईंट सीमेंट से जोड़ती देखी गई ताकि कोई अब बैरिकेडिंग न तोड़ सके। आने वाले दिनों में बड़ी संख्या में किसानों के आने के साथ ही ज्यादा पुलिसकर्मियों की तैनाती होने की उम्मीद है।

भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू), संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) और अन्य खाप नेताओं ने रविवार को पहलवानों के साथ घोषणा की थी कि विरोध प्रदर्शन 21 मई तक चलेगा, जिसके बाद कोई कार्रवाई नहीं होने पर वे अपना अगला बड़ा फैसला लेंगे।

कल सोमवार को एक संक्षिप्त बातचीत में, विनेश फोगाट से सवाल हुआ क्या किसान उनके मंच को 'हाईजैक' करने की कोशिश कर रहे हैं। विनेश फोगाट ने कहा- हम किसानों के परिवारों से आते हैं। यह कहना कि हमारे परिवार के सदस्य 'हाईजैक' कर रहे हैं, यह बहुत गलत है। हमारे परिवार के बड़े बुजुर्ग किसान हैं, वे ही हमें सलाह दे रहे हैं। अगर हम न्याय के लिए लड़ने के लिए बाहर आते हैं, तो क्या आप उम्मीद नहीं करते कि हमारा परिवार आएगा और हमारा समर्थन करेगा? विनेश ने कहा पूरा देश हमारा समर्थन कर रहा है, इसलिए अगला फैसला सिर्फ हम ही नहीं, बल्कि पूरा देश उठाएगा। इसलिए हमने समितियां बनाई हैं।

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विनेश फोगाट (बीच में) के साथ साक्षी मलिक और बाएं बजरंग पुनिया और अन्य पहलवान

विनेश ने यह भी खुलासा किया कि हम कोशिश करना और प्रशिक्षण लेना जारी रखेंगे और बूट पहनने के लिए तैयार रहेंगे, खासकर एशियाई खेलों और ओलंपिक क्वालीफिकेशन चक्र के समय। लेकिन इसमें कोई शक नहीं है कि हमारी ट्रेनिंग बुरी तरह प्रभावित हो रही है। लेकिन अगर हमारा नुकसान होगा तो महिला पहलवानों की भावी पीढ़ी का लाभ होगा, तो हम उसका त्याग करने को तैयार हैं।

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