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पश्चिमी यूपी में भारत जोड़ो यात्रा के साथ आए आरएलडी, बीकेयू 

पश्चिमी यूपी में भारत जोड़ो यात्रा के साथ आए आरएलडी, बीकेयू 

भारत जोड़ो यात्रा बुधवार को आरएलडी के मुखिया जयंत चौधरी के गृह जिले बागपत में थी। आरएलडी के नेताओं का कहना है कि जयंत चौधरी ने ही उन्हें निर्देश दिया था कि वे इस यात्रा में शामिल हों। 

कांग्रेस के द्वारा निकाली जा रही भारत जोड़ो यात्रा को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) और भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) का साथ मिला है। आरएलडी के कई वरिष्ठ नेता बुधवार को भारत जोड़ो यात्रा में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ कदम से कदम मिलाकर चले। 

याद दिला दें कि कांग्रेस की ओर से भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के लिए उत्तर प्रदेश के विपक्षी दलों समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी को भी पत्र लिखा गया था। लेकिन इनके मुखिया क्रमशः अखिलेश यादव और मायावती इस यात्रा में शामिल नहीं हुए। हालांकि दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों ने यात्रा को अपनी शुभकामनाएं दी। 

भारत जोड़ो यात्रा बुधवार को आरएलडी के मुखिया जयंत चौधरी के गृह जिले बागपत में थी। यहां आरएलडी के वरिष्ठ नेताओं ने यात्रा का जोरदार स्वागत किया। यात्रा को शामली जिले से आगे बढ़ते हुए हरियाणा में प्रवेश करना है। उसके बाद यात्रा पंजाब से होते हुए कश्मीर जाएगी जहां इस यात्रा का समापन होगा। 

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आरएलडी के नेताओं का कहना है कि पार्टी मुखिया जयंत चौधरी ने ही उन्हें निर्देश दिया था कि वे इस यात्रा में शामिल हों और जयंत चौधरी खुद भी इस यात्रा में शामिल होते, लेकिन देश से बाहर होने की वजह से वह ऐसा नहीं कर सके। 

जयंत चौधरी ने यात्रा के समर्थन में ट्वीट किया था कि तप कर ही धरती से बनी ईंटें छू लेती हैं आकाश! भारत जोड़ो यात्रा के तपस्वियों को सलाम! 

यात्रा में शामिल हुए आरएलडी के जत्थे का नेतृत्व पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कुलदीप उज्जवल ने किया और उनके साथ राज्यस्तरीय और जिला स्तरीय पदाधिकारी भी शामिल हुए। कुलदीप उज्जवल ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उनकी पार्टी देश को एकजुट करने के कांग्रेस के प्रयास का समर्थन करती है और हम पार्टी मुखिया के निर्देशों का पालन कर रहे हैं। 

आरएलडी के अलावा भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) से जुड़े कार्यकर्ता भी यात्रा में शामिल हुए। बीकेयू का पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में अच्छा आधार है। इसके अलावा अभिनेत्री काम्या पंजाबी और शूटर दादी प्रकाशी तोमर भी भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुईं। 

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याद दिलाना होगा कि केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी जोरदार आंदोलन हुआ था और उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में सियासी नुकसान की आशंका को देखते हुए मोदी सरकार को कृषि कानूनों को वापस लेना पड़ा था। 

बुधवार शाम को बड़ौत में हुई जनसभा में राहुल गांधी ने यात्रा को दिए गए समर्थन के लिए लोगों का आभार जताया। 

भारत जोड़ो यात्रा तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली का सफर तय करते अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश में है। भारत जोड़ो यात्रा कुल 3570 किमी. की है। 

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यात्रा के कश्मीर पहुंचने पर विपक्षी दल पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के साथ दिखाई देंगे। जम्मू-कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती इसमें शामिल होंगे। 

अयोध्या में स्थित राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने भारत जोड़ो यात्रा के लिए राहुल गांधी को शुभकामनाएं दी हैं। इसके अलावा अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करा रहे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा है कि एक युवा देश के लिए पैदल चल रहा है। चंपत राय ने कहा कि राहुल गांधी बेहद खराब मौसम में भी लगातार चल रहे हैं और इसकी सराहना की जानी चाहिए। 

साल 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में सपा, बसपा और आरएलडी का महागठबंधन बना था लेकिन कांग्रेस इससे बाहर रही थी। अब इस महागठबंधन में बसपा भी नहीं है। साल 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा-आरएलडी ने मिलकर चुनाव लड़ा जबकि बसपा और कांग्रेस ने अलग-अलग चुनाव लड़ा। अब जब 2024 का लोकसभा चुनाव नजदीक है और देश में बीजेपी और एनडीए के खिलाफ एक मजबूत फ्रंट बनाने की बात कही जा रही है तो ऐसे में चर्चा इस बात की है कि क्या उत्तर प्रदेश में यह सभी राजनीतिक दल साथ आएंगे या फिर अलग-अलग चुनाव लड़ेंगे।

हाथ से हाथ जोड़ो अभियान 

साल 2023 में देश में 10 राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं और उसके बाद लोकसभा चुनाव भी सामने हैं। ऐसे में कांग्रेस ने भारत जोड़ो यात्रा के बाद हाथ से हाथ जोड़ो अभियान चलाने का भी ऐलान किया है लेकिन सवाल यह है कि क्या पार्टी को इसका चुनावी फायदा मिलेगा। 

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