आरएसएस के निशाने पर फिर आमिर ख़ान, बताया 'चीन का पसंदीदा'
फ़िल्म स्टार आमिर ख़ान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के निशाने पर एक बार फिर हैं। इस बार वजह है चीन में उनकी लोकप्रियता। उन्हें निशाने पर संघ के किसी छुटभैया स्वयंसेवक ने नहीं लिया है। संघ के मुखपत्र 'पांचजन्य' में लेख लिख कर यह सवाल उठाया गया है कि आख़िर आमिर चीन में इतने लोकप्रिय क्यों हैं, उनकी फ़िल्में वहां इतना अच्छा व्यवसाय कैसे कर लेती है।
चीन के पसंदीदा हैं आमिर
पांचजन्य' ने 'ड्रैगन्स फ़ेवरिट ख़ान' में सवाल उठाया है,
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'आमिर ख़ान की फ़िल्म चीन में इतना क्यों चलती हैं जबकि दूसरे कलाकारों की फ़िल्में उतनी नहीं चलती हैं उनकी फ़िल्म दंगल ने चीन में बहुत ही अच्छा प्रदर्शन किया जबकि सलमान ख़ान की फ़िल्म सुल्तान उतनी नहीं चलीं।'
पांचजन्य के लेख का एक अंश
उसी लेख में कहा गया है कि 'आमिर ख़ान चीनी उत्पादों के ब्रांड अम्बेसडर हैं'। आमिर ख़ान के फ़िल्मों की चर्चा करते हुए कहा गया है कि 'पहले देशभक्ति की फ़िल्में बनती थीं।' कहा गया है, 'बीते 5-6 साल में उरी-द सर्जिकल स्ट्राइक, मणिकर्णिका जैसी राष्ट्रभक्ति से जुड़ी फ़िल्में बनीं।'
आमिर ख़ान का नाम लिए बग़ैर कहा गया है, 'लेकिन ऐसे भी अभिनेता हैं जो अपने देश की बजाय चीन और तुर्की जैसे प्रतिद्वंद्वी देशों को अधिक पसंद करते हैं।'
पहले बहाना था तुर्की
इसके पहले अपनी फ़िल्म 'लाल सिंह चड्ढा' की शूटिंग के लिए तुर्की गए आमिर ने वहाँ के राष्ट्रपति की पत्नी एमीने अर्दवान से मुलाक़ात की तो उनकी देशभक्ति पर सवाल उठे। विश्व हिन्दू परिषद, बीजेपी से सहानुभूति रखने वाले लोग और दूसरे कई तरह के लोग सोशल मीडिया पर आमिर ख़ान पर टूट पड़े। विश्व हिन्दू परिषद ने इस अभिनेता की यह कह कर आलोचना की कि 'भारत-विरोधी तत्वों' से उनका प्रेम बढ़ता ही जा रहा है।'द प्रिंट' के अनुसार, वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा,
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'कुछ लोग और अभिनेता उन लोगों के प्रति झुकाव रखते हैं जो भारत-विरोध के लिए जाने जाते हैं। तुर्की की प्रथम महिला से एक अभिनेता के मुलाक़ात करने में गौरव का अनुभव करने से काफ़ी कुछ साफ़ हो जाता है।'
आलोक कुमार, अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष, वीएचपी
इसी क्रम में वीएचपी के प्रवक्ता विनोद बंसल ने 'द प्रिंट' से कहा, 'भारत के लोगों और भारतीय दर्शकों ने उनके साथ इतना अच्छा बर्ताव किया और उन्हें अभिनेता बना दिया, आज वे लोग भारत-विरोधी तुर्की के लोगों से मिलने में गौरव का अनुभव कर रहे हैं।'
विवाद की शुरुआत तब हुई जब तुर्की की प्रथम महिला एमिने अर्दोवान ने ट्वीट कर खुशी जताई कि एक भारतीय अभिनेता अपनी फ़िल्म की शूटिंग तुर्की में कर रहा है। उन्होंने कहा, 'मुझे दुनिया के मशहूर भारतीय अभिनेता, फ़िल्म प्रोड्यूसर और निर्देशक आमिर ख़ान से इंस्ताम्बुल में मिल कर बहुत खुशी हुई।'