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राम मंदिर ट्रस्ट पर आरोप, दो करोड़ की जमीन 18.5 करोड़ में खरीदी

राम मंदिर ट्रस्ट पर आरोप, दो करोड़ की जमीन 18.5 करोड़ में खरीदी

अयोध्या में रामजन्म भूमि पर मंदिर का निर्माण करा रहे ट्रस्ट पर ज़मीन खरीद में फर्जीवाड़े का बड़ा आरोप लगा है।

अयोध्या में रामजन्म भूमि पर मंदिर का निर्माण करा रहे ट्रस्ट पर ज़मीन खरीद में फर्जीवाड़े का बड़ा आरोप लगा है। इस संबंध में दस्तावेजी प्रमाण पेश करते हुए आम आदमी पार्टी के यूपी प्रभारी व राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और पूर्व विधायक पवन पांडेय ने आरोप लगाया है कि रामजन्मभूमि ट्रस्ट ने दो करोड़ रुपए की ज़मीन 18.50 करोड़ रुपए में खरीदी, इसमें करोड़ों रुपये का घपला किया गया। 

दोनों ही सौदे इसी साल 18 मार्च को किए गए। पहले सौदे में दो करोड़ रुपये में ज़मीन खरीदी गयी और उसी दिन राम मंदिर ट्रस्ट को इसे 18.50 करोड़ रुपये में बेच दिया गया। 

संजय सिंह का आरोप है कि इस तरह ट्रस्ट के पास जनता से राम मंदिर के नाम पर मिले दान के पैसों में 16.50 करोड़ रुपये की बंदरबाँट कर ली गयी। दोनों ही बार ज़मीन के सौदे में गवाही देने वाले ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा हैं।

क्या है पूरा मामला?

अयोध्या में रामजन्मभूमि पर बन रहे मंदिर के परिसर के विस्तार के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इसी साल जनवरी में फ़ैसला किया। फ़ैसले के मुताबिक़, 70 एकड़ में बन रहे मंदिर परिसर को 107 एकड़ में किया जाना था और इसके लिए आसपास के निजी स्वामित्व वाली ज़मीन को खरीदा जाना था।

ट्रस्ट ने विस्तार के लिए 12,080 वर्गफीट ज़मीन खरीदी है। इस ज़मीन को पहले कुसुम पाठक पत्नी हरीश पाठक से सुल्तान अंसारी ने दो करोड़ रुपये में खरीदा और 18 मार्च को बैनामा कराया। उसी दिन यानी 18 मार्च को कुछ ही मिनट बाद सुल्तान अंसारी से इस ज़मीन को ट्रस्ट ने 18.5 करोड़ रुपये में खरीद लिया।

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स्टाम्प पहले खरीद लिए

'आप' सांसद ने रविवार को राजधानी लखनऊ में दस्तावेज़ पेश कर दावा किया कि सुल्तान अंसारी जिस ज़मीन के मालिक बनने के लिए 18 मार्च 2021 को 5:22 बजे स्टांप खरीद रहे थे, उसी ज़मीन को सुल्तान अंसारी से खरीदने के लिए श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा 18 मई 2021 को 11 मिनट पहले यानी बिना सुल्तान अंसारी के मालिक बने, 5:11 पर स्टांप खरीदे जा चुके थे। 

इतना ही नहीं जिस जमीन को सुल्तान अंसारी ने दो करोड़ में खरीदा, उस ज़मीन को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को बेचने के लिए 18.50 करोड़ का एग्रीमेंट किया और 17 करोड़ रुपए अपने खाते में ले लिए।

मंदिर ट्रस्ट महासचिव पर आरोप 

'आप' सांसद संजय सिंह ने विश्व हिन्दू परिषद के पदाधिकारी व श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट महासचिव चंपत राय पर इस पूरे मामले में मिलीभगत कर श्रद्धालुओं से दान में मिली रकम के घोटाले का आरोप लगाया है।

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संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राम मंदिर के दानदाताओं के करोड़ों रुपए चंपत राय चंपत कर गए हैं। संजय सिंह ने कहा कि जो ज़मीन पहले 2 करोड़ में खरीदी गई, 5 मिनट में वह ज़मीन 18.5 करोड़ की हो गयी। 

दोनों रजिस्ट्री में सिर्फ 5 मिनट का अंतर है और दोनों रजिस्ट्री में गवाह ट्रस्ट के सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा घोटाले में शामिल हैं। आप सांसद ने कहा कि अयोध्या मेयर ऋषिकेश घोटाले के गवाह हैं।

 

ट्रस्ट की सफ़ाई

दूसरी ओर,  श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने कहा है कि अब तक जितनी ज़मीन खरीदी गई है, वह खुले बाज़ार से बहुत कम कीमत पर खरीदी गई है। 

इसने यह भी कहा है, 'उक्त भूमि को खरीदने के लिए वर्तमान विक्रेतागणों ने वर्षों पूर्व जिस मूल्य पर रजिस्टर्ड अनुबंध किया था, उस भूमि को उन्होंने 18 मार्च 2021 को बैनामा कराया, तत्पश्चात ट्रस्ट के साथ अनबंध किया।'

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'आरोपों से डरते नहीं' 

अयोध्या में राम मंदिर के लिए ज़मीन खरीद में 18 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार पर  राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा, 'हम पर महात्मा गाँधी के हत्या के भी आरोप लगे हैं। उन्होंने कहा कि हम आरोपों से नहीं डरते, जो आरोप लगे हैं, उसकी मैं स्टडी करूंगा।'

 

'आरोपों की जाँच हो' 

राम मंदिर निर्माण को लेकर हुए इस बड़े खुलासे पर अयोध्या की प्रसिद्ध हनुमान गढ़ी के महंत राजू दास ने कहा कि संजय सिंह ने वित्तीय अनियमितता को लेकर जो सवाल उठाया है, उसकी  उच्च स्तरीय जाँच हो। 

उन्होंने कहा कि  अगर जाँच में संजय सिंह के आरोप सही नहीं पाए जाते हैं तो मैं उनके ऊपर मानहानि का 50 करोड़ रुपए का दावा करूँगा। 

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