रिज़र्व बैंक ने घटाई अनुमानित जीडीपी वृद्धि दर, कम होगी ईएमआई
भारतीय रिज़र्व बैंक ने सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी वृद्धि दर में कटौती कर दी है। आरबीआई ने इसे 6.9 प्रतिशत से कम कर 6.1 प्रतिशत कर दिया है। इसके साथ ही उसने उस ब्याज दर को कम कर दिया, जिस पर वह वाणिज्यिक बैंकों को पैसे देता है। इसका अर्थ यह है कि लोगों को जिस दर पर ब्याज चुकाना होता है, वह भी कम होगी। इसका मतलब यह है कि आपका ईएमआई अब कम हो जाएगा।
सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर में कटौती की घोषणा महत्वपूर्ण इसलिए है कि इस तरह की बात कई विदेशी एजेंसियों और अर्थशास्त्रियों ने पहले भी की थी, जिससे सरकार लगातार इनकार करती रही है। पर अब देश की अर्थव्यवस्था पर निगरानी रखने वाले सबसे बड़े संस्थान ने ही इसमें कटौती का एलान कर लिया। मतलब साफ़ है, अर्थव्यवस्था धीमी चल रही है।
इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने 25 बेसिस अंकों की दर से रेपो रेट में कटौती कर दी है। रेपो रेट वह दर है, जिस पर रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को पैसे देता है। रिज़र्व बैंक ने यह भी कहा था कि रेपो रेट में कटौती को सीधे वाणिज्यिक बैंकों की ब्याज दर से जोड़ दिया जाएगा। यानी जब जब रेपो रेट में कटौती होगी, तब तब उतनी ही कटौती बैंक दरों में भी हो जाएगी। इसका मतलब यह है कि अब जो रेपो रेट में कटौती की गई है, उतनी ही कटौती बैंक दरों में हो जाएगी। यानी, यदि आपने बैंक से कर्ज लिया है और ईएमआई चुका रहे हैं, तो वह ईएमआई कम हो जाएगी।