सवर्ण आरक्षण बिल जैसे और भी छक्के आने वाले हैं : बीजेपी
सामान्य वर्ग के ग़रीबों के लिए 10 फ़ीसदी आर्थिक आरक्षण वाले विधेयक पर बहस के दौरान क़ानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विपक्षी दलों पर करारा वार किया। बहस के दौरान विपक्षी दलों के सवालों का जवाब देते हुए प्रसाद ने आर्थिक आरक्षण विधेयक की छक्के से तुलना की और कहा कि यह पहला छक्का नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसे और भी छक्के आने वाले हैं।
प्रसाद ने कहा, ‘क्रिकेट में छक्के स्लॉग ओवर में लगते हैं। जब मैच क्लोज होता है तब लगता है। अगर आपको इसी पर परेशानी है तो यह पहला छक्का नहीं है। और भी छक्के आने वाले हैं।’
Union Law Minister Ravi Shankar Prasad in Rajya Sabha on #QuotaBill: Cricket mein chhakka slog over mein lagta hai, jab match close hota hai tab lagta hai. Agar aapko issi pe pareshani hai, to yeh pehla chakka nahi hai, aur chakke aane wale hain. pic.twitter.com/f6yNjppFDB
— ANI (@ANI) January 9, 2019
बीएसपी सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि यह कानून केवल छलावे को तौर पर चुनाव की वजह से आखिरी वक्त पर लाया गया है। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि आर्थिक रूप से कमज़ोर तबके के लिए 10 फ़ीसदी आरक्षण का मंडल कमीशन के प्रस्ताव को सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक करार दिया था। उन्होंने कहा कि यदि नौ जजों की बेंच इसे असंवैधानिक करार देती है तो बीजेपी कैसे संशोधन कर सकती है।
बिल को रातोंरात संसद पर थोपा गया : डीएमके
डीएमके की कणिमोई ने कहा कि इस बिल को बिना किसी कमिटी को भेजे रातोंरात संसद पर थोपा गया। उन्होंने साफ़ किया कि आरक्षण जातिगत भेदभाव की वजह से लोगों को दिया गया, यह दया नहीं उनका अधिकार है। उन्होंने पूछा कि मुस्लिमों और क्रिश्चियन समाज को क्यों आरक्षण नहीं दिया जाता है।
इससे पहले राज्यसभा में बिल पेश होते ही विपक्षी सांसदों ने ज़ोरदार हंगामा कर दिया था। वे अपनी सीट से उठकर उपसभापति के सामने आकर नारेबाज़ी करने लगे तो कार्यवाही को दो बजे तक स्थगित करना पड़ा था।
इससे पहले मंगलवार को यह बिल लोकसभा में पास हो गया है और विधेयक के समर्थन में 323 वोट पड़े, जबकि 3 सांसदों ने इसके ख़िलाफ़ मतदान किया। उम्मीद जताई जा रही थी कि राज्यसभा में भी यह आसानी से पास हो जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और विरोध इतना ज़्यादा बढ़ गया कि कार्यवाही बाधित हुई।आरक्षण को ख़त्म करने की तैयारी : आरजेडी
आरेजडी के मनोज झा ने कहा कि जातिगत आरक्षण को ख़त्म करने के लिए रास्ता तैयार किया जा रहा। उन्होंने कहा कि सरकार लोगों को झुनझुना दिखाती है, देती नहीं है। आरजेडी सांसद मनोज झा ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए इसे आधी रात की डकैती तक कह दिया। झा ने कहा कि इस बिल से ओबीसी वर्ग के लोगों के आरक्षण को ख़त्म करने की कोशिश हो रही है। इस बीच सीपीआई (एम) के राज्यसभा सांसद टीके रंगराजन ने 124वें संविधान संशोधन विधेयक 2019 के लिए एक संशोधन पेश किया।
शिवसेना के अनिल देसाई ने कहा कि शिवसेना इस बिल का समर्थन करती है, हमारे दिवंगत नेता ने इस वक्त इसपर बात की थी, जब कोई इस मुद्दे पर बात करने को तैयार भी नहीं होता था।
Uproar by opposition in Rajya Sabha as the 10% quota bill is tabled. #Parliament pic.twitter.com/9LVqJT3jrS
— ANI (@ANI) January 9, 2019
राज्य सभा में चर्चा के दौरान मध्य प्रदेश से बीजेपी सांसद प्रभात झा ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक बिल है। उन्होंने कहा, 'हमारे समय में लोग कहते थे कि कब सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण मिलेगा? लेकिन हमारे नेता नरेन्द्र मोदी ने लोगों की भावनाओं को समझा।'
इससे पहले लोकसभा में विधेयक पर मंगलवार को क़रीब 5 घंटे तक बहस हुई। बहस के दौरान कई सांसदों ने विधेयक को लेकर सरकार की नीयत पर सवाल खड़े किए। लोकसभा में विधेयक के पास होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि हम सबका साथ, सबका विकास के संकल्प पर प्रतिबद्ध हैं और हमारी कोशिश है कि समाज में प्रत्येक ग़रीब व्यक्ति को सम्मान के साथ जीने का मौका मिले।बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी सरकार की कैबिनेट ने सोमवार को आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में दाखिले के लिए 10 फ़ीसदी आरक्षण के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसमें सवर्ण समेत वे सभी लोग शामिल होंगे, जिन्हें अब तक आरक्षण का लाभ नहीं मिला है। लेकिन इसका फ़ायदा वे लोग ही उठा सकेंगे, जिनकी सालाना आय 8 लाख रुपये से कम है। यह आरक्षण मौजूदा अधिकतम सीमा 50 फ़ीसद से ऊपर होगा। फ़िलहाल 49.5 प्रतिशत आरक्षण है, इसे बढ़ा कर 59.5 फ़ीसद करना होगा। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव पर सोमवार को मुहर लगाई।
यह भी पढ़ें : सवर्ण आरक्षण संशोधन विधेयक लोकसभा में पास, राज्यसभा में परीक्षा आज