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अब फैमिली शाखा लगाएगा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ 

अब फैमिली शाखा लगाएगा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ 

संघ के मुताबिक, फैमिली शाखा के तहत एक ही छत के नीचे महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग कार्यक्रम होंगे और बच्चों के लिए भी इसमें कार्यक्रम किए जाएंगे जिससे परिवार के सभी सदस्य एक जगह पर आ सकें और समय बिता सकें। 

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ फैमिली शाखा लगाने पर विचार कर रहा है। फैमिली शाखा का विचार विशेषकर उन हिंदुओं के लिए है, जो विदेशों में रहते हैं। न्यूज़ 18 के मुताबिक, आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने बताया कि फैमिली शाखा को लेकर चर्चा चल रही है और इसे लेकर अच्छा रिस्पांस भी मिल रहा है। हालांकि इसे लागू किए जाने में 1 से 2 साल का वक्त लग सकता है। इस तरह की शाखाएं भारत में भी लगाई जाएंगी। 

बता दें कि साल 2025 में संघ के 100 साल पूरे हो जाएंगे। संघ अपने विस्तार पर लगातार काम कर रहा है। 

संघ ने कहा है कि विदेशों की सांस्कृतिक और भौगोलिक स्थिति को देखते हुए आरएसएस फैमिली शाखा का विचार लेकर सामने आया है।

संघ के एक सूत्र ने न्यूज़ 18 से कहा कि ऐसे बहुत कम दिन होते हैं जब एक परिवार साथ बैठता है और ऐसे में उस दिन अगर परिवार का एक सदस्य शाखा में चला जाता है तो परिवार के बाकी लोग परेशान होते हैं, क्योंकि वे अलग-अलग समय नहीं बिताना चाहते। इसलिए संघ ने इस बात का फैसला किया है कि परिवार के हर सदस्य के लिए शाखा लगाई जाए। 

उन्होंने बताया कि फैमिली शाखा के तहत एक ही छत के नीचे महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग कार्यक्रम होंगे और बच्चों के लिए भी इसमें कार्यक्रम किए जाएंगे जिससे परिवार के सभी सदस्य एक जगह पर आ सकें और समय बिता सकें। 

उन्होंने अपनी बात को और साफ करते हुए कहा कि फैमिली शाखा में सभी के लिए अलग-अलग क्षेत्र होगा और अलग-अलग एक्टिविटी होंगी क्योंकि महिलाओं, पुरुषों और बच्चों की एक्टिविटीज अलग-अलग होती हैं, इसलिए फैमिली शाखा के तहत पूरा परिवार एक ही जगह पर अलग-अलग एक्टिविटीज करते हुए अपना दिन बिता सकेगा। 

संघ के सूत्र ने कहा कि अब भारत में भी विदेशों जैसे हालात बनते जा रहे हैं जहां पर परिवार अकेले पड़ते जा रहे हैं क्योंकि माता और पिता दोनों कामकाजी हैं और उनके पास परिवार के लिए काफी कम वक्त बचता है।

यह पूछे जाने पर कि फैमिली शाखा का प्रस्ताव किस तरह मन में आया, इस बारे में संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि ऐसा विचार है कि इसे शुरू होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम संघ में प्रयोगों को बढ़ावा देते हैं और इसके अच्छे और बुरे पहलुओं पर पर चर्चा भी करते हैं। 

जानकारी के मुताबिक, 2017 तक देश के अलग-अलग 36,729 स्थानों में संघ की 57,185 शाखाएं लगती हैं। इसके अलावा 14,896 स्थानों में साप्ताहिक और 7594 मासिक बैठकें भी होती हैं। संघ के लोग अनौपचारिक रूप से दावा करते हैं कि उसके सदस्यों की संख्या 1 करोड़ से ज़्यादा है।

 - Satya Hindi

और महिलाओं को जोड़ेगी राष्ट्र सेविका समिति 

इसके अलावा आरएसएस की महिला शाखा मानी जाने वाली राष्ट्र सेविका समिति भी महानगरों में अपनी शाखाओं में महिलाओं की संख्या बढ़ाने पर काम कर रही है। राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख वेंकटारमैया शांताकुमारी ने द हिंदू को बताया कि हमारे सामने चुनौती है कि हम डॉक्टर्स, टीचर्स, इंजीनियर्स, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और बहुराष्ट्रीय कंपनियों में काम करने वाली महिलाओं के बीच अपनी भागीदारी को किस तरह बढ़ाएं।

राष्ट्र सेविका समिति की शाखाओं में महिलाओं की चुनौतियों पर चर्चा होती है। समिति देशभर में 272 शाखाएं लगाती है और उसके पास 6000 प्रचारिकाएं हैं। समिति की टीम में प्रचारिकाएं, सेविकाएं और विस्तारक हैं। समिति की ओर से महिलाओं को परिवार और मातृत्व के बारे में भी बताया जाता है। 

यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की महिला शाखा नहीं है। लेकिन संघ की विचारधारा पर ही काम करती है। इस संगठन की स्थापना 1936 में लक्ष्मीबाई केलकर ने की थी। 

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