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यूपी: बीजेपी में सब कुछ ठीक नहीं, बग़ावती सुर, डैमेज कंट्रोल शुरू

यूपी: बीजेपी में सब कुछ ठीक नहीं, बग़ावती सुर, डैमेज कंट्रोल शुरू

उत्तर प्रदेश में लगता है कि बीजेपी के विधायक सरकार से ख़ुश नहीं हैं। विधायकों के विधानसभा में सरकार के ही ख़िलाफ़ बग़ावत करने से पार्टी अलर्ट हो गयी है। 

ढाई साल पहले प्रचंड बहुमत के साथ यूपी की गद्दी पर काबिज हुई बीजेपी में सब कुछ ठीक नहीं है। यूपी विधानसभा में मंगलवार को हुए ड्रामे और सदन में एतहासिक धरने के बाद साफ़ हो गया है कि ख़ुद बीजेपी के घर में सब कुछ ठीक नहीं है। ऊपर से दिखती चमक-दमक के पीछे बहुत कुछ स्याह है। अधिकारियों की बेअंदाजी, आलाकमान की बेपरवाही और मुख्यमंत्री का अड़ियल रवैया यूपी में बीजेपी विधायकों को इस कदर अखरने लगा है कि वे अनुशासन के लिए जानी जाने वाली पार्टी की रीति-नीति शायद भूल गए हैं।

एक और विधायक का फूटा गुस्सा

मंगलवार को ग़ाजियाबाद जिले की लोनी सीट से विधायक नंदकिशोर गुर्जर सुर्खियों में थे तो बुधवार को इलाहाबाद के बीजेपी विधायक हर्ष वाजपेयी का गुस्सा सार्वजनिक रूप से फूट पड़ा। विधायक वाजपेयी ने विधानसभा के बाहर कहा कि अधिकारियों की पिछली सरकारों से चली आ रही विधायक निधि में 18 फीसदी की कमीशन खोरी की आदत अभी भी जारी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की ईमानदारी पर कोई शक नहीं है, उन्होंने सफल कुम्भ का आयोजन भी कराया पर अफसर खुद को नेता और जनता से ऊपर मानते हैं। हर्ष ने सवाल उठाया कि ढाई साल से ज़्यादा का समय हो गया है लेकिन अभी तक अफसरशाही पर कोई कंट्रोल क्यों नहीं हो पाया।

विधायक वाजपेयी ने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री ईमानदार हैं और क़रीब 8 हजार करोड़ रुपये कुम्भ में ख़र्च हुए लेकिन मुख्यमंत्री पर 1 रुपये के घोटाले का दाग नहीं है। उन्होंने कहा, ‘अफसरशाही का यह दर्द केवल इसी सरकार का नहीं, हर सरकार का है। अधिकारियों को भ्रष्टाचार करने की आदत पड़ गयी है, उन्हें लगता है कि सरकारें आती-जाती रहती हैं, पर उनकी नौकरी पक्की है, इस नाते वे भ्रष्टाचार करते हैं, कल सभी दलों के विधायक हमारे साथ थे, सब हमारे समर्थन में बैठे थे।’ उन्होंने कहा, ‘हमने मुख्यमंत्री के सामने अपनी बात रखी है, इस पार्टी में लोकतंत्र है कि हम धरने पर बैठे।’

सीएम से लेकर संगठन तक जुटे

मंगलवार को सदन में हुए ड्रामे के बाद विधायकों का गुस्सा शांत करने बैठे मुख्यमंत्री और संगठन के नेताओं को इसका अहसास हो गया है। मंगलवार को ही मुख्यमंत्री ने पीड़ित विधायकों को मिलने के लिए बुलाया और साथ में अधिकारियों से अलग से बात की। मुख्यमंत्री से मिलने के बाद विधायकों के तेवर ज़रूर ढीले पड़े पर उन्होंने साफ़ कहा कि चंद आला अधिकारी जिसमें डीजीपी, मुख्यमंत्री सचिवालय के बड़े अधिकारी और गृह विभाग शामिल है, उनकी एक नहीं सुनते और मनमानी करते हैं।

