बीजेपी नेताओं को नाथूराम गोडसे से इतना ‘प्रेम’ क्यों है?
हेगड़े ने भी की थी तारीफ़
प्रज्ञा ठाकुर को पार्टी के भीतर समर्थन मिला था और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंत हेगड़े ने उनकी तारीफ़ की थी। उन्होंने प्रज्ञा के बयान को सही ठहराते हुए कहा था, ‘मैं खुश हूं कि क़रीब 7 दशक बाद आज की नई पीढ़ी इस मुद्दे पर चर्चा कर रही है और साध्वी प्रज्ञा को इस पर माफ़ी मांगने की ज़रूरत नहीं है।’
अनिल सौमित्र बने प्रोफ़ेसर
मध्य प्रदेश बीजेपी की मीडिया सेल के प्रमुख अनिल कुमार सौमित्र ने मई, 2019 में बापू को ‘फ़ादर ऑफ़ पाकिस्तान’ यानी पाकिस्तान का राष्ट्रपिता कहा था। तब विवाद बढ़ने के कारण बीजेपी ने उन्हें पद से हटा दिया था लेकिन कुछ ही दिन पहले उन्हें पत्रकारिता के सर्वोच्च संस्थान इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ मास कम्युनिकेशन (आईआईएमसी) में प्रोफ़ेसर नियुक्त किया गया है।
‘माफ़ नहीं कर पाऊंगा’
लोकसभा चुनाव के दौरान इन बयानों के कारण घिरी बीजेपी के बचाव में उतरते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था, ‘महात्मा गांधी और नाथूराम गोडसे को लेकर जो भी बातें की गई हैं, वे बेहद ख़राब हैं। ये बातें पूरी तरह से घृणा के लायक हैं, सभ्य समाज के अंदर इस प्रकार की बातें नहीं चलती हैं। भले ही इस मामले में उन्होंने माफ़ी मांग ली हो, लेकिन मैं अपने मन से उन्हें कभी भी माफ़ नहीं कर पाऊंगा।’
कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं
बीजेपी ने कहा था कि वह ऐसे नेताओं के ख़िलाफ़ कार्रवाई करेगी और ख़ुद तत्कालीन अध्यक्ष अमित शाह ने यह बात कही थी। लेकिन बजाय कार्रवाई के ऐसे नेताओं को तरक्की दे दी गई।
बीजेपी का स्याह चेहरा
ऐसे में बीजेपी किस मुंह से गांधी जयंती पर देश भर में प्रोग्राम करती है। लेकिन दिक्कत यह है कि उसके इस चेहरे को जनता के सामने लाने वाला कोई नहीं है। लोगों को यह बताया जाना चाहिए कि बापू के हत्यारे के प्रति अगाध श्रद्धा रखने वाले और उन्हें सच्चा देशभक्त बताने वाले ये लोग बीजेपी में ऊंचे पदों पर बैठे और सरकार में शामिल रह चुके नेता हैं और दिन भर बापू को गालियां देने वाले लोग इनके ‘राष्ट्रवादी’ कार्यकर्ता। ऐसे में बीजेपी का बापू के प्रति कितना सम्मान है, इस बारे में कुछ और कहने लायक शब्द शेष नहीं हैं।