रूस और वैगनर में समझौता, ग्रुप के चीफ पर आरोप खत्म, देश छोड़ेगा
रूस और मिलिशिया नेता येवगेनी प्रिगोझिन के बीच समझौता हो गया है। प्रिगोझिन वैगनर समूह का चीफ है। क्रेमलिन ने एक बयान में कहा कि येवगेनी प्रिगोझिन बेलारूस चले जाएंगे और उनके खिलाफ आपराधिक केस हटा दिया जाएगा। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने संवाददाताओं से कहा, "रक्तपात, आंतरिक टकराव और अप्रत्याशित परिणामों वाले संघर्ष से बचना सर्वोच्च लक्ष्य था।"
पेसकोव ने कहा, बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको की मध्यस्थता में हुए इस समझौते के तहत, वैगनर लड़ाकों पर मुकदमा नहीं चलाया जाएगा। रूस ने कहा कि "हमने हमेशा अग्रिम मोर्चे पर उनके वीरतापूर्ण कार्यों का सम्मान किया है।" पेस्कोव ने कहा, "इस समझौते के तहत वैगनर अपने ठिकानों पर लौट जाएंगे।" उन्होंने कहा कि जिन लड़ाकों ने विद्रोह में भाग नहीं लिया था, उन्हें औपचारिक रूप से रूसी सेना में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी।
प्रिगोझिन ने शनिवार को मॉस्को की ओर अपने सैनिकों की बढ़त रोक दी और रूस को दशकों के सबसे गंभीर सुरक्षा संकट से बचा लिया। वैगनर प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन और रूस के सैन्य शीर्ष अधिकारियों के बीच विवाद शनिवार को बढ़ गया था, जब भाड़े के वैगनर सैनिकों ने दक्षिणी रूस में एक प्रमुख सेना मुख्यालय पर कब्जा कर लिया था और फिर धमकी देने के लिए उत्तर की ओर बढ़ रहे थे।
पेसकोव ने यह भी कहा कि इस "सवाल का जवाब अभी नहीं" मिलेगा कि वैगनर का का इस्तेमाल रूस अपने यूक्रेन अभियान में करेगा। उन्होंने कहा कि मॉस्को संकट में मध्यस्थता में उनकी भूमिका के लिए बेलारूस के राष्ट्रपति लुकाशेंको का आभारी है।
समझौते की अन्य शर्तेंः प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने खुलासा किया कि सेंट पीटर्सबर्ग के बिजनेस टाइकून प्रिगोझिन, जिन्होंने खानपान में अपनी प्रारंभिक संपत्ति बनाई, "बेलारूस जाएंगे।"
उन्होंने कहा कि यूक्रेन संघर्ष के मोर्चे पर उनके प्रयासों को ध्यान में रखते हुए, वैगनर के लड़ाकों को सताया नहीं जाएगा। पेसकोव ने बताया कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की टीम ने "हमेशा उनके कारनामों का सम्मान किया है।" पेसकोव ने कहा कि जिन पीएमसी कॉन्ट्रैक्टर्स ने विद्रोह में भाग लेने से इनकार कर दिया था - और पूरी इकाइयों ने ऐसा नहीं किया - उन्हें रूसी रक्षा मंत्रालय के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर करने की अनुमति दी जाएगी।
बता दें कि वैगनर ने रातोंरात रूस में एक बड़ा विद्रोह शुरू कर दिया, रोस्तोव-ऑन-डॉन शहर में दक्षिणी सैन्य जिला मुख्यालय पर नियंत्रण कर लिया, साथ ही मास्को की ओर आगे बढ़ गए। प्रिगोझिन और बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के बीच बातचीत के बाद शनिवार देर रात विद्रोह रोक दिया गया, जिसमें पीएमसी नेता अपनी इकाइयों को उनके "फील्ड शिविरों" में वापस करने पर सहमत हुए।