ईडी के सामने पेश नहीं हुईं रूजिरा बनर्जी, कोरोना का दिया हवाला
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी की पत्नी रूजिरा बनर्जी बुधवार को ईडी के सामने पेश नहीं हुईं। ईडी ने उन्हें समन किया था कि वे एक सितंबर को जांच एजेंसी के नई दिल्ली स्थित दफ़्तर में पेश हों। ईडी ने अभिषेक बनर्जी से छह सितंबर को जबकि उनके वकील संजय बासु से तीन सितंबर को पेश होने के लिए कहा है।
ईडी ने सभी को कोयला घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में समन भेजा था। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भी कोयला घोटाले को लेकर सीबीआई ने रूजिरा से पूछताछ की थी। उनकी बहन और परिवार से भी पूछताछ की गई थी। सीबीआई ने पूछा था कि कोयला घोटाले के आरोपी अनूप मांझी ने रूजिरा को पैसे क्यों दिए।
रूजिरा ने ईडी को भेजे जवाब में कहा है कि कोरोना के दौरान उनके लिए यह सुरक्षित नहीं होगा कि वह अपने दो बच्चों के साथ अकेले दिल्ली आएं। रूजिरा ने ईडी से अनुरोध किया है कि वह उनसे उनके कोलकाता स्थित आवास पर ही पूछताछ कर ले।
ईडी ने पश्चिम बंगाल पुलिस के दो सीनियर आईपीएस अफ़सरों- श्याम सिंह और ज्ञानवंत सिंह से भी कहा है कि वे भी इसी मामले में क्रमश: 8 व 9 सितंबर को ईडी के सामने हाज़िरी लगाएं। ईडी ने इस मामले में सीबीआई के द्वारा दर्ज एफ़आईआर के आधार पर जांच शुरू की है।
इधर, मंगलवार को कालीघाट में आयोजित टीएमसी छात्र परिषद के एक कार्यक्रम में अभिषेक बनर्जी ने कहा, “बीजेपी सोचती है कि वह ईडी का इस्तेमाल कर हम पर दबाव बना सकती है लेकिन हम और मजबूत होकर सामने आएंगे। टीएमसी बीजेपी के ख़िलाफ़ हर राज्य में लड़ाई लड़ेगी।”
ममता का हमला
अभिषेक बनर्जी और रूजिरा बनर्जी को समन भेजे जाने पर ममता बनर्जी बीजेपी पर भड़क गई थीं। ममता ने कहा था कि बीजेपी केंद्रीय एजेंसियों को हमारे ख़िलाफ़ इस्तेमाल कर रही है। अभिषेक बनर्जी पश्चिम बंगाल की डायमंड हार्बर सीट से सांसद हैं।
ममता ने कहा था, “आपने हमारे ख़िलाफ़ ईडी को क्यों छोड़ दिया है। हम जानते हैं कि जवाब किस तरह देना है। हम गुजरात का इतिहास जानते हैं।”
मुख्यमंत्री ने कहा था, “कोयला घोटाले के मामले में टीएमसी पर उंगली उठाने का कोई फ़ायदा नहीं है। उन बीजेपी नेताओं के बारे में क्या कहेंगे जिन्होंने बंगाल के आसनसोल इलाक़े की कोयले की बेल्ट को लूट लिया।”
सीबीआई ने पूर्वी कोलफील्ड लिमिटेड के कुनुस्तोरिया और कजोरिया कोयला क्षेत्रों से अवैध खनन और कोयले की चोरी की जांच के मामले में नवंबर, 2019 में केस दर्ज किया था। इस मामले में आरोप है कि कोयला माफिया ने बंगाल में सत्तारूढ़ टीएमसी के नेताओं को नियमित रूप से घूस दी।
टीएमसी से मिलती चुनौती
पश्चिम बंगाल के सियासी किले को महफ़ूज रखने में कामयाब रहीं ममता बनर्जी टीएमसी के सियासी विस्तार के काम में जुटी हैं। बंगाल से बाहर जिन राज्यों पर उनकी नज़र है, वह त्रिपुरा और असम हैं। टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी पर त्रिपुरा के दौरे के दौरान हमला भी हो चुका है।इन दोनों ही राज्यों में बीजेपी की सरकार है। ममता बनर्जी की कोशिश कई राज्यों में टीएमसी का संगठन खड़ा करने और विपक्षी दलों का एक मजबूत एंटी बीजेपी फ्रंट बनाने की है। इसी के तहत वे हाल ही में दो दिन के दिल्ली दौरे पर आई थीं। इस तरह ममता लगातार बीजेपी को चुनौती देने के काम में जुटी हैं।