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पायलट समर्थक विधायकों ने जारी किया वीडियो, आलाकमान को ताक़त दिखाने की कोशिश

पायलट समर्थक विधायकों ने जारी किया वीडियो, आलाकमान को ताक़त दिखाने की कोशिश

राजस्थान में चल रहे सियासी घमासान के बीच उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के समर्थकों की ओर से सोमवार रात को एक वीडियो जारी किया गया है। 

राजस्थान में चल रहे सियासी घमासान के बीच उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के समर्थकों की ओर से सोमवार रात को एक वीडियो जारी किया गया है। वीडियो में 20 लोग दिखाई दे रहे हैं लेकिन यह कहना मुश्किल है कि इनमें से कितने विधायक हैं। इस वीडियो के जरिये पायलट ने यह साबित करने की कोशिश है कि उनके पास कितने विधायकों का समर्थन है। हालांकि इस वीडियो में पायलट नहीं दिखे हैं। 

बताया गया है कि यह वीडियो हरियाणा के मानेसर में स्थित किसी रिसॉर्ट का है। पायलट गुट के 30 विधायकों के समर्थन के दावे के उलट कांग्रेस का कहना है कि यह आंकड़ा 10 से 12 विधायकों का है। 

लेकिन पायलट के ख़िलाफ़ कांग्रेस ने एक्शन ले लिया है। उन्हें उप मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया है। पायलट के अलावा विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को भी मंत्रिमंडल से हटा दिया गया है। गोविंद सिंह डोटासरा को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। 

कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने मंगलवार को कहा, ‘कांग्रेस नेतृत्व ने सचिन पायलट से दो बार बात की, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और कांग्रेस कार्यसमिति के वरिष्ठ सदस्यों ने भी कई बार पायलट से बात की, हमने पायलट और अन्य विधायकों से अपील की कि उनके लिए सारे दरवाजे खुले हुए हैं लेकिन वे बीजेपी के षड्यंत्र में फंसकर राजस्थान सरकार को गिराने की साज़िश में शामिल हो गए।’ सुरजेवाला ने कहा कि इसे क़तई स्वीकार नहीं किया जा सकता।  

कांग्रेस ने पायलट के एक मजबूत समर्थक और विधायक मुकेश भाकर को राजस्थान युवा कांग्रेस के अध्यक्ष पद से हटा दिया है। भाकर ने ट्वीट कर कहा था, ‘कांग्रेस में निष्ठा का मतलब है अशोक गहलोत की गुलामी और वो हमें मंजूर नहीं।’ भाकर लाडनूं सीट से विधायक हैं। 

इस मुद्दे पर देखिए, वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष का वीडियो - 

अशोक गहलोत को झटका 

उधर, उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की बग़ावत के कारण परेशान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एक और झटका लगा है। राज्य सरकार को समर्थन दे रही भारतीय ट्राइबल पार्टी ने अपने दोनों विधायकों को पत्र जारी कर कहा है कि वे सदन में फ़्लोर टेस्ट के लिए वोटिंग के दौरान तटस्थ रहें। ऐसे में यह गहलोत सरकार के लिए एक नई मुश्किल का सबब बन सकता है क्योंकि बीजेपी के कई नेताओं ने कहा है कि गहलोत सरकार अल्पमत में है और उन्होंने फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की है। 

पार्टी ने विधायकों को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर आप पार्टी के व्हिप की अनदेखी करते पाए जाएंगे तो पार्टी की ओर से अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। 

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