संघ प्रमुख भागवत ने किससे कहा- जनता को तय करने दीजिए कि आप भगवान हैं
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि "अच्छा काम" किसी को प्रतिष्ठित व्यक्ति बना सकता है, लेकिन इसे हम-आप नहीं, बल्कि लोग इसका निर्णय लेते हैं। उन्होंने कहा, कोई व्यक्ति स्वयं को भगवान घोषित नहीं कर सकता। जनता किसी को उसके काम के आधार पर भगवान घोषित कर सकती है। भाजपा आरएसएस का राजनीतिक मुखौटा है। शंकर दिनकर केन के शताब्दी वर्ष से जुड़े एक कार्यक्रम में भागवत ने यह टिप्पणी की। शंकर दिनकर को संघ के क्षेत्रों में भैयाजी के नाम से जाना जाता है, जिन्होंने मणिपुर में काम किया और 1971 तक बच्चों की शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया।
भागवत ने 5 सितंबर को केन के काम को याद करते हुए कहा- “हमें अपने जीवन में यथासंभव अच्छे कार्य करने का प्रयास करना चाहिए। कोई यह नहीं कह रहा है कि हमें चमकना नहीं चाहिए या अलग नहीं दिखना चाहिए। काम के माध्यम से, हर कोई एक सम्मानित व्यक्ति बन सकता है लेकिन हम उस स्तर तक पहुंचे हैं या नहीं यह दूसरों द्वारा तय किया जाएगा, न कि स्वयं द्वारा। हमें यह घोषणा नहीं करनी चाहिए कि हम भगवान बन गए हैं।''
संघ प्रमुख भागवत इससे पहले मोदी पर अप्रत्यक्ष हमला कर चुके हैं। उन्होंने झारखंड के गुमला में 18 जुलाई 2024 को कहा था कि इंसान पहले सुपरमैन बनना चाहता है, फिर भगवान। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने उसी दिन भागवत का वीडियो शेयर करते हुए हमला बोला था। जयराम रमेश ने कहा था- मुझे यक़ीन है कि स्वयंभू नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री को इस ताज़ा अग्नि मिसाइल की ख़बर मिल गई होगी, जिसे नागपुर ने झारखंड से लोक कल्याण मार्ग को निशाना बनाकर दागा है। लोकसभा चुनाव में भाजपा को जो धक्का लगा है, उसके बाद भागवत के हमले तेज हो गए हैं।
मुझे यक़ीन है कि स्वयंभू नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री को इस ताज़ा अग्नि मिसाइल की ख़बर मिल गई होगी, जिसे नागपुर ने झारखंड से लोक कल्याण मार्ग को निशाना बनाकर दागा है। https://t.co/zjJswu6vPd
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) July 18, 2024
मोदी ने कहा- मुझे भगवान ने सीधे भेजा
इस विवाद की शुरुआत मई 2023 में हुई। पीएम मोदी ने नेटवर्क18 को इंटरव्यू दिया। जिसमें मोदी ने फरमाया- ''जब तक मेरी मां जीवित थीं, मैं सोचता था कि मैं बॉयोलॉजिकल (जैविक) रूप से पैदा हुआ हूं। उनके निधन के बाद जब मैं अपने अनुभवों पर नजर डालता हूं तो मुझे यकीन हो जाता है कि मुझे भगवान ने भेजा है। ये ताकत मेरे शरीर से नहीं है। यह मुझे भगवान ने दिया है। इसीलिए ईश्वर ने मुझे योग्यता भी दी, शक्ति भी दी, पवित्र हृदयता भी दी और ऐसा करने की प्रेरणा भी दी। मैं और कुछ नहीं बल्कि एक उपकरण हूं जिसे भगवान ने भेजा है।''
मोदी यहीं नहीं रुके कुछ दिन बाद उन्होंने खुद के भगवान द्वारा भेजा गया शख्स बता डाला। सितंबर 2023 में नए संसद भवन में अपने पहले भाषण में, मोदी ने इसी तरह का बयान दिया था कि भगवान ने उन्हें महिला आरक्षण विधेयक को लागू करने के लिए चुना है। मोजी ने कहा- “अटल बिहारी वाजपेयी के शासनकाल के दौरान, महिला आरक्षण विधेयक कई बार पेश किया गया था लेकिन विधेयक को पारित करने के लिए पर्याप्त बहुमत नहीं था। सपना अधूरा रह गया। भगवान ने शायद उस काम को पूरा करने के लिए मुझे चुना है।''
इसके बाद कांग्रेस ने उन्हें गैर जैविक प्रधानमंत्री कहकर चिढ़ाना शुरू कर दिया। खासतौर पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश का कोई बयान ऐसा नहीं होता, जिसमें वो मोदी के नॉन बॉयोलॉजिकल पीएम शब्द का इस्तेमाल न करते हों। एक्स पर उनका यह ट्वीट देखिए-
नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री की दुर्भावना और विद्वेष की कोई सीमा नहीं है। आज के उनके लाल किले के भाषण में यह पूरी तरह से दिखा।
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) August 15, 2024
यह कहना कि अब तक हमारे पास कम्युनल सिविल कोड रहा है, डॉ. अंबेडकर का घोर अपमान है। डॉ. अंबेडकर हिंदू पर्सनल लॉ में सुधार के सबसे बड़े समर्थक थे, जिन्हें…
जयराम रमेश ने मोदी के लिए यह टर्म 4 सितंबर यानी दो दिन पहले इस्तेमाल किया था।
अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ ने सार्वजनिक रूप से उपलब्ध आंकड़ों के माध्यम से खुलासा किया है कि कैसे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के आर्थिक रूप से तनावग्रस्त 10 कंपनियों से लगभग 62,000 करोड़ रुपए के क्लेम्स सेटल करने थे, लेकिन नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री के पसंदीदा बिजनेस ग्रुप… pic.twitter.com/Yl3477KTAe
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) September 4, 2024
ऐसा नहीं है कि भागवत ने पीएम मोदी के लिए इस मुद्दे पर पहली बार तंग कसा है। लेकिन भाजपा और आरएसएस के रिश्तों में खटास लगातार बढ़ रही है। लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि हम खुद चुनाव लड़ने में सक्षम हैं। हमें आरएसएस की मदद की जरूरत नहीं है।
बहरहाल, मणिपुर की स्थिति के बारे में भी भागवत ने बयान दिया और कहा कि मौजूदा परिस्थितियाँ "कठिन" हैं। भागवत ने कहा- “सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है। स्थानीय लोग अपनी सुरक्षा को लेकर सशंकित हैं. जो लोग बिजनेस या सामाजिक काम से वहां गए हैं उनके लिए स्थिति और भी चुनौतीपूर्ण है. लेकिन ऐसी परिस्थितियों में भी, आरएसएस के स्वयंसेवक मजबूती से तैनात हैं, दोनों गुटों की सेवा कर रहे हैं और स्थिति को शांत करने की कोशिश कर रहे हैं।” 1 सितंबर को जब संदिग्ध कुकी समूहों ने ड्रोन का उपयोग करके कौट्रुक क्षेत्र पर हमला किया तो दो लोग मारे गए और कई घायल हो गए। एक दिन बाद, इंफाल पश्चिम जिले के सेनजाम चिरांग मनिंग लीकाई में इसी तरह के बम हमले में तीन नागरिक घायल हो गए।