+
क्या दिवालिया होने के कगार पर हैं अनिल अंबानी?

क्या दिवालिया होने के कगार पर हैं अनिल अंबानी?

अनिल अंबानी गंभीर आर्थिक और व्यवासायिक संकट से गुजर रहे हैं। उनकी कंपनियां घाटे में चल रही हैं, कई कारोबार बंद होने को हैं। आख़िर मामला क्या है?

“अनिल अंबानी व्यापार में फेल हो चुके हैं और आलोचना को मुक़दमों की बाढ़ में डुबाकर रोकना चाहते है।” देश के रक्षा मामलों के सबसे विश्वसनीय माने जाने वाले विशेषज्ञ पत्रकार अजय शुक्ला ने यह ट्वीट किया।अनिल अंबानी की कंपनी ने शुक्ला पर भी एक हज़ार करोड़ रुपये की मानहानि का मुक़दमा किया है । अंबानी का ये मुक़दमा रफ़ाल के संबंध में हैं। अंबानी का हाल के दिनों मे दूसरों पर किया ये तीसवाँ मुक़दमा है। वे क़रीब बीस मुक़दमे तो मीडिया पर ही कर चुके हैं। आठ मुक़दमे उन्होने विपक्षी नेताओं पर कर रखे हैं। 

विपक्षी दलों और पत्रकारों के एक तबक़े को रफ़ाल जंगी जहाज़ों की ख़रीद में आशंका है कि सच बताने की जगह मोदी सरकार तथ्यों को छिपाने की हरसंभव कोशिश कर रही है। अनिल अंबानी की कंपनी को दसॉ कंपनी ने ऑफ़सेट पार्टनर बनाया है जबकि अंबानी की कंपनी को रक्षा मामलों का कोई अनुभव नहीं है। इस कारण वे लोगों की नज़र में चढ़े हुए हैं। 

भाई पास, भाई फ़ेल

दुनिया भर के खरबपतियों की दौलत का अंदाज़ा लगाने वाली पत्रिका फ़ोर्ब्स के पिछले महीने के आँकड़ों के अनुसार, 2006 में पारिवारिक विभाजन होने के बाद मुकेश अंबानी की निजी हैसियत जहाँ 41.2 बिलियन डॉलर तक जा पहुँची है, वहीं अनिल अंबानी की निजी हैसियत कुल 2 बिलियन डॉलर के आसपास ही बची है। अनिल अंबानी का सबसे बड़ा बिज़नेस रिलायंस कम्यूनिकेशन चौराहे पर 'सेल' का बोर्ड लगाए बीते दो साल से टुकड़ों-टुकड़ों में बिक रहा है। 

 - Satya Hindi

कार्टून: चंचल

औने-पौने में बेची कंपनी

देसी बैंकों के करीब 45 हज़ार करोड़ रुपये का देनदार यह उद्यम मोदी जी की 2017 में आई NCLT स्कीम के तहत बैंकों के कर्ज़ से मुक्ति की बाट जोह रहा है। बीते अगस्त में ही क़र्ज़ों की किस्त चुकाने में लगातार होते डिफॉल्ट से हड़बड़ा कर अनिल अंबानी ने रिलायंस इन्फ़्रास्ट्रक्चर के मुंबई के वितरण अधिकार को अडानी ट्रांसमिशन के हाथ औने-पौने दामों में बेच दिया था। इसके पहले वे मीडिया और एंटरटेनमेंट कंपनी का हिस्सा बेच चुके थे और सीमेंट व सड़क सेक्टर के हिस्से की बिक्री आदित्य बिड़ला के हाथ पिछले महीने ही पूरी हुई है। 

 - Satya Hindi

रिलायंस नेवल शुरुआत में ही विवादों के घेरे में आ गया।

दिवालिया अनिल अंबानी 

अनिल अंबानी के फेल होने की ख़बरों पर देसी बैंकों की बक़ाया वसूली रफ़्तार भले ही राजनैतिक प्रश्रय के कारण सुस्त हो, पर चाइना डिवेलपमेंट बैंक ने बीते बरस ही क़रीब दो बिलियन डॉलर की वसूली के लिये इनको दिवालिया घोषित किये जाने का मुक़दमा ठोंक रखा है। रिलायंस नेवल ऐंड इंजिनियरिंग लिमिटेड नाम की इनकी रक्षा व्यापार की फ़्लैगशिप कंपनी से करीब 6 हज़ार करोड़ की देनदारी में से अपने क़रीब साढ़े बारह सौ करोड़ रुपये वसूलने और कंपनी को दिवालिया घोषित कराने के लिए आईडीबीआई बैंक भी थक-हार कर इसी सितंबर को कोर्ट चला गया। बाक़ी लेनदार बैंक भी देर-सबेर इसी रास्ते जाने को मजबूर हैं! 

मामला गंभीर

स्वीडिश टेलिकॉम कंपनी एरिक्सन का मामला तो और गंभीर है। सुप्रीम कोर्ट के एक सेटलमेंट फ़ैसले के अनुसार अनिल अंबानी की कंपनी को एक तय तारीख़ तक कुल साढ़े पाँच सौ करोड़ रुपये चुकाने थे जिसमें कंपनी फ़ेल हो गई। थक-हार कर एरिक्सन को सुप्रीम कोर्ट में अदालत की अवमानना की याचिका दायर करनी पड़ी, जिससे सारी दुनिया में अनिल अंबानी की माली हालत की दिवालिया सूरत आम हो गई। आप नेता और सांसद संजय सिंह के ऊपर भी अनिल अंबानी ने मानहानि का मुक़दमा किया हुआ है। वे कहते हैं, 'जो ख़ुद एक लाख करोड़ से ज़्यादा का देसी बैंकों का डिफॉल्टर है और जिसकी तमाम कंपनियाँ दिवालिया घोषित होने का मुक़दमा झेल रही हैं, वह मुझ पर और पत्रकारों पर किस मान की हानि का मुक़दमा कर रहा है'

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें