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कोलकाता मेडिकल कॉलेज में तोड़फोड़ करने वालों की पहचान हुई, जानें आरोपी कौन

कोलकाता मेडिकल कॉलेज में तोड़फोड़ करने वालों की पहचान हुई, जानें आरोपी कौन

अस्पताल में एक जूनियर डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के ख़िलाफ़ डॉक्टर आधी रात को विरोध प्रदर्शन कर रहे थे तभी कुछ लोगों के समूह ने तोड़फोड़ की थी। जानिए, आरोपियों के बारे में क्या जानकारी सामने आई है।

कोलकाता मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षु डॉक्टर की बलात्कार-हत्या को लेकर आधी रात प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ करने वालों की अब पहचान सामने आने लगी है। इंडियन एक्सप्रेस ने पड़ताल कर रिपोर्ट दी है कि 14 अगस्त की रात को अस्पताल में हुई तोड़फोड़ के सिलसिले में तृणमूल कांग्रेस के दो कार्यकर्ता, कई किशोर या युवा और कुछ महिलाएं गिरफ्तार किए गए लोगों में शामिल हैं।

अंग्रेज़ी अख़बार ने इसके आरोपियों के परिवारों से बात की है। कई पुरुष और महिलाएं उस रात अपने परिवार को यह बताकर घर से चले गए कि वे बलात्कार और हत्या के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन करने जा रहे हैं, लेकिन आख़िरकार वे तोड़फोड़ के मामले में आरोपी बन गए।

यह तोड़फोड़ उस समय हुई जब डॉक्टर अस्पताल में एक जूनियर डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के खिलाफ आधी रात को विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। हिंसा को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रही पुलिस ने कथित तौर पर तोड़फोड़ में शामिल लोगों की 76 तस्वीरें जारी की हैं और 30 लोगों को गिरफ्तार किया है। इंडियन एक्सप्रेस ने 15 लोगों के परिवारों से बात की है जिनमें से 14 को गिरफ्तार किया गया है और एक कथित तौर पर फरार है।

अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल से लगभग तीन किलोमीटर दूर नागरबाजार पुलिस स्टेशन क्षेत्र में 24 वर्षीय सौमिक दास का घर है। वह एक जिम प्रशिक्षक है और स्थानीय टीएमसी कार्यकर्ता है। पुलिस द्वारा जारी की गई एक तस्वीर और वीडियो में कथित तौर पर उसे तोड़फोड़ करने के लिए डंडे का इस्तेमाल करते हुए दिखाया गया है। उसके बाद से उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। रिश्तेदार ने टीएमसी कार्यकर्ता होने की पुष्टि की। अपनी गिरफ्तारी से ठीक पहले दास ने एक बंगाली समाचार चैनल से स्वीकार किया कि वह तोड़फोड़ वाली जगह पर था। दास ने चैनल से कहा था, 'मैंने गलती की है और मुझे इसका पछतावा है। हम सभी श्यामबाजार से गए थे... हम भावुक हैं... मेरे जिम के कई लोग भी वहां गए थे।'

पुलिस द्वारा जारी की गई एक तस्वीर में 40 वर्षीय जब्बार अंसारी कथित तौर पर आपातकालीन भवन के अंदर लोगों को निर्देश देते हुए दिखाई दे रहा था, जब तोड़फोड़ हो रही थी। उसे अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।

उसकी बहन बच्चिया आपा ने कहा कि वह उस रात से घर नहीं लौटे हैं। उन्होंने कहा, 'हमें नहीं पता कि वह कहां हैं, लेकिन पुलिस हर दिन फोन कर रही है। मुझे नहीं पता कि उन्होंने क्या किया है। लेकिन हमें परेशान करना ठीक नहीं है। मेरे भाई इलाके में जाने-माने टीएमसी कार्यकर्ता हैं, सम्मानित लोग हैं।' 

आरजी कर से लगभग आधा किलोमीटर दूर 35 ऋषि कांत मिश्रा रहते हैं, जिन्हें शुक्रवार रात पुलिस ने उठाया था। उनके भाई लक्ष्मण मिश्रा ने कहा, 'उन्होंने कहा कि उन्होंने पत्थर फेंके। हमें नहीं पता। मैं पुलिस स्टेशन गया और उन्होंने मुझे बताया कि उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।' मिश्रा के बड़े भाई श्रीकांत बिल्डिंग मटेरियल सप्लायर और टीएमसी कार्यकर्ता हैं। पड़ोसियों का कहना है कि दोनों को अक्सर पार्टी कार्यक्रमों में देखा जाता है।

