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शहीद करकरे की इज्जत नहीं कर सकता, संघ के नेता इंद्रेश बोले

शहीद करकरे की इज्जत नहीं कर सकता, संघ के नेता इंद्रेश बोले

लगता है कि बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के नेता मुंबई हमले में देश की रक्षा के लिए अपनी जान की बाज़ी लगा देने वाले हेमंत करकरे के लिए थोड़ा सा भी सम्मान नहीं रखते।

लगता है कि बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के नेता मुंबई हमले में देश की रक्षा के लिए अपनी जान की बाज़ी लगा देने वाले हेमंत करकरे के लिए थोड़ा सा भी सम्मान नहीं रखते। बीजेपी और संघ के नेताओं के बयानों से यह बात साबित भी होती है। संघ के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार ने शहीद हेमंत करकरे को लेकर ऐसा ही बयान दिया है। 

इंद्रेश कुमार ने कहा, ‘आतंकी हमले में मारे गए हेमंत करकरे को श्रद्धांजलि दी जा सकती है लेकिन उनका आदर नहीं किया जा सकता है।’ कुमार ने आगे कहा, ‘करकरे के बलिदान का सम्मान है लेकिन करकरे के अत्याचार को भी अंकित करना ज़रूरी है।’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने मालेगाँव बम धमाकों की अभियुक्त साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को यातनाएँ दी थीं और साध्वी पर किए गए अत्याचार पूरी तरह ग़लत थे और करकरे को ऐसा नहीं करना चाहिए था।

बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 में भोपाल से बीजेपी की उम्मीदवार बनाई गईं साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने उस दौरान दावा किया था कि जब वह पुलिस की हिरासत में थीं तो करकरे ने उन्हें जमकर यातनाएँ दी थीं और उनके श्राप के कारण ही 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमले में करकरे की मौत हो गई थी। तब साध्वी प्रज्ञा ने कहा था, 'तेरा (हेमंत करकरे) सर्वनाश होगा। ठीक सवा महीने में सूतक लगा है। जिस दिन मैं गई थी, उस दिन उसे सूतक लग गया था और ठीक सवा महीने में उसको आतंकवादियों ने मारा और उसका अंत हो गया।' 

तब प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर ख़ासा विवाद हुआ था और साध्वी को अपना बयान वापस लेना पड़ा था। भारतीय जनता पार्टी ने साध्वी के इस बयान से ख़ुद को अलग कर लिया था और कहा था कि यह साध्वी के निजी विचार हैं। लेकिन जब साध्वी का टिकट वापस लेने के लिए दबाव बना तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने प्रज्ञा को टिकट दिए जाने का समर्थन किया था।

इंद्रेश कुमार ने साध्वी प्रज्ञा के हेमंत करकरे को लेकर दिए इस बयान पर माफ़ी माँगने पर उनकी तारीफ़ भी की। कुमार ने कहा कि हमें इस बात को भी स्वीकार करना चाहिए कि प्रज्ञा ठाकुर ने मानवता दिखाते हुए अपने बयान को वापस ले लिया था। संघ के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘आप मीडिया वाले लोग किसी भी बात को खींचने में लगे रहे और उनसे तीख़े सवाल पूछते रहे। मैं कहना चाहता हूँ कि जब साध्वी ने अपने बयान पर ख़ेद जता दिया तो आपको उसे भी ध्यान में रखना चाहिए।’ आरएसएस नेता ने कहा कि इसे लेकर हो सकता है कि मीडिया का कोई एजेंडा रहा हो।

गोडसे को बताया था देशभक्त

इसके अलावा साध्वी प्रज्ञा चुनाव प्रचार के दौरान महात्मा गाँधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने को लेकर भी विवादों में रही थीं। प्रज्ञा ने एक पत्रकार के सवाल पूछने पर कहा था, ‘नाथूराम गोडसे देशभक्त थे, हैं और रहेंगे। जो लोग उन्हें आतंकवादी कह रहे हैं, उन्हें अपने गिरेबान में झाँकना चाहिए। ऐसे लोगों को इस चुनाव में जवाब दे दिया जाएगा।’ साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। प्रज्ञा के बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें कड़ी फटकार लगाई थी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि प्रज्ञा का बयान घृणा के लायक है और इसके लिए वह कभी उन्हें मन से माफ़ नहीं कर पायेंगे। तब प्रज्ञा को अपना बयान वापस लेना पड़ा था। लेकिन तब भी बीजेपी ने प्रज्ञा की उम्मीदवारी को वापस नहीं लिया था। लोकसभा चुनाव में प्रज्ञा ठाकुर ने कांग्रेस उम्मीदवार और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को बड़े अंतर से चुनाव हराया था। साध्वी प्रज्ञा मालेगाँव बम धमाकों के मामले में जमानत पर हैं।

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