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लॉकडाउन से तबाह अर्थव्यवस्था को रिज़र्व बैंक का सहारा, मिलेंगे 50 हज़ार करोड़

लॉकडाउन से तबाह अर्थव्यवस्था को रिज़र्व बैंक का सहारा, मिलेंगे 50 हज़ार करोड़

लॉकडाउन की वजह से बंद पड़ी अर्थव्यवस्था में नकदी संकट न हो, इसके लिए भारतीय रिज़र्व बैंक 50 हज़ार करोड़ रुपए डालेगा।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने एक विशेष पैकेज का एलान करते हुए कहा है कि वह नाबार्ड, सिडबी और नेशनल हाउसिंग बैंक को 50 हज़ार करोड़ रुपए देगा।

गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार की सुबह एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि नाबार्ड को 25 हज़ार करोड़, भारतीय लघु औद्योगिक बैंक (सिडबी) को 15 हज़ार करोड़ और नेशनल हाउसिंग बैंक यानी एनएचबी को 10 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। 

आरबीआई प्रमुख ने कहा कि इस संकट के बावजूद कृषि क्षेत्र स्थिर है, हमारे पास खाद्यान्नों का बफर स्टॉक है। उन्होंने कहा कि इस साल मॉनसून अच्छा रहने का अनुमान है। 

निर्यात गिरा

दास ने यह माना कि मार्च 2020 में निर्यात में भारी गिरावट आई है। लेकिन उन्होंने कहा कि इसके बावजूद विदेशी मुद्रा भंडार 476 अरब डॉलर का है जो 11 महीने के आयात के लिए काफी है। दुनिया में कच्चे तेल के दाम लगातार घट रहे हैं, जिससे फायदा हो सकता है।

इसके साथ ही रिज़र्व बैंक जिस ब्याज दर पर बैंकों को पैसे देता है उसमें कटौती करेगा। इसे रिवर्स रीपो रेट कहते हैं। शक्ति कांत दास ने कहा कि इसे 4 प्रतिशत से घटा कर 3.75 प्रतिशत कर दिया जाएगा। लेकिन पॉलिसी रेट नहीं बदला गया है। इस कारण बैंक से पैसे लेने वालों तक यह फ़ायदा नहीं पहुँचेगा। यानी, आपका ईएमआई कम नहीं होने जा रहा है। 

शक्तिकांत दास ने कहा कि यह अभूतपूर्व संकट का समय है, इसलिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। उनके मुताबिक, दुनिया भर में अर्थव्यवस्था के लिए बुरा वक़्त है। उन्होंने कहा कि बुरा समय हमेशा नहीं रहता और कोरोना के खिलाफ जंग में जीत जरूर मिलेगी।

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