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राम मंदिर निर्माण: पीएम- 69 साल, कोरोना की 65 साल वाली गाइडलाइन का क्या होगा?

राम मंदिर निर्माण: पीएम- 69 साल, कोरोना की 65 साल वाली गाइडलाइन का क्या होगा?

राम मंदिर निर्माण के लिए 5 अगस्त को अयोध्या में होने वाले भूमिपूजन की तैयारियां जोरों पर हैं।लेकिन अगर इसमें भीड़ उमड़ी तो कोरोना का संक्रमण फैलने का ख़तरा रहेगा। 

राम मंदिर निर्माण के लिए 5 अगस्त को अयोध्या में होने वाले भूमिपूजन की तैयारियां जोरों पर हैं। मंदिर निर्माण के लिए गठित किए गए राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से 200 लोगों को निमत्रंण भेजे जाने की बात कही गई है। लेकिन मीडिया में आ रही ख़बरें बताती हैं कि वहां बड़ी संख्या में लोग उमड़ सकते हैं। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, संघ प्रमुख मोहन भागवत सहित कई अज़ीम हस्तियां इस कार्यक्रम में शिरकत करेंगी। ऐसे में लाख मना करने के बाद भी लोगों को रोकना संभव नहीं होगा। साथ ही यह मैसेज देना कि प्रसाद के 1 लाख पैकेट तैयार किए जा रहे हैं, इससे तो निश्चित तौर पर भीड़ उमड़ेगी ही। 

इसमें सबसे बड़ा ख़तरा कोरोना का संक्रमण फैलने का रहेगा क्योंकि ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होना असंभव होगा। 

ये ऐसे वक्त में और ख़तरनाक हो सकता है, जब मंदिर के पुजारी और इसकी सुरक्षा में तैनात 14 पुलिसकर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक़, अयोध्या में अभी कोरोना के 544 एक्टिव केस हैं। ऐसे वक्त में वहां प्रसाद के 1 लाख पैकेट तैयार कराए जा रहे हैं। भूमिपूजन के बाद बड़े पैमाने पर प्रसाद वितरण होना है। इस बारे में उत्तर प्रदेश सरकार को गंभीरता से सोचना चाहिए।  

गाइडलाइंस का क्या होगा

29 जुलाई को केंद्र सरकार ने अनलॉक 3 के तहत गाइडलाइंस जारी की हैं। इसमें कहा गया है कि पूरे देश में धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक व अन्य कार्यक्रमों, जहां पर भीड़ इकट्ठा हो सकती है, पर पाबंदी रहेगी। लेकिन भूमिपूजन के इस कार्यक्रम में क्या सरकार अपनी ही गाइडलाइंस को तोड़ देगी। 

दो गज की दूरी का क्या होगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से लगातार दो गज की दूरी की बात कही जाती रही है। लेकिन इस कार्यक्रम में सरकार के अलावा, प्रशासन से जुड़े आला अधिकारी भी बड़ी संख्या में मौजूद रहेंगे, क्योंकि ख़ुद प्रधानमंत्री और फिर मुख्यमंत्री भी इस कार्यक्रम में आ रहे हैं, ऐसे में कैसे दो गज की दूरी का पालन हो पाएगा, यह एक बड़ा सवाल है। 

कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए जारी गाइडलाइंस के तहत सरकार की ओर से जारी निर्देशों में हर बार यह भी कहा जाता रहा है कि 65 साल से ज़्यादा उम्र के व्यक्ति घर पर ही रहें। अगर इसे फ़ॉलो किया जाता है तो 69 साल की उम्र होने के कारण प्रधानमंत्री को भूमिपूजन के कार्यक्रम में भाग नहीं लेना चाहिए। 

इसके अलावा बीजेपी के वयोवृद्ध नेता लाल कृष्ण आडवाणी की उम्र 92 साल, मुरली मनोहर जोशी की उम्र 86 साल और संघ प्रमुख मोहन भागवत की उम्र 69 साल है। ऐसे में इन हस्तियों को भी भूमिपूजन के कार्यक्रम में भाग नहीं लेना चाहिए।

बीजेपी का कहना है कि इस दौरान सभी प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा लेकिन 65 साल की उम्र से संबंधित जो निर्देश केंद्र सरकार की ओर से चार महीने से लगातार दिया जा रहा है, उसका क्या सरकार और क्या ख़ुद प्रधानमंत्री पालन करेंगे 

भूमिपूजन कार्यक्रम पर रोक लगाने को दायर याचिका को पिछले हफ़्ते इलाहाबाद हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था। अदालत ने अपने फ़ैसले में कहा था कि उसे उम्मीद है कि कार्यक्रम के आयोजक और उत्तर प्रदेश सरकार मिलकर सोशल डिस्टेंसिंग के प्रोटोकॉल को सुनिश्चित कराएंगे। 

सीएम को लेनी होगी जिम्मेदारी

कोरोना संकट को देखते हुए योगी आदित्यनाथ ने भी इस बात की अपील की है कि लोग घरों पर रहें और टीवी पर ही इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण देखें। लेकिन सिर्फ़ अपील से कुछ नहीं होगा, मुख्यमंत्री को ख़ुद कड़ाई से यह सुनिश्चित करना होगा कि वहां किसी भी सूरत में भीड़ न जुटे। वरना, बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है। 

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