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मध्य और पश्चिम रेलवे की ट्रेनों में आरपीएफ जवान एके 47 के साथ नहीं करेंगे एस्कॉर्ट

मध्य और पश्चिम रेलवे की ट्रेनों में आरपीएफ जवान एके 47 के साथ नहीं करेंगे एस्कॉर्ट

जयपुर-मुंबई एक्सप्रेस में बीते सोमवार की सुबह आरपीएफ जवान द्वारा गोलीबारी कर 4 लोगों की हत्या कर दिए जाने के बाद रेलवे के दो जोन ने आरपीएफ को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है।  

जयपुर-मुंबई एक्सप्रेस में बीते सोमवार की सुबह आरपीएफ जवान द्वारा गोलीबारी कर 4 लोगों की हत्या कर दिए जाने के बाद रेलवे के दो जोन ने आरपीएफ को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस घटना के बाद भारतीय रेलवे के मध्य रेलवे (सीआर) और पश्चिमी रेलवे (डब्ल्यूआर) ने फैसला किया है कि अब ट्रेनों में एस्कॉर्ट करने वाले आरपीएफ जवान एके 47 जैसे अत्याधुनिक हथियार लेकर नहीं चलेंगे। इस संबंध में ट्रेन एस्कॉर्ट पार्टी को आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं। जारी किए गए निर्देशों में कहा गया है कि आरपीएफ जवान ट्रेनों में एके 47 के बजाय अब पिस्तौल लेकर चलेंगे। 

प्राप्त जानकारी के मुताबिक मध्य रेलवे के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त ऋषि कुमार शुक्ला ने कहा है कि हमने सीआर के मुंबई डिवीजन के लिए यह आदेश जारी किया है। उन्होंने बताया का कि अब आरपीएफ एस्कॉर्ट पार्टी एके-47 के बजाय अपने साथ पिस्तौल लेकर ड्यूटी करेगी। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पश्चिमी रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि स्वचालित असॉल्ट राइफलें आवंटित करने के खिलाफ भी आदेश जारी किए हैं। अब आरपीएफ एस्कॉर्ट पार्टी पिस्तौल के साथ यात्रा करेगी।

इस मामले में सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में भारतीय रेलवे के सभी डिवीजनों के लिए इसी तरह के निर्देश जारी किए जा सकते हैं। 

इन जगहों पर अत्याधुनिक हथियारों के साथ करेंगे ड्यूटी

जानकारी के मुताबिकआरपीएफ जवानों को  कुछ जगहों पर अत्याधुनिक हथियारों के साथ ड्यूटी करने की अनुमति रहेगी। आतंकवादी हमले से बचाव के लिए रेलवे स्टेशनों पर और नक्सली क्षेत्रों जैसे उच्च जोखिम वाले रास्तों पर चलने वाली ट्रेनों में एके -47 जैसे अत्याधुनिक हथियारों के साथ आरपीएफ जवान अपनी ड्यूटी करते रहेंगे। 

जयपुर-मुंबई सेंट्रल सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन की घटना.के बाद ट्रेनों में अत्याधुनिक हथियारों के साथ आरपीएफ जवानों की एस्कॉर्ट टीम की आवश्यकता पर चर्चा करने के लिए रेलवे पुलिस और आरपीएफ के बीच एक बैठक भी हो चुकी है। इस घटना के बाद रेलवे बोर्ड द्वारा गठित पांच सदस्यीय पैनल इस बात की जांच करेगा कि भारी भीड़-भाड़ वाली जगहों पर ड्यूटी के लिए आरपीएफ जवानों को किस तरह के हथियार दिए जाएं। 

आरपीएफ जवान ने कर दी थी चार की हत्या 

बीते 31 जुलाई को जयपुर-मुंबई सेंट्रल सुपरफास्ट एक्सप्रेस में आरपीएफ के कांस्टेबल चेतन सिंह ने अपनी ऑटोमैटिक असॉल्ट राइफल से चार लोगों की हत्या कर दी थी। वह ट्रेन को एस्कार्ट कर रही टीम में शामिल था। हत्यारे जवान ने अपने वरिष्ठ अधिकारी एएसआई टिकल सिंह मीना और तीन यात्रियों की हत्या कर दी थी। ट्रेन के अंदर हुई इस घटना ने देश को झकझोर कर रख दिया था। यात्रियों की सुरक्षा करने की जिनके कंधों पर जिम्मेदारी थी उसने ही निर्दोष यात्रियों की हत्या कर दी। ऐसे में यात्री सुरक्षा को लेकर आला सरकारी अधिकारियों द्वारा जरुरी कदम उठाए जा रहे हैं। 

ट्रेन में हत्याकांड के दिन पालघर स्टेशन पार करने के बाद आरपीएफ कांस्टेबल ने चलती ट्रेन में गोलीबारी की थी। चार लोगों को मारने के बाद दहिसार स्टेशन के पास ट्रेन से वह बाहर कूद गया था। लेकिन जीआरपी और आरपीएफ की मदद से पुलिस ने उसे मीरा रोड पर पकड़ लिया। उससे हथियार भी बरामद किया गया है था। उससे अभी पूछताछ जारी है। 

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