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राजस्थानः खनन माफिया पर घमासान, मंत्री को हटाने की मांग, साधु की मौत

राजस्थानः खनन माफिया पर घमासान, मंत्री को हटाने की मांग, साधु की मौत

राजस्थान में खनन माफिया पर घमासान मचा हुआ है। अशोक गहलोत की मुश्किलें बढ़ रही हैं। राज्य के कांग्रेस विधायक ने खनन मंत्री प्रमोद भाया को हटाने की मांग कर दी है। इस बीच आत्मदाह की कोशिश करने वाले साधु की इलाज के दौरान मौत हो गई है। जानिए पूरी राजनीति।

राजस्थान में खनन माफिया पर सरकार में घमासान मचा हुआ है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत काफी दबाव में आ गए हैं। कांग्रेस विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने मुख्यमंत्री गहलोत को पत्र लिखकर राज्य के खनन मंत्री प्रमोद भाया को बर्खास्त करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा, अगर राज्य में खनन माफिया पर नियंत्रण पाना है तो मंत्री को हटाना पड़ेगा।

विधायक ने पत्र में लिखा है कि मैं आपका ध्यान भरतपुर की पहाड़ियों में पिछले 551 दिनों से अवैध पत्थर खनन के खिलाफ आंदोलन कर रहे साधुओं और मामले को लेकर खुद को आग लगाने वाले साधु की ओर आकर्षित करना चाहता हूं। यह अवैध खनन बिना समर्थन संभव नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि "राज्य का सबसे बड़ा खनन माफिया" खुद खनन मंत्री हैं।

साधु की मौत

भरतपुर के आदि बद्रीनाथ और कनखाचल पहाड़ी इलाकों में राज्य सरकार द्वारा खदानों को बंद करने का आश्वासन देने के बाद गुरूवार को साधुओं का डेढ़ साल का आंदोलन समाप्त हो गया। लेकिन इस दौरान साधु विजय दास की मौत हो गई। आंदोलन के दौरान विजय दास ने इस मुद्दे पर खुद को आग लगा ली। गंभीर हालत में उन्हें गुरुवार को दिल्ली के अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन दास ने शनिवार सुबह दम तोड़ दिया।

कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने गुरुवार को घोषणा की थी कि वह 15 दिनों के भीतर उस क्षेत्र को घोषित करने के लिए एक अधिसूचना जारी करेगी जहां खदानों का संचालन वन क्षेत्र के रूप में किया जाता है ताकि खदानों को कहीं और ट्रांसफर किया जा सके।

भरतपुर के जिला कलेक्टर आलोक रंजन के अनुसार आदि बद्रीनाथ क्षेत्र में कुल 34 और कनखाचल हिल्स क्षेत्र में 11 खदानें संचालित की जा रही हैं। खदानों को 2000 से 2018 के बीच आवंटित किया गया था।

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