राम मंदिर: 4 लाख गाँवों के 11 करोड़ घरों तक पहुँचेगी विहिप
राम मंदिर निर्माण की शुरुआत के बाद इसे जनता की भावनाओं व आस्था से जुड़े रखने की तैयारी की जा रही है। मंदिर का सियासी फ़ायदा उठाने के लिए उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों तक राम मंदिर मुद्दे को जिंदा रखा जाएगा।
अयोध्या में बन रहे राम मंदिर से बड़े पैमाने पर जनता को जोड़ने और आर्थिक सहयोग लेने के लिए विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) अगले साल 15 जनवरी से अभियान शुरू करेगी। विहिप की योजना यूपी के गाँव-गाँव में राम की प्रतिमा या मंदिर बनाने की है।
योगी का दाँव
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना महामारी का दौर खत्म होने के बाद प्रदेश के श्रद्धालुओं को राम मंदिर ले जाने के लिए बसें उपलब्ध कराने का एलान पहले ही कर दिया है। राम मंदिर निर्माण के शिलान्यास के बाद यूपी की योगी सरकार ने लाखों घरों में प्रसाद वितरण करवाया था।मकर संक्रांति से माघ पूर्णिमा तक
विहिप का यह श्रीराम मंदिर निधि समर्पण अभियान मकर संक्रांति से शुरू होकर माघ पूर्णिमा 27 फरवरी तक चलेगा। इस अभियान के जरिए विहिप की योजना 11 करोड़ लोगों के घरों तक पहुँचने की है। परिषद का कहना है कि अयोध्या में राम जन्मभूमि पर बनने वाले भव्य मंदिर के लिए देश भर के प्रत्येक राम भक्त का सहयोग लिया जाएगा।इसके लिए विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ता संतों व शेष समाज के लोगों के साथ घर-घर जाएंगे। अभियान के ज़रिए 11 करोड़ घरों के 50 करोड़ लोगों तक पहुँचने का लक्ष्य रखा गया है।
11 करोड़ लोगों से संपर्क
राम जन्मभूमि मंदिर निधि समर्पण अभियान की घोषणा करते हुए विश्व हिन्दू परिषद के उपाध्यक्ष व श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय ने कहा कि मकर संक्रांति (15 जनवरी) से माघ-पूर्णिमा (27 फ़रवरी) तक चलने वाले इस सघन अभियान में विहिप कार्यकर्ता देश के चार लाख गाँवों के 11 करोड़ परिवारों से संपर्क कर राम जन्मभूमि से सीधे जोड़कर रामत्व का प्रसार करेंगे।उन्होंने कहा कि देश की हर जाति, मत, पंथ, संप्रदाय, क्षेत्र व भाषा के लोगों के सहयोग के साथ राम मंदिर वास्तव में एक राष्ट्र मंदिर का रूप लेगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए हमें सिर्फ निधि-दानी ही नहीं बल्कि समय-दानी भी चाहिए।
2.75 लाख गाँवों में राम प्रतिमा व मंदिर
विहिप पदाधिकारियों के मुताबिक़, जल्द ही एक अभियान शुरू कर देश के 2.75 लाख गाँवों में राम प्रतिमा की स्थापना की जाएगी। जिन गाँवों में मंदिर नहीं होगा, वहाँ जन सहयोग के साथ राम मंदिर भी बनाया जाएगा।
जिन गाँवों में मंदिर नहीं होगा, वहाँ जन सहयोग के साथ राम मंदिर भी बनाया जाएगा। यूपी की योगी सरकार ने प्रदेश भर के गाँवों व शहरों में मौजूद मंदिरों का पता लगाने का काम पहले से ही शुरू कर दिया है।
इसके तहत न केवल मंदिरों की जानकारी हासिल की जाएगी, बल्कि उनकी देखरेख की भी व्यवस्था की जाएगी।
आर्थिक सहयोग
इससे मुख्यमंत्री ने राम मंदिर निर्माण के लिए जनसहयोग की अपील की थी। राम मंदिर का निर्माण कर रहे राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का कहना है कि आर्थिक सहयोग के अलावा बड़े पैमाने पर लोगों ने सोना व चांदी की शिलाएंँ भी दान की हैंं। हालाँकि ट्रस्ट ने अब लोगों से सोना-चांदी की जगह पैसों से सहयोग करने को कहा है।
निखिल तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव कुणाल किशोर ने महावीर मंदिर पटना की ओर से राम मंदिर के गर्भ गृह को सोने से मढ़ने का एलान करते हुए 10 करोड़ रुपये दान दिया है।
महावीर मंदिर, पटना, की ओर से दो करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं। तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट के साथ ही कई अन्य धार्मिक संस्थाएं भी राम मंदिर के लिए आर्थिक सहयोग दे रही हैं।
चुनावी साल में खुलेगा मंदिर
अयोध्या में राम जन्मभूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आने के बाद मंदिर निर्माण का शिलान्यास इसी साल 4 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। योजना के मुताबिक़, अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण 2024 में पूरा हो पाएगा, हालांकि इसका पहला चरण 2022 में ही पूरा हो जाएगा।विहिप की पूरी कोशिश राम मंदिर के एक हिस्से में श्रद्धालुओं का प्रवेश यूपी के विधानसभा चुनावों से पहले खोल देने की है।