संघ प्रमुख मोहन भागवत : कोरोना की पहली लहर के बाद सरकार हो गई लापरवाह
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह यानी प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि कोरोना की पहली लहर के बाद सरकार लापरवाह हो गई। उन्होंने कहा, हालांकि सबको पता था कि दूसरी लहर आएगी, डॉक्टरों ने भी आगाह किया था, लेकिन सरकार और जनता, सभी लोग इसे लेकर लापरवाह हो गए।
संघ प्रमुख ने कहा, 'कोरोना की पहली लहर के बाद हम सब लापरवाह हो गए, जनता, सरकार, प्रशासन। हम सब जानते थे कि यह होने वाला है। डॉक्टरों ने हमें चेतावनी दे दी थी। पर हम लापरवाह बने रहे।'
भागवत ने इसके आगे कहा, 'अब वे कह रहे हैं कि तीसरी लहर भी आ सकती है। क्या हमें इससे डरना चाहिए, या वायरस से लड़ कर उसे हराने का सही रवैया हममे है?'
कोरोना रिस्पॉन्स टीम
संघ प्रमुख कई समाज सेवा समूहों की ओर से चलाए जा रहे 'कोरोना रिस्पॉन्स टीम' के कार्यक्रम में बोल रहे थे। आरएसएस इसका संयोजक है। इसकी पहली बैठक 11 मई को हुई। इसके ऑनलाइन कार्यक्रम में विप्रो समूह के प्रमुख अज़ीम प्रेमजी और अध्यात्मिक गुरु जग्गी वासुदेव भी बोल चुके हैं।आरएसएस प्रमुख ने कहा, 'जीवन और मृत्यु का चक्र चलता रहेगा, ये बातें हमें डरा नहीं सकतीं। यही चीजें हमें भविष्य का प्रशिक्षण देंगी। जीत अंतिम नहीं है, हार अंतिम नहीं है। चलते रहने की हिम्मत ही सबसे महत्वपूर्ण है।'
मोहन भागवत का यह कहना कि सरकार कोरोना को लेकर लापरवाह हो गई, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर बहुत बड़ा सवाल खड़ा करता है क्योंकि बीजेपी की मूल नियामक, सैद्धान्तिक व वैचारिक संस्था आरएसएस ही है।
अब क्या कहेगी सरकार?
विपक्ष, वैज्ञानिक, देशी-विदेशी विशेषज्ञ और कई तरह के दूसरे लोग कोरोना को नियंत्रित करने के मुद्दे पर नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना करते आए हैं, पर सरकार उनकी बात सुनने के बजाय उन पर पलटवार करती रही है।
सरकार तमाम आलोचनाओं को दुष्प्रचार क़रार देती आई है, मृत्यु के आँकड़ों को ग़लत बताती आई है और स्वास्थ्य सेवाओं व सुविधाओं में कमी को दुष्प्रचार बताती रही है। ऐसे में आरएसएस प्रमुख ने जब सरकार की आलोचना कर दी तो बीजेपी के मुँह पर ताला लगना स्वाभाविक है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद जैसे लोग क्या कहते हैं।
बता दें कि मोहन भागवत के इस बयान के एक दिन पहले ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने केंद्र से भेजे गए वेंटीलेटर के खराब होने से न सिर्फ इनकार किया, बल्कि स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन ने इसके उलट ट्वीट कर कहा है कि केंद्र के ख़िलाफ़ दुष्प्रचार किया जा रहा है।
Medical equipment supplied by GoI are not faulty.
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) May 14, 2021
It’s appalling how even relief measures are bearing the brunt of an infodemic being fuelled by vested interests using baseless reports & incomplete facts
Complete truth around ventilators in Aurangabad.https://t.co/Lqyb4vuboE
कोरोना का सच!
बता दें कि आरएसएस प्रमुख का यह बयान शनिवार को आया और शनिवार की सुबह ही स्वास्थ्य मंत्रालय से जारी आँकड़ों के मुताबिक़, बीते 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 3,26,098 मामले दर्ज किए गए और 3,890 लोगों की मौत हुई है। बीते दिन संक्रमण का यह आंकड़ा 3,43,144 था जबकि 4,000 लोगों की मौत हुई थी।
बीते 24 घंटों में जिन पांच राज्यों में संक्रमण के सबसे ज़्यादा मामले सामने आए, उनमें कर्नाटक (41,779), महाराष्ट्र (39,923), केरल (34,694) तमिलनाडु (31,892), आंध्र प्रदेश (22,018) शामिल हैं। ये पांच राज्य कोरोना संक्रमण से बुरी तरह जूझ रहे हैं। बीते 24 घंटों में महाराष्ट्र में सबसे ज़्यादा (695) जबकि कर्नाटक में (373) लोगों की मौत हुई है।
आईसीएमआर ने कहा है कि भारत में अब तक 31 करोड़ से ज़्यादा सैंपल्स की टेस्टिंग की जा चुकी है। बीते दिन 16,93,093 सैंपल्स की जांच की गई।
क्या है कोरोना का मौजूदा सच, इस पर देखें यह वीडियो।