अंग्रेजी अख़बार के अनुसार अस्पताल से करीब आधे घंटे की दूरी पर मुरारीपुकुर में तीन दोस्तों के घर हैं, जिन्हें गिरफ्तार किया गया है। इनमें 23 वर्षीय सुभोदीप कुंडू उर्फ ​​सनी भी शामिल है। वह बेरोजगार है और उसे 16 अगस्त की दोपहर को गिरफ्तार किया गया था। एक तस्वीर में कथित तौर पर उसे अस्पताल के गेट के पास गिरी हुई रेलिंग पर खड़ा दिखाया गया है। उसकी माँ डोला कुंडू ने दावा किया, 'वह और उसके दो दोस्त 14 अगस्त की शाम को वहाँ गए थे। वापस आने के बाद उसने मुझे बताया। वह उस रेलिंग पर खड़े होकर अपने फोन पर जो कुछ भी हो रहा था, उसे कैद कर रहा था।' उन्होंने कहा, 'पुलिस द्वारा उसे ले जाने के बाद, हम स्थानीय टीएमसी वार्ड पार्षद के पास गए, जिन्होंने हमारी मदद करने से इनकार कर दिया।'

22 वर्षीय सौम्यदीप महिश के पिता गोपाल महिश ने दावा किया कि वह अपने दोस्तों के साथ, विरोध प्रदर्शन देखने अस्पताल गया था। उन्होंने कहा, 'वह बर्बरता में शामिल नहीं है। हमने टीएमसी पार्षद से हमारी मदद करने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। पड़ोस के तीनों लड़कों के परिवार कल रात उनके पास गए।' 20 वर्षीय सौरव डे तीसरा पड़ोसी है। डे एक कीटनाशक निर्माण कंपनी में काम करता है। उनके परिवार ने ज़्यादा कुछ नहीं कहा, हालाँकि उनकी मौसी बसोया डे ने कहा कि उन्हें शुक्रवार शाम को गिरफ़्तार किया गया था। उन्होंने कहा, 'हमारा मानना ​​है कि वह निर्दोष हैं।'

27 वर्षीय पॉल घोष कंप्यूटर का व्यवसाय करते हैं। आर जी कर से तीन किलोमीटर दूर मुक्ताराम बाबू स्ट्रीट के निवासी हैं। उनके परिवार का दावा है कि वह जूनियर डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के विरोध में वहाँ गए थे। उनके पिता जगबंधु घोष ने यह दावा किया। उनकी माँ कृष्णा घोष ने कहा, 'शुक्रवार दोपहर को पुलिस आई और हमें बताया कि उसे गिरफ़्तार कर लिया गया है। पुलिस को उपद्रवियों को गिरफ़्तार करना चाहिए, न कि खड़े लोगों को।'

19 वर्षीय तुसी हलदर गिरफ्तार की गई दो महिलाओं में से एक है। वह अस्पताल से एक किलोमीटर दूर रहती है। उसके परिवार ने बताया कि वह छात्रा है। कथित तौर पर तस्वीरों में उसे आपातकालीन भवन के अंदर हाथ में बांस लिए हुए दिखाया गया है।

हलदर की माँ बिशाखा ने दावा किया, 'हम सभी रैली के लिए श्यामबाजार गए थे। फिर आरजी कर में हंगामा हुआ और किसी तरह मेरी बेटी उसमें फंस गई। मुझे और कुछ नहीं पता। आज (शनिवार) दोपहर पुलिस हमारे घर आई। मेरी बेटी ने खाना खाया ही था, तभी वे उसे ले गए।'

27 वर्षीय रुमा दास आरजी कर से करीब पांच किलोमीटर दूर बारानगर की निवासी है। रुमा को मौके से ही गिरफ्तार कर लिया गया। उनकी माँ टोटी दास ने कहा, 'उसे हमारे घर के पास कैंडल मार्च के लिए जाना था। हमें नहीं पता कि वह आरजी कर में कैसे पहुंची। हमने 2 बजे बात की और उसने कहा कि वह ठीक है और जल्द ही वापस आ जाएगी।' उन्होंने कहा कि सुबह उन्हें पता चला कि पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है।

इनके अलावा 22 वर्षीय प्रदीप सेन को गिरफ़्तार किया गया है, वह उल्टाडांगा इलाके का निवासी और एक ड्राइवर है। 28 वर्षीय राजू बाग बेरोजगार है, अस्पताल से चार किलोमीटर दूर रहता है। 27 वर्षीय देबाशीष मोंडोल, 34 वर्षीय सुरोजित कर्माकर, 19 वर्षीय मोहम्मद अजलान उल हक और 19 वर्षीय तनवीर आलम को भी गिरफ़्तार किया गया है। इनमें से अधिकतर परिवारों का कहना है कि वे पीड़िता के समर्थन में प्रदर्शन करने गए थे। 

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