'कोविड टूलकिट' कांग्रेस के जाली लेटरहेड पर बना: रिपोर्ट
जिस 'कोविड टूलकिट' को कांग्रेस का बताया जा रहा है और जिसे केंद्र सरकार के मंत्रियों से लेकर बीजेपी के बड़े-बड़े नेताओं ने शेयर किया था उसमें अब चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। फ़ैक्ट चेक करने वाली न्यूज़ वेबसाइट 'ऑल्ट न्यूज़' ने तथ्यों की पड़ताल कर कहा है कि उस 'कोविड टूलकिट' को जाली लेटरहेड पर बनाया गया है। तो इस जाली लेटरहेड पर किसने इस 'कोविड टूलकिट' को तैयार किया और क्यों किया?
इन सवालों को ढूंढने से पहले यह जान लें कि 'कोविड टूलकिट' का पूरा मामला क्या है और यह कैसे सामने आया। बीजेपी के नेताओं ने एक दिन पहले ही यानी 18 मई को बड़े पैमाने पर यह दावा करते हुए सोशल मीडिया पर 'कांग्रेस टूलकिट एक्सपोज्ड' हैशटैग से एक दस्तावेज शेयर किए कि यह एक 'कोविड टूलकिट' है। उन्होंने दावा किया कि इस टूलकिट को मोदी सरकार और राज्यों में बीजेपी सरकारों का नाम ख़राब करने के लिए कांग्रेस ने तैयार किया है। इसे ट्विटर पर शेयर किया गया।
Toolkit Part 2: INC wanted to sabotage Grand project for the nation #CongressToolkitExposed pic.twitter.com/AGWDSGA1r8
— TEAM BHARAT (@TeamBharat_) May 18, 2021
'कोविड टूलकिट' को आठ पन्नों का होना बताया गया और कांग्रेस द्वारा तैयार किए जाने का आरोप लगाया गया। 'कांग्रेस टूलकिट एक्सपोज्ड' हैशटैग से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने लिखा, 'झूठ, धोखा और बाँटो! कांग्रेस हमेशा इसीलिए जानी जाती है। इस वैश्विक तबाही के दौरान लोगों की पीड़ा की क़ीमत पर अपने घटते राजनीतिक दायरे को बढ़ाने के लिए उनके द्वारा ग़लत सूचना फैलाने का प्रयास करना बहुत ही निंदनीय है।'
LIE, DECEIVE & DIVIDE !
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) May 18, 2021
That's all @INCIndia has ever known!
It’s deplorable on their part to attempt to spread misinformation during this global catastrophe just to swell their dwindling political fortunes at the expense of people's suffering. #CongressToolkitExposed
क़रीब-क़रीब ऐसी ही प्रतिक्रिया बीजेपी के कई नेताओं ने साझा की। 'कांग्रेस टूलकिट एक्सपोज्ड' हैशटैग का इस्तेमाल कर ट्वीट करने वाले बीजेपी के शीर्ष नेताओं में स्मृति ईरानी, तीरथ सिंह रावत, पीयूष गोयल, राज्यवर्धन राठौर, तेजस्वी सूर्या, किरेन रिजिजू, अनुराग ठाकुर, पीसी मोहन, हरदीप सिंह पुरी, शोभा करंदलाजे, बीरेन सिंह, प्रह्लाद जोशी आदि शामिल थे। इनके अलावा एबीवीपी के पेज, बीजेपी के अमित मालवीय, संबित पात्रा, बीएल संतोष, तेजिंदर पाल सिंह बग्गा जैसे नेताओं और बीजेपी के समर्थकों ने भी इस कथित टूलकिट को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा।
इस बीच कांग्रेस ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी और उस टूलकिट को 'फ़ेक' बताया। इसने यह भी कहा कि क्योंकि कोरोना संकट से निपटने में सरकार विफल साबित हुई है और इसी को लेकर प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी की छवि ख़राब हो रही है तो इससे ध्यान भटकाने के लिए यह पैंतरा चला गया है।
एआईसीसी अनुसंधान विभाग के अध्यक्ष राजीव गौड़ा ने ऑल्ट न्यूज़ को बताया कि 'कोविड-19 कुप्रबंधन पर नरेंद्र मोदी और भाजपा का घेराव' शीर्षक वाला दस्तावेज उनकी पार्टी द्वारा तैयार नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि 'सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास: महामारी के बीच वैनिटी प्रोजेक्ट' शीर्षक से दस्तावेज एआईसीसी के अनुसंधान विभाग द्वारा बनाया गया था। उन्होंने कहा कि इसी के आधार पर बीजेपी ने जाली दस्तावेज तैयार कर 'कोविड टूलकिट' बताया है। राजीव गौड़ा ने कहा कि सेंट्रल विस्टा पर एआईसीसी के अनुसंधान विभाग ने 6 पेज के दस्तावेज तैयार किए थे।
BJP is propagating a fake "toolkit" on “COVID-19 mismanagement” & attributing it to AICC Research Department. We are filing an FIR for forgery against @jpnadda & @sambitswaraj
— Rajeev Gowda (@rajeevgowda) May 18, 2021
When our country is devastated by COVID, instead of providing relief, BJP shamelessly concocts forgeries
बीजेपी के आरोपों और कांग्रेस द्वारा इसे खारिज किए जाने के बाद ऑल्ट न्यूज़ ने इसके तथ्यों की जाँच की। इसने कथित कोविड टूलकिट और सेंट्रल विस्टा पर तैयार दस्तावेजों के लेटरहेड की पड़ताल की और पाया कि दोनों दस्तावेजों के लेटरहेड अलग-अलग हैं। किसी एक संस्था में तैयार लेटरहेड अलग नहीं होते। कांग्रेस द्वारा तैयार सेंट्रल विस्टा दस्तावेज के लेटरहेड के ऊपरी हिस्से में AICC सामान्य तरीक़े से लिखा हुआ है जबकि कथित कोविड टूलकिट में यह शब्द थोड़ा सा तिरछा है और अलग है। दोनों लेटरहेड पर पेज नंबर भी अलग-अलग तरह से लिखे दिखते हैं।
ऑल्ट न्यूज़ ने लिखा है कि राजीव गौड़ा ने कांग्रेस द्वारा तैयार सेंट्रल विस्टा वाले दस्तावेज मुहैया कराए। दोनों लेटरहेड में जो 'May, 2021' लिखा है उसमें भी काफ़ी भिन्नता है।
रिपोर्ट के अनुसार दोनों लेटरहेड के निचले हिस्से में भी काफ़ी भिन्नता है। दोनों लेटरहेड के फ़ुटर पर अलाइनमेंट अलग-अलग है। सेंट्रल विस्टा वाले दस्तावेज के लेटरहेड के फ़ुटर सही तरीक़े से अलाइन हैं जबकि कोविड टूलकिट पर यह विकृत है।
बता दें कि जब इस पर कांग्रेस की प्रियंका गांधी सहित कई नेताओं ने कोविड टूलकिट को जाली दस्तावेज क़रार दिया तो बीजेपी के संबित पात्रा ने सौम्या वर्मा के नाम का ज़िक्र कर अपने दावों को पुष्ट करने की कोशिश की। संबित पात्रा ने एक दस्तावेज़ को तैयार करने वाली सौम्या वर्मा की लिंक्डइन प्रोफ़ाइल का एक स्क्रीनशॉट भी साझा किया, जो राजीव गौड़ा के साथ काम करती हैं। इसके साथ ही पात्रा ने एक दस्तावेज की जानकारी शेयर की है जिसमें सौम्या वर्मा का नाम है और इसको उन्होंने इसे कोविड टूलकिट की जानकारी बताया है। हालाँकि संबित पात्रा द्वारा शेयर की गई जानकारी में ही दस्तावेज का नाम सेंट्रल विस्टा वैनिटी प्रोजेक्ट एआईसीसी रिसर्च लिखा हुआ है।
Friends yesterday Congress wanted to know who’s the Author of the toolkit.
— Sambit Patra (@sambitswaraj) May 19, 2021
Pls check the properties of the Paper.
Author: Saumya Varma
Who’s Saumya Varma ...
The Evidences speak for themselves:
Will Sonia Gandhi & Rahul Gandhi reply? pic.twitter.com/hMtwcuRVLW
जाहिर तौर पर यह 'कोविड टूलकिट' वाले दस्तावेज से जुड़ा नहीं है। कांग्रेस नेता राजीव गौड़ा ने आरोप लगाया कि संबित पात्रा सेंट्रल विस्टा के दस्तावेज की जानकारी शेयर कर कोविड टूलकिट का दस्तावेज साबित करना चाह रहे हैं।
राजीव गौड़ा ने ऑल्ट न्यूज़ के साथ सेंट्रल विस्टा पर तैयार उस दस्तावेज को शेयर किया जो 6 पेज का था। संबित पात्रा ने जो जानकारी शेयर की है उसमें भी 6 पेज ही लिखा दिख रहा है। लेकिन कोविड टूलकिट के नाम से जो दस्तावेज शेयर किए गए हैं उनमें 8 पेज शामिल हैं। समझा जाता है कि कोविड टूलकिट वाले दस्तावेज के साथ चार पेज कांग्रेस के सेंट्रल विस्टा वाले दस्तावेज को ट्विटर पर शेयर किया जा रहा है। ऑल्ट न्यूज़ ने लिखा है कि कांग्रेस ने सेंट्रल विस्टा वाले अपने दस्तावेज को सही बताया है, लेकिन बीजेपी ने जिसे कोविड टूलकिट बताया है उसके बारे में पुष्ट दस्तावेज या जानकारी नहीं दी है।
इस फ़ैक्ट चेक करने वाली वेबसाइट ने इसके साथ ही यह भी लिखा है कि कथित कोविड टूलकिट में जो शब्दावलियाँ इस्तेमाल की गई हैं और जिसे बढ़ावा दिया जाना था उसको लागू नहीं किया गया है। टूलकिट का सीधा मतलब होता है कि भविष्य में अपनाई जाने वाली रणनीति का लिखित दस्तावेज। लेकिन इस कथित टूलकिट में जो रणनीति अपनाने की बात कही गई है उसे अभी तक या तो लागू नहीं किया गया है या फिर वे कार्यक्रम पहले ही अप्रैल महीने में हो चुके हैं। मिसाल के तौर पर 'मोदी और उनकी अव्यवस्था को अंतरराष्ट्रीय मीडिया में उछालने की बात' उस कथित टूलकिट में की गई है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मीडिया तो ऐसी ख़बरें अप्रैल महीने से ही चला रहा है।
बीजेपी सरकार से जुड़े रहे अखिलेश मिश्रा ने राहुल गाँधी के उस ट्वीट को जिसमें एक साथ कई शवों को जलाया जा रहा है और न्यूयॉर्क टाइम्स की ऐसी ही तसवीर वाली ख़बर में संबंध बताने की कोशिश की और लिखा कि राहुल गांधी इसका नेतृत्व कर रहे हैं। जबकि तथ्य यह है कि राहुल गांधी का वह ट्वीट 29 अप्रैल को आया था जबकि उससे काफ़ी पहले ही 25 अप्रैल को न्यूयॉर्क टाइम्स ने ख़बर छापी थी। ऑल्ट न्यूज़ ने यह भी लिखा है कि अखिलेश मिश्रा बीजेपी समर्थित प्रोपेगेंडा वाले पेजों से भी जुड़े रहे हैं।
Tool: Collaborate with foreign media to magnify distress with dramatic images
— Akhilesh Mishra (@amishra77) May 18, 2021
Action: Again @RahulGandhi leading from the front. What purpose does it serve to magnify personal moments of grief ?
Others fed into this gory politics of Congress to demean even the dead. 3/10 pic.twitter.com/25T6aWEidK
इसके अलावा इस कथित कोविड टूलकिट में जिन शब्दों को ट्रेंड कराने या इस्तेमाल करने को कहा गया है वे शब्द या तो कभी इस्तेमाल ही नहीं हुए हैं या फिर इस्तेमाल हुए हैं तो कभी-कभी और वो भी किसी कांग्रेसी द्वारा नहीं। उस दस्तावेज में ऐसा ही एक शब्द ‘super spreader kumbh’ के इस्तेमाल पर जोर दिया गया है, लेकिन इस शब्द का इस्तेमाल बीजेपी समर्थकों या बीजेपी के हैंडल से किए गए हैं। 'इंडियन स्ट्रेन' अधिकतर मीडिया द्वारा इस्तेमाल किया गया है। फ़ैक्ट चेक करने वाली इस वेबसाइट के अनुसार, 'मोदी स्ट्रेन' शब्द का इस्तेमाल 1 मई से 17 मई तक पाँच ऐसे हैंडल हैं जिन्होंने किया है और जिसका कम से कम एक रिट्वीट है। क्या सिर्फ़ पाँच ट्वीट को किसी अभियान का हिस्सा माना जा सकता है? ‘Quarantined’ Jaishankar, ‘sidelined’ Rajnath Singh और ‘insensitive’ Nirmala Sitharaman शब्द भी ट्विटर पर सर्च में नहीं आते हैं।
इस दस्तावेज में यह भी सलाह दी गई है कि COVID SOS मैसेज का तबतक जवाब नहीं दिया जाए जब तक भारतीय युवा कांग्रेस को टैग नहीं किया जाए। जबकि वास्तविकता में ऐसा नहीं है। युवा कांग्रेस और इसके नेता श्रीनिवास बी वी के ट्विटर हैंडल पर देखा जा सकता है कि उन्होंने यूथ कांग्रेस या किसी कांग्रेस नेता के टैग किए बिना भी कोरोना मरीज़ों की मदद की है।
Mam, Please check with @hansrajhansHRH once.
— Srinivas B V (@srinivasiyc) May 18, 2021
Then use the toolkit created by BJP to copy-paste tweets. https://t.co/dvBkmIp87O pic.twitter.com/pvVk3JLpPi
बता दें कि राजीव गौड़ा और कांग्रेस सोशल मीडिया विभाग के अध्यक्ष रोहन गुप्ता ने दिल्ली पुलिस आयुक्त से बीजेपी नेताओं- जेपी नड्डा, संबित पात्रा, स्मृति ईरानी, बीएल संतोष सहित अन्य के ख़िलाफ़ 'एआईसीसी अनुसंधान विभाग के लेटरहेड को जाली बनाने और उसके बाद झूठी छपाई करने' और मनगढ़ंत सामग्री बनाने के लिए शिकायत दर्ज कराई है।
ऑल्ट न्यूज़ ने विश्लेषण कर लिखा है कि एआईसीसी अनुसंधान विभाग के लेटरहेड से छेड़छाड़ कर कथित कोविड टूलकिट दस्तावेज बनाया गया है। इसने यह भी लिखा है कि बीजेपी ने अब तक सिर्फ़ स्क्रीनशॉट ही शेयर किए हैं और वह न तो पीडीएएफ़ और न ही माइक्रोसॉफ़्ट वर्ड का ऑरिजिनल वर्जन पेश कर पाई है।