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पीएम केयर्स फंड के ट्रस्टियों में रतन टाटा जैसी शख्सियतें क्यों?

पीएम केयर्स फंड के ट्रस्टियों में रतन टाटा जैसी शख्सियतें क्यों?

विवादों में रहे पीएम केयर्स फंड को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय ने अब एक बयान जारी किया है जिसमें बड़ा फ़ैसला लिया गया है। जानिए, यह फ़ैसला क्यों लिया गया है।

उद्योगपति रतन टाटा को पीएम केयर्स फंड के ट्रस्टियों में से एक के रूप में नामित किया गया है। टाटा सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति के टी थॉमस, पूर्व स्पीकर करिया मुंडा सहित प्रतिष्ठित हस्तियों में शामिल हैं, जिन्हें ट्रस्ट के लिए नामित किया गया। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पीएम केयर्स फंड के अन्य ट्रस्टी हैं।

पीएम केयर्स फंड में ट्रस्टी बनाए जाने की यह ख़बर तब आई है जब इस फंड पर शुरू से सवाल उठते रहे हैं। यह आरोप लगाया जाता रहा है कि पीएम केयर्स में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी है। 

पीएम केयर्स फंड को लेकर विपक्षी दल लगातार हमलावर रहे हैं। आरोप लगाया जाता रहा है कि इसमें ग़लत लोगों का पैसा आ रहा है और ग़लत जगहों पर पैसा ख़र्च किया जा रहा है। हालाँकि, सरकार इन आरोपों को खारिज करती रही है।  

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष के होने के बावजूद एक नया फंड बनाने के औचित्य पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। इन सवालों के संतोषजनक उत्तर मोदी सरकार की तरफ़ से नहीं आए हैं। 

पीएम केयर्स फंड 2020 में 28 मार्च को शुरू किया गया था और कहा गया था कि ये कोरोना महामारी से निपटने और इसी तरह के कामों के लिए बनाया गया है। लेकिन जिस तरह से इसे बनाया गया था, उससे ही संदेह पैदा हो गए थे कि आख़िर इसका मुख्य उद्देश्य क्या है।

संविधान में धारा 266 और 267 में कोष बनाने की प्रक्रिया दी गई है, मगर माना जाता है कि पीएम केयर्स फंड को बनाते समय उसका पालन नहीं किया गया। आरोप लगता है कि उसने संसद को ही बाईपास कर दिया ताकि वहाँ उससे कोई पूछताछ न हो और कैग उसकी जाँच न कर सके।

इस बारे में एक जनहित याचिका भी सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी, जिसमें यह कहा गया था कि इस फंड को शुरू करते समय न तो अध्यादेश लाया गया और न ही गजट अधिसूचना जारी की गई।

बहरहाल, अब प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में ट्रस्टियों का पीएम केयर्स फंड का अभिन्न अंग बनने के लिए स्वागत किया है। 

यह घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पीएम केयर्स फंड के न्यासी बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करने के एक दिन बाद हुई है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार बैठक के दौरान पीएम केयर्स फंड की मदद से की गई विभिन्न पहलों पर एक प्रजेंटेशन दिया गया था। उस बैठक में रतन टाटा भी मौजूद थे।

ट्रस्ट ने पीएम केयर्स फंड में सलाहकार बोर्ड के गठन के लिए प्रतिष्ठित व्यक्तियों- भारत के पूर्व नियंत्रक और महालेखा परीक्षक राजीव महर्षि, इंफोसिस फाउंडेशन पूर्व अध्यक्ष सुधा मूर्ति, टीच फॉर इंडिया के सह-संस्थापक और इंडिकॉर्प्स व पीरामल फाउंडेशन के पूर्व सीईओ आनंद शाह को नामित करने का भी निर्णय लिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि नए ट्रस्टियों और सलाहकारों की भागीदारी से पीएम केयर्स फंड के कामकाज को व्यापक दृष्टिकोण मिलेगा।

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