ट्रेन में 4 लोगों की हत्या का आरोपी RPF कर्मी सेवा से बर्खास्त
जयपुर-मुंबई सेंट्रल सुपरफास्ट एक्सप्रेस में एक वरिष्ठ सहकर्मी और तीन यात्रियों की गोली मारकर हत्या करने वाले आरपीएफ कांस्टेबल चेतन सिंह चौधरी (33) को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। चौधरी की बर्खास्तगी का आदेश 14 अगस्त को आरपीएफ के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त, मुंबई सेंट्रल द्वारा जारी किया गया था। यह फैसला अदालत की उस टिप्पणी के बाद आया है कि कैसे आरोपी चेतन सिंह ने एक टारगेट किलिंग में अपने वरिष्ठ, एएसआई टीकाराम मीना और तीन अन्य यात्रियों की हत्या कर दी। फिलहाल चेतन सिंह जेल में बंद हैं और न्यायिक हिरासत में हैं। हालांकि उसे बचाने की भी कोशिश की गई।
आरपीएफ की एक अर्जी पर कोर्ट में गुरुवार 17 अगस्त को सुनवाई है। आरपीएफ चेतन सिंह को न्यायिक हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाहती है, जिसके लिए आरपीएफ अदालत गई है। हालांकि आरपीएफ का काम इस तरह के अपराध में पूछताछ करना नहीं है, क्योंकि ऐसे मामले फिर जीआरपी देखती है। लेकिन अगर अदालत अनुमति देती है तो यह इस तरह का पहला मामला होगा।
मुलजिम चेतन सिंह चौधरी ने दो कोच डिब्बों और एक पेंट्री कार में हत्याओं को अंजाम दिया था, जिससे यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई थी। एक बहस को लेकर उसने सबसे पहले कोच बी 5 में अपने सीनियर एएसआई टीकाराम मीणा की गोली मारकर हत्या कर दी। फिर उसने उसी कोच के एक अन्य साथी यात्री को निशाना बनाया और पैसेज क्षेत्र में उसकी गोली मारकर हत्या कर दी। बताया जाता है कि चेतन ने कथित तौर पर दो बड़े नेताओं का लेकर कहा था कि अगर भारत में रहना है तो इन दोनों के नाम लेने होंगे।
सिर्फ दो हत्याओं के बाद चेतन नहीं रुका। चेतन ने गोलीबारी जारी रखी और ट्रेन की पैंट्री कार में जाकर एक अन्य यात्री पर गोली चला दी। इसके बाद वह एस 6 कोच की ओर बढ़ा और तीसरे यात्री को निशाना बनाया।
चेतन ने इसके बाद मीरापुर रोड स्टेशन पर उतरकर भागना चाहा लेकिन उसे पकड़ कर पुलिस को सौंप दिया गया। उसने स्टेशन पर उत्तेजक नारे भी लगाए थे। बाद में चेतन के बचाव में खबरें आने लगीं। कभी कहा गया कि उसका दिमागी संतुलन ठीक नहीं है, कभी कहा गया को वो काफी दिनों से बीमार था। फिर उसे कुछ तत्व देशभक्त बताने लगे और जोश में आकर किया गया काम (हत्या) बताने लगे। रेलवे की जांच से यह पता चला कि चेतन ने बुर्का पहने एक महिला को राइफल दिखाकर धमकाया और जय माता दी बोलने को कहा।
आरपीएफ कॉन्सटेबल ने जिस तरह समुदाय विशेष के लोगों को टारगेट किया, उससे यह मामला हेट स्पीच और हेट क्राइम में आता है। हेट स्पीच और हेट क्राइम भारत में बढ़ता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट कई मौकों पर हेट स्पीच को लेकर चेतावनी जारी कर चुका है लेकिन लोगों के दिमाग को ऐसा ्ब्रेनवॉश कर दिया गया है कि लोग हेट क्राइम करने से डर नहीं रहे हैं। ये हेट क्राइम कभी लव जिहाद, कभी गौरक्षा और कभी किसी धार्मिक स्थल के आगे अंजाम दिए जा रहे हैं।