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यूक्रेन संकट: रूसी संसद ने राष्ट्रपति को दी देश से बाहर सेना भेजने को मंजूरी

यूक्रेन संकट: रूसी संसद ने राष्ट्रपति को दी देश से बाहर सेना भेजने को मंजूरी

रूस का यूक्रेन पर हमला क्या अब नहीं टलेगा? जानिए, रूसी संसद द्वारा सैनिकों को देश से बाहर भेजने को मंजूरी देने का क्या मतलब है।

यूक्रेन संकट पर हलचल तेज़ हो गई है। रूसी संसद के ऊपरी सदन ने मंगलवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को यूक्रेन में अलगाववादियों का समर्थन करने के लिए देश के बाहर रूसी सेना का उपयोग करने की अनुमति दे दी है। इस फ़ैसले का कुल 153 रूसी सीनेटरों ने समर्थन किया। किसी ने भी न तो विरोध में वोट दिया और न ही वोटिंग से परहेज किया।

चैंबर के स्पीकर ने कहा कि पुतिन ने यूक्रेन के दो पूर्वी क्षेत्रों को औपचारिक रूप से मान्यता देने के बाद सांसदों से विदेश में रूस के सशस्त्र बलों का इस्तेमाल करने की अनुमति मांगी थी। बता दें कि रूस की संसद ने ही सबसे पहली बार राष्ट्रपति पुतिन से कहा था कि पूर्वी यूक्रेन के दोनों क्षेत्रों को मान्यता देने का प्रस्ताव लाएँ।

रूस और यूक्रेन में बढ़ती हलचल के बीच ब्रिटेन के एक मंत्री ने तो पहले ही कह दिया है कि निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि यूक्रेन में रूसी हमला शुरू हो चुका है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने आज की गतिविधियों को देखते हुए रूस के पाँच बैंकों और तीन अरबपतियों पर ब्रिटेन में प्रतिबंध भी लगा दिया है। 

व्हाइट हाउस ने भी पूर्वी यूक्रेन में रूसी सैनिकों की तैनाती को एक 'आक्रमण' के रूप में बताना शुरू कर दिया है। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि अमेरिका मास्को के ख़िलाफ़ गंभीर प्रतिबंध लगाएगा। आज ही यूक्रेन के स्पेस में अमेरिका के टोही विमान को देखा गया। इन घटनाक्रमों से अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि रूस और यूक्रेन के बीच धीरे-धीरे हालात बेहद नाज़ुक दौर में पहुँच गए हैं और ये लगातार ख़राब ही होते जा रहे हैं।

बता दें कि आज ही ब्रिटिश स्वास्थ्य सचिव साजिद जाविद ने स्काई न्यूज को बताया है, 'आप निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि यूक्रेन पर आक्रमण शुरू हो गया है। ...रूसी लोगों, राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन की संप्रभुता और इसकी क्षेत्रीय अखंडता पर हमला करने का फ़ैसला किया है।'

ब्रिटिश स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यूक्रेन में रूस की कार्रवाइयों ने 1962 के क्यूबा मिसाइल संकट जैसी गंभीर स्थिति पैदा कर दी है, जब संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ के बीच टकराव ने दुनिया को परमाणु युद्ध के कगार पर ला दिया था।

क्यूबा मिसाइल संकट 1962 में शुरू हुआ था जब सोवियत संघ ने क्यूबा को बैलिस्टिक मिसाइल भेजकर तुर्की में अमेरिकी मिसाइल तैनाती का जवाब दिया था।

यूक्रेनी नेता वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने मंगलवार को नॉर्ड स्टीम 2 परियोजना को तत्काल रोकने की मांग की। यूक्रेन दो अलग-अलग क्षेत्रों की मान्यता के जवाब में मास्को के साथ संबंध तोड़ने के लिए तैयार है। ज़ेलेंस्की ने संवाददाताओं से यह भी कहा कि क्रेमलिन यूक्रेन पर एक बड़े सैन्य हमले का मार्ग प्रशस्त कर रहा है।

 - Satya Hindi

जब रूसी राष्ट्रपति ने पूर्वी यूक्रेन के दोनों क्षेत्रों को मान्यता देने और सैनिकों की तैनाती के आदेश देने की घोषणा की तो पूरी दुनिया में तीखी प्रतिक्रिया हुई।

ब्रिटेन की संसद को संबोधित करते हुए बोरिस जॉनसन ने इसे उसके पश्चिमी पड़ोसी देश पर एक नए तरह का आक्रमण और संपूर्ण आक्रामक का बहाना क़रार दिया। एएफ़पी की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने सांसदों से कहा, 'ब्रिटेन और हमारे सहयोगी रूस पर प्रतिबंध लगाना शुरू कर देंगे जो हमने पहले ही तैयार कर लिया है... रूसी व्यक्तियों और क्रेमलिन की रणनीतिक महत्व की संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाने के लिए भी तैयारी है।'

ब्रिटेन के फ़ैसले से जिन पांच बैंकों को निशाना बनाया गया है उनमें रोसिया, आईएस बैंक, जनरल बैंक, प्रोम्सवाज़बैंक और ब्लैक सी बैंक शामिल हैं। इनके अलावा तीन लोगों की ब्रिटेन में सभी संपत्ति फ्रीज रहेगी। इसका मतलब है कि पाँचों बैंक और तीनों लोग अपनी संपत्ति से कारोबार नहीं कर सकते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि संबंधित व्यक्तियों- गेन्नेडी टिमचेंको, बोरिस रोटेनबर्ग और इगोर रोटेनबर्ग को ब्रिटेन की यात्रा करने पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा और ब्रिटेन के सभी व्यक्तियों और संस्थाओं को उनके और बैंकों के साथ लेनदेन करने पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। जॉनसन ने कहा कि यदि क्रेमलिन ने और आक्रामकता दिखाई तो आगे के प्रतिबंध लगाने के लिए तैयारी है। उन्होंने कहा कि ऐसा होने पर यह 'एक लंबा संकट' होगा।

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