रोहिंग्या पर भिड़े केंद्र के दो मंत्रालय और विहिप
रोहिंग्या अवैध प्रवासियों को दिल्ली में फ्लैट दिए जाने के मुद्दे पर केंद्र सरकार के अंदर और विश्व हिन्दू परिषद के बीच हंगामा हो गया। इस मुद्दे पर शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी, केंद्रीय गृह मंत्रालय और विश्व हिन्दू परिषद के बीच साफ-साफ मतभेद दिखाई दिए।
विवाद की शुरुआत
केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप पुरी ने बुधवार को एक ट्वीट के जरिए घोषणा की कि केंद्र की योजना राष्ट्रीय राजधानी के मदनपुर खादर इलाके में टेंट में रह रहे लगभग 1,100 रोहिंग्याओं को बुनियादी सुविधाओं और चौबीसों घंटे फिर से बसाने की है।केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा - भारत ने हमेशा उन लोगों का स्वागत किया है जिन्होंने देश में शरण मांगी है। एक ऐतिहासिक फैसले में, सभी रोहिंग्या शरणार्थियों को दिल्ली के बक्करवाला इलाके में ईडब्ल्यूएस फ्लैटों में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। उन्हें बुनियादी सुविधाएं, यूएनएचसीआर आईडी और चौबीसों घंटे दिल्ली पुलिस सुरक्षा प्रदान की जाएगी।
India has always welcomed those who have sought refuge in the country. In a landmark decision all #Rohingya #Refugees will be shifted to EWS flats in Bakkarwala area of Delhi. They will be provided basic amenities, UNHCR IDs & round-the-clock @DelhiPolice protection. @PMOIndia pic.twitter.com/E5ShkHOxqE
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) August 17, 2022
उन्होंने कहा- भारत संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी सम्मेलन 1951 का सम्मान करता है और उसका पालन करता है और सभी को उनकी जाति, धर्म या पंथ की परवाह किए बिना शरण देता है।
गृह मंत्रालय का जोरदार खंडन
केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने अपने ही मंत्री हरदीप पुरी के बयान का खंडन चंद घंटों में ही कर दिया। मंत्रालय ने बुधवार को स्पष्ट किया कि केंद्र ने नई दिल्ली के बक्करवाला में रोहिंग्या अवैध प्रवासियों को ईडब्ल्यूएस फ्लैट उपलब्ध कराने के लिए कोई निर्देश नहीं दिया है।With respect to news reports in certain sections of media regarding Rohingya illegal foreigners, it is clarified that Ministry of Home Affairs (MHA) has not given any directions to provide EWS flats to Rohingya illegal migrants at Bakkarwala in Delhi: MHA pic.twitter.com/dTBg9xKWt3
— ANI (@ANI) August 17, 2022
मंत्रालय ने यह भी कहा कि अवैध विदेशियों को कानून के अनुसार उनके निर्वासन तक डिटेंशन सेंटर में रखा जाएगा। उसने कहा कि दिल्ली सरकार ने वर्तमान स्थान को एक निरोध केंद्र के रूप में घोषित नहीं किया है। इसलिए दिल्ली सरकार फौरन उस जगह को डिटेंशन सेंटर घोषित करे। हमने उसे ऐसा करने का निर्देश दिया है।
मंत्रालय ने ट्वीट में कहा कि रोहिंग्या अवैध विदेशियों के बारे में मीडिया के कुछ वर्गों में समाचार रिपोर्टों के संबंध में, यह स्पष्ट किया जाता है कि गृह मंत्रालय (एमएचए) ने नई दिल्ली के बक्करवाला में रोहिंग्या अवैध प्रवासियों को ईडब्ल्यूएस फ्लैट प्रदान करने के लिए कोई निर्देश नहीं दिया है। .
एमएचए ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार ने रोहिंग्याओं को एक नए स्थान पर स्थानांतरित करने का प्रस्ताव रखा था। MHA ने दिल्ली सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि रोहिंग्या अवैध विदेशी वर्तमान स्थान पर बने रहेंगे क्योंकि गृह मंत्रालय पहले ही विदेश मंत्रालय के माध्यम से संबंधित देश के साथ उनके निर्वासन का मामला उठा चुका है।
विश्व हिन्दू परिषद की आपत्ति
रोहिंग्या शरणार्थियों को फ्लैट दिए जाने पर आपत्ति करते हुए विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि पाकिस्तान के हिंदू शरणार्थी दिल्ली के मजनू का टीला इलाके में अमानवीय परिस्थितियों में रह रहे हैं। इसके मद्देनजर रोहिंग्याओं को यह जो इनाम दिया जा रहा है, वह बहुत ही निंदनीय है।आलोक कुमार ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद भारत सरकार से इस मुद्दे पर पुनर्विचार करने और रोहिंग्याओं को आवास प्रदान करने के बजाय उन्हें भारत वापस भेजने की व्यवस्था करने का आग्रह करती है।
The Vishwa Hindu Parishad urges the Government of India to reconsider this issue and instead of providing the Rohingyas with housing, make arrangements to send them back and out of India: Alok Kumar, Central working president, Vishwa Hindu Parishad
— ANI (@ANI) August 17, 2022
कितने रोहिंग्या
अंतरराष्ट्रीय एजेंसी यूएनएचसीआर के मुताबिक दिल्ली में 17 हजार 500 रोंहिग्या शरणार्थी रजिस्टर्ड हैं। आरोप है कि रोहिंग्या बांग्लादेश से बंगाल के रास्ते दिल्ली आते हैं। दिल्ली उनकी सबसे प्रमुख जगह बन गई है। दिल्ली पुलिस का आरोप है कि दिल्ली में हाल ही में हुए जहांगीरपुरी दंगे में भी रोहिंग्या शरणार्थी शामिल थे।बीजेपी सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने एक ट्वीट कर कहा है कि केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी को फौरन बरखास्त किया जाए। स्वामी का कहना है कि रोहिंग्या शरणार्थियों को फ्लैट देना राष्ट्रविरोधी कार्य है। बीजेपी के हिन्दुत्व को इससे नुकसान पहुंचा है।
The rock and roll social parties addict & Urban Affairs Modi’s Minister Hardip Puri should be sacked from the Ministry for his violation of national interests by ordering building of apartments for Rohingyas. BJP’s Hindutva has suffered.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) August 17, 2022
दक्षिणपंथी संगठनों का आरोप है कि रोहिंग्या भारत में धर्म परिवर्तन करा रहे हैं। वे हिन्दुओं को मुसलमान बना रहे हैं। हालांकि हकीकत ये है कि रोहिंग्या बहुत ही अमानवीय हालात में कैंपों में रह रहे हैं। ज्यादातर कूड़ा बीनने या छोटा-मोटा काम करते हैं। कई परिवारों को दो वक्त का खाना भी नहीं मिल पाता है। कुछ एनजीओ जरूर जब-तब उनकी मदद कर देते हैं। उनके कैंपों में कई बार रहस्यमय हालात में आग भी लग चुकी है।