अचानक शुरू हुई इस बग़ावत पर बीजेपी में मंथन शुरू हो गया है। विधायक धरना कांड पर पार्टी अलर्ट है, विधायकों से मुख्यमंत्री योगी और संगठन मंत्री सुनील बंसल मिल रहे हैं। बैठक के लिए 40-40 के ग्रुप में विधायक बुलाए गए और बुधवार रात 9 बजे तक ये बैठकें चली हैं। विधायकों के धरने को पार्टी ने गंभीरता से लिया है और अब आलाकमान के निर्देश पर मीटिंग हो रही हैं।

‘कमीशन ले रहे हैं अधिकारी’

बग़ावत की शुरुआत करने वाले विधायक नंद किशोर गुर्जर ने कहा कि अधिकारी खुल कर कमीशन ले रहे हैं और उन्होंने कमीशन खोरी को जन्मसिद्ध अधिकार मान लिया है। बुधवार को भी विधायक का दर्द विधानसभा में फूटा और उन्होंने कहा कि आधिकारियों में से एक या दो प्रतिशत ही ईमानदारी दिखा रहे हैं। विधायक ने कहा कि अधिकारी नहीं सुनते, सभी अधिकारियों की पत्नी के एनजीओ की जांच करवा लें तो सारा सच सामने आ जायेगा। 

विधायक गुर्जर ने कहा, ‘मेरी सम्पति की जांच करवा लें, जब मैं आवाज उठाता हूं तो मेरे ऊपर मुक़दमे लाद दिये जाते हैं, ऐसे में कैसे मुख्यमंत्री के जीरो प्रतिशत टॉलरेंस का सपना सच होगा, इससे मैं काफी व्यथित हूं।’ हालांकि गुर्जर ने मंगलवार की घटना को लेकर खेद व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उनके इलाक़े में सपा-बसपा में जो अपराधी थे, वे उनकी हत्या करवाना चाहते थे। मुख्यमंत्री से माफी माँगने के सवाल पर गुर्जर ने कहा, ‘मुख्यमंत्री सन्त हैं, माफ़ी क्या मैं उनके पैर भी पकड़ सकता हूँ।’

इस पूरे घटनाक्रम पर सपा नेता राम गोविंद चौधरी ने कहा, ‘राज्य की क़ानून-व्यवस्था चौपट है, न्यायालय सुरक्षित नहीं है, आम आदमी सुरक्षित नहीं है, बीजेपी विधायक ख़ुद सरकार के ख़िलाफ़ हैं, रेप के मामलों में ज्यादातर आरोपी बीजेपी के हैं।’

‘सीएम योगी ख़ुद अपराधी हैं’

बुधवार को विधानसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद मीडिया से मुखातिब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने सीधा मुख्यमंत्री योगी पर हमला बोला। लल्लू ने कहा, मुख्यमंत्री ख़ुद अपराधी हैं और वह कुशीनगर में गरीबों की झोपड़ी जलाने, एक मुसलिम महिला को प्रताड़ित करने व 307 जैसे गम्भीर अपराधों में लंबित रहे हैं, इन मामलों को खुद मुख्यमंत्री द्वारा वापस लिया जा रहा है और यह अपने आप में एक इतिहास है।’ लल्लू ने कहा कि जब इनसे इनके अपने विधायक संतुष्ट नहीं हैं तो आम जनता का क्या होगा। इनसे प्रदेश नहीं संभल रहा इनको गोरखपुर वापस चले जाना चाहिए।

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चुप

विधानसभा में सरकार के ख़िलाफ़ धरने पर बैठे बीजेपी विधायकों के सवाल पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने चुप्पी साध ली है। वाराणसी पहुंचे प्रदेश अध्यक्ष बोले कि इस तरह की कोई घटना नहीं हुई है। उन्होंने विषय बदलते हुए कहा कि नागरिकता क़ानून और एनआरसी देश हित में हैं लेकिन कांग्रेस अपने फायदे के लिए नवयुवकों को गुमराह करने का काम कर रही है। वह वाराणसी में काशी क्षेत्र के मंडल प्रवासियों की एकदिवसीय कार्यशाला को संबोधित करने पहुँचे थे।

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