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एसपी को हराने के लिए बीजेपी को भी वोट देंगे: मायावती 

एसपी को हराने के लिए बीजेपी को भी वोट देंगे: मायावती 

उत्तर भारत में दलितों की आवाज़ बनकर उभरीं मायावती पर ये आरोप बीते दो सालों से लग रहे थे कि वह बीजेपी के प्रति नरम हैं या उनकी अंदरखाने उससे कोई साठगांठ है। 

उत्तर भारत में दलितों की आवाज़ बनकर उभरीं मायावती पर ये आरोप बीते दो सालों से लग रहे थे कि वह बीजेपी के प्रति नरम हैं या उनकी अंदरखाने उससे कोई साठगांठ है। उत्तर प्रदेश में जनहित के कई मुद्दों पर चुप्पी साध लेने वालीं मायावती की पार्टी के नेता इन आरोपों को नकारते रहे लेकिन राज्यसभा चुनाव 2020 में साफ हो गया कि ये आरोप पूरी तरह सही थे और बीजेपी-बीएसपी का ‘सियासी प्रेम’ खुलकर सामने आ गया है। 

उत्तर प्रदेश में राज्यसभा के चुनाव में जब बीजेपी ने संख्याबल के बावजूद बीएसपी के लिए एक सीट छोड़ी, तो चर्चाएं तेज हो गयीं। लेकिन मायावती की पार्टी के विधायक इससे बिफर गए और बग़ावत कर दी। 

बीएसपी के राज्यसभा प्रत्याशी के प्रस्तावक पांच विधायकों ने बुधवार को अपना प्रस्ताव वापस ले लिया और एसपी प्रमुख अखिलेश यादव से मिलने चले गए। प्रस्तावकों के अलावा बीएसपी के दो और विधायकों ने बगावत की है। बगावत कर अखिलेश के पास पहुंचने वाले विधायक असलम राइनी, असलम अली, मुजतबा सिद्दीकी, हरगोविंद भार्गव, सुषमा पटेल, वंदना सिंह और हाकिम लाल बिंद रहे।

गुरूवार को मायावती ने