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क्या सुनाक ब्रिटिश पीएम की आख़िरी बाजी नहीं जीत पाएँगे?

क्या सुनाक ब्रिटिश पीएम की आख़िरी बाजी नहीं जीत पाएँगे?

ब्रिटिश पीएम बनने की अब तक की स्पर्धा में आगे रहे भारतीय मूल के ऋषि सुनाक की उम्मीदें कितनी हैं? क्या वह प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार लिज़ ट्रस से पीछे होते हुए दिख रहे हैं?

ऋषि सुनाक ने आख़िर क्यों बयान दिया कि वह 'छुपा रुस्तम' हैं? वह खुद को छुपा रुस्तम कहकर क्या यह संदेश देने की कोशिश नहीं कर रहे हैं कि उनके विरोधी के सामने उन्हें कम आँका जा रहा है? सुनाक के माता-पिता आप्रावासी रहे हैं, लेकिन सुनाक अब ब्रिटेन में आप्रवासियों के ख़िलाफ़ सख़्ती की बात क्यों कह रहे हैं? कहा जा रहा है कि सुनाक ने अपने चुनाव प्रचार अभियान को अप्रत्याशित रूप से तेज कर दिया है। तो क्या सुनाक को भी लिज ट्रस से पीछे होने की आशंका है या फिर उन्होंने ऐसा ऐहतियातन किया है?

ऋषि सुनाक के ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने यानी उनकी कंजर्वेटिव पार्टी में ही अपने उम्मीदवार से जीतने की संभावना कितनी है इसको लेकर एक के बाद एक सर्वे आ रहे हैं। ऐसा ही एक ताजा सर्वे YouGov ने किया है। इस सर्वेक्षण के अनुसार, विदेश सचिव लिज़ ट्रस ने ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में ऋषि सुनाक पर बढ़त बना ली है।

ऋषि सुनाक कंजरवेटिव पार्टी के नेता और ब्रिटिश प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के लिए विदेश सचिव लिज़ ट्रस के साथ दो फाइनलिस्टों में से एक हैं। सुनाक ने टोरी सांसदों के पांचवें और अंतिम मतदान के दौर में 137 मतों से जीत हासिल की, जबकि दूसरे स्थान पर रहीं ट्रस ने 113 सांसदों का समर्थन हासिल किया था।

इस वोटिंग में व्यापार मंत्री पेनी मोर्डौंट 105 मतों के साथ तीसरे स्थान पर आने के बाद दौड़ से बाहर हो गए। दोनों उम्मीदवारों में से एक को चुनने का अधिकार अब कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों के पास चला गया है, जो नए नेता और प्रधानमंत्री का फ़ैसला करेंगे। परिणाम 5 सितंबर को घोषित किया जाएगा।

लेकिन चुनाव नतीजों से पहले YouGov ने एक सर्वेक्षण किया है। YouGov एक प्रमुख ब्रिटिश अंतरराष्ट्रीय इंटरनेट-आधारित बाजार अनुसंधान और डेटा विश्लेषण फर्म है। उस सर्वे के अनुसार पिछले हफ्ते के आँकड़े बताते हैं कि 46 वर्षीय ट्रस 42 वर्षीय सुनाक को एक काल्पनिक मतदान में आमने-सामने 19 अंकों से हरा देंगी।

टोरी सदस्यों के एक नए YouGov सर्वेक्षण से पता चलता है कि ट्रस ने अपना मज़बूत बढ़त बरकरार रखा है।

बुधवार और गुरुवार को 730 कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों के सर्वेक्षण के अनुसार, 62 प्रतिशत ने कहा कि वे ट्रस को वोट देंगे और 38 प्रतिशत ने सुनाक को चुना। बाक़ी लोगों ने कहा कि वे किसे वोट देंगे यह नहीं जानते। स्काई न्यूज़ ने बताया कि सर्वे में ट्रस ने पुरुषों और महिलाओं के बीच और ब्रेक्सिट को वोट देने वालों में हर आयु वर्ग में सुनाक को हराया।

बता दें कि कंजर्वेटिव सदस्यों का वर्तमान आकार पता नहीं है, लेकिन हाउस ऑफ़ कॉमन्स लाइब्रेरी के अनुसार पिछले चुनाव में 2019 में क़रीब 180,000 सदस्य थे।

सुनाक संसदीय दल के पसंदीदा थे, उन्होंने टोरी सांसदों के बीच ट्रस के 113 के मुक़ाबले 137 वोट जीते। लेकिन सट्टेबाजों ने विदेश सचिव को सबसे आगे रखा है। 

बता दें कि इससे पहले भी दो सर्वे रिपोर्ट आई थीं। जिनमें अलग-अलग स्थिति उभरती हुई दिखी थी। एक सर्वे में कहा गया था कि वे एक अच्छे प्रधानमंत्री साबित होंगे जबकि कंजर्वेटिव पार्टी के एक सर्वे में कहा गया था कि पार्टी के अधिकतर लोग उनको पीएम के रूप में नहीं देखना चाहते हैं। जिस सर्वे में उन्हें पिछड़ता हुआ दिखाया गया था उनमें टोरी पार्टी के 851 सदस्यों ने कंजर्वेटिव होम पोल में अपना मत दिया था। बैडेनोच को 31% सदस्यों ने पसंद किया था और इस तरह उन्हें दूसरे उम्मीदवारों पर 11 अंकों की बढ़त मिली थी। मौजूदा विदेश सचिव लिज़ ट्रस 20% के साथ दूसरे स्थान पर रही थीं। मोर्डौंट 18% के साथ तीसरे और ऋषि सुनाक 17% के साथ चौथे स्थान पर रहे थे। जबकि विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष टॉम तुगेंदत पांचवें स्थान पर थे।

उससे पहले कंजर्वेटिव पार्टी के नेता और कार्यकारी प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कथित तौर पर पार्टी के लोगों से ऋषि सुनाक के ख़िलाफ़ वोट करने के लिए कहा था। 'द टाइम्स' अख़बार ने सूत्रों के हवाले से ख़बर दी थी कि जॉनसन ने टोरी नेतृत्व के उम्मीदवारों को सुनाक का समर्थन नहीं करने का आग्रह किया। रिपोर्ट के अनुसार जॉनसन ने कहा था कि वह किसी भी नेतृत्व के उम्मीदवारों का समर्थन नहीं करेंगे या सार्वजनिक रूप से स्पर्धा में हस्तक्षेप नहीं करेंगे, लेकिन माना जाता है कि उन्होंने असफल दावेदारों के साथ बातचीत की और आग्रह किया कि सुनाक को प्रधानमंत्री नहीं बनना चाहिए। 

द टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया था कि उस बातचीत से रूबरू एक क़रीबी सूत्र ने कहा कि जॉनसन विदेश सचिव लिज़ ट्रस के समर्थन के लिए सबसे अधिक उत्सुक दिखाई दिए।

तो सवाल है कि क्या अब कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों पर इस सबका असर हो रहा है? सर्वे के आँकड़े तो कम से कम यही इशारा करते हैं। लेकिन क्या ऋषि सुनाक इस चुनौती से पार पाकर प्रधानमंत्री की रेस जीत पाएँगे?

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