रश्मि शुक्ला ने बीजेपी का साथ देने के लिए विधायक पर डाला था दबाव: एनसीपी
महाराष्ट्र पुलिस के इंटेलिजेंस विभाग की पूर्व कमिश्नर रश्मि शुक्ला की रिपोर्ट का एक ओर बीजेपी के नेता जहां-तहां प्रचार कर रहे हैं तो वहीं महा विकास अघाडी सरकार में शामिल एनसीपी और शिव सेना इसे लेकर पूर्व कमिश्नर पर हमलावर हैं। एनसीपी ने रश्मि शुक्ला को बीजेपी की एजेंट बताया है तो शिव सेना ने कहा है कि डीजीपी सुबोध जायसवाल, रश्मि शुक्ला एक राजनीतिक पार्टी की सेवा कर रहे थे।
इसके अलावा मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह द्वारा महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर लगाए गए आरोपों को लेकर भी महाराष्ट्र की सियासत बेहद गर्म है।
एनसीपी के नेता और ठाकरे सरकार के मंत्री जितेंद्र आव्हाड़ ने कहा है कि रश्मि शुक्ला ने निर्दलीय विधायक राजेंद्र येद्रावकर पर दबाव डाला था कि वह महा विकास अघाडी की सरकार का विरोध करें और बीजेपी का साथ दें। आव्हाड़ ने सवाल उठाया है कि आख़िर किस अधिकार के तहत रश्मि शुक्ला ने ऐसा किया। आव्हाड़ ने कहा है कि उन्होंने यह दावा राजेंद्र येद्रावकर के साथ हुई बातचीत के आधार पर किया है। राजेंद्र कोल्हापुर जिले की शिरोल सीट से विधायक है।
आव्हाड़ ने कहा, “मुझे राजेंद्र येद्रावकर ने यह बात बताई है। एसीपी लेवल के एक अफ़सर संजय पाटिल को राजेंद्र के पीछे लगाया गया था। रश्मि शुक्ला ने उन्हें फ़ोन किया था और कहा था, अगर मेरे साथ चाय पियोगे तो क्या नमक हलाली नमक हरामी हो जाएगी।”
महाराष्ट्र के सियासी हालात पर देखिए चर्चा-
आव्हाड़ ने कहा कि विधायक राजेंद्र पर बहुत दबाव बनाया गया और उन्हें पैसा देने की पेशकश भी की गयी। आव्हाड़ ने कहा कि वह नहीं जानते कि रश्मि शुक्ला ने ऐसा क्यों किया। आव्हाड़ ने हालांकि यह नहीं बताया कि यह बातचीत कब हुई। आव्हाड़ ने इस बयान को दोहराया कि रश्मि शुक्ला बीजेपी के एजेंट की तरह काम कर रही थीं।
आवास मंत्री आव्हाड़ के इस दावे के बारे में पूछे जाने पर राजेंद्र येद्रावकर ने कहा, “हां, यह बात सच है कि मुझसे बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन को सपोर्ट करने के लिए कहा गया था। लेकिन मैंने उनसे कहा था कि मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के साथ बात करने के बाद ही कोई फ़ैसला लूंगा। इसके बाद मैंने महा विकास आघाडी सरकार को समर्थन देने का फ़ैसला किया।”
आव्हाड़ ने कहा कि रश्मि शुक्ला ने जो किया वो पूरी तरह ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट का उल्लंघन है। सूत्रों के मुताबिक़, बुधवार शाम को हुई ठाकरे कैबिनेट की बैठक में इस बात का फ़ैसला लिया गया है कि परमबीर सिंह और रश्मि शुक्ला के ख़िलाफ़ बहुत जल्द कार्रवाई की जा सकती है।
मलिक ने भी बताया था बीजेपी की एजेंट
ठाकरे सरकार में मंत्री और एनसीपी के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने भी कुछ दिन पहले कहा था कि रश्मि शुक्ला बीजेपी की एजेंट की तरह काम कर रही थीं। उन्होंने कहा था कि रश्मि शुक्ला की रिपोर्ट में जिन ट्रांसफ़र का जिक्र है, उनमें से 80 फ़ीसदी ट्रांसफ़र तो हुए ही नहीं हैं।
मलिक ने कहा था कि यह पूरी तरह षड्यंत्रकारी रिपोर्ट है और रश्मि शुक्ला ने बिना अनुमति लिए फ़ोन टैप किए और उसी आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में जब महा विकास आघाडी की सरकार बन रही थी तब भी रश्मि शुक्ला ग़ैर क़ानूनी ढंग से सारे नेताओं के फ़ोन टैप कर रही थीं और इस बात की जानकारी ठाकरे सरकार के पास है।
फडणवीस ने लगाया था आरोप
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र में ट्रांसफर-पोस्टिंग के गोरखधंधे के चलने का दावा किया था। उन्होंने कहा था कि इंटेलिजेंस विभाग की पूर्व कमिश्नर रश्मि शुक्ला ने इस गोरखधंधे को ट्रैप किया था और ठाकरे सरकार को रिपोर्ट भेजी थी। फडणवीस ने कहा था कि ठाकरे सरकार ने आरोपियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने के बजाय उन्हें उनकी मनमाफिक पोस्टिंग और ट्रांसफर दे दिया।
फडणवीस ने मंगलवार शाम को दिल्ली में केंद्रीय गृह सचिव से मुलाक़ात की थी और उन्हें यह रिपोर्ट सौंपी थी। उन्होंने अनिल देशमुख पर लगे आरोपों की सीबीआई जांच की मांग भी की थी। बीजेपी के नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल इस मामले में बुधवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से भी मिला था।