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अयोध्या में राम मंदिर 1 जनवरी 2024 को खुल जाएगाः अमित शाह

अयोध्या में राम मंदिर 1 जनवरी 2024 को खुल जाएगाः अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज 5 जनवरी को त्रिपुरा में कहा कि 1 जनवरी 2024 को अयोध्या में राम मंदिर जनता के लिए खुल जाएगा। शाह गुरुवार को वहां रथ यात्रा निकालने गए थे। त्रिपुरा में दो महीने बाद चुनाव होने वाले हैं।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अयोध्या में राम मंदिर खोलने की तारीख घोषित कर दी है। अमित शाह ने आज 5 जनवरी को त्रिपुरा के सबरूम रैली में कहा कि 1 जनवरी 2024 को अयोध्या में राम मंदिर जनता के लिए खुल जाएगा। अमित शाह त्रिपुरा में पार्टी की रथ यात्रा शुरू करने आए थे। त्रिपुरा में फरवरी-मार्च में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।   

अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस और सीपीएम ने लंबे समय तक राम मंदिर मुद्दे को अदालत के अधिकार क्षेत्र में रखा, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इसका शिलान्यास किया।

अमित शाह ने राहुल का नाम लेकर कहा - राहुल बाबा, सुन लीजिए कि 1 जनवरी 2024 को एक विशाल राम मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा।

दक्षिण त्रिपुरा जिले के सबरूम में, शाह ने उत्तरी त्रिपुरा जिले के धर्मनगर के बाद गुरुवार को दूसरी बीजेपी रथ यात्रा को झंडी दिखाकर रवाना किया। इसका मकसद इस साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार की उपलब्धियों को उजागर करना था। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मोदी के हाथों में देश सुरक्षित है। उन्होंने कहा, कश्मीर में पुलवामा की घटना के दस दिन बाद, भारतीय सैनिक पाकिस्तान के अंदर गए और मोदी के नेतृत्व में एक सफल अभियान चलाया।

अमित शाह त्रिपुरा क्यों आएः अमित शाह ने जिस रथ यात्रा की शुरुआत की है, वो प्रदेश की सभी 60 विधानसभा क्षेत्रों से गुजरेगी। अमित शाह के अलावा 10 केंद्रीय मंत्री भी त्रिपुरा आए हुए हैं। चुनाव के मद्देनजर इस रथ यात्रा के दौरान करीब 200 रैलियां की जाएंगी।

बीजेपी के पास त्रिपुरा में बताने के नाम पर उपलब्धियां नहीं के बराबर हैं। इधर बीजेपी के कई नेता बागी हो गए और अब विधायक भी भाग रहे हैं।  पिछले गुरुवार को  बीजेपी विधायक और राज्य के दिग्गज आदिवासी नेता दीबा चंद्र हरंगखाल वापस अपनी पुरानी पार्टी कांग्रेस में लौट गए। इससे विपक्षी कांग्रेस को त्रिपुरा में भारी बढ़त मिली है। हरंगखाल 2021 के बाद से बीजेपी छोड़ने वाले पांचवें विधायक थे और इस साल कांग्रेस में शामिल होने वाले तीसरे। उनसे पहले सुदीप रॉय बर्मन और आशीष कुमार साहा कांग्रेस में आए थे।

त्रिपुरा में कांग्रेस और वामदलों के नजदीक और मोर्चा बनाने की आहट बीजेपी को है। पूर्वोत्तर के इस महत्वपूर्ण राज्य को बीजेपी किसी भी कीमत पर खोना नहीं चाहती। इसीलिए उसने यहां से मुख्यमंत्री तक बदल दिया है। आज रथ यात्रा निकालने का मकसद बीजेपी कार्यकर्ताओं को जहां सक्रिय करना था, वहां यह बताना भी था कि राज्य में बीजेपी कमजोर नहीं है। संभावित कांग्रेस-सीपीएम गठबंधन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा था कि पश्चिम बंगाल की तरह, त्रिपुरा के लोग उन्हें अस्वीकार कर देंगे। हालांकि अमित शाह ने आज राम मंदिर के मामले में जिस तरह से सीपीएम का नाम लिया, उसकी रणनीति भी समझी जा सकती है। बीजेपी यह मान रही है कि सीपीएम और कांग्रेस अगर मिलकर चुनाव लड़े तो काफी ताकतवर साबित हो सकते हैं। क्योंकि इससे पहले सीपीएम और कांग्रेस के बीच त्रिपुरा में मुकाबला होता था।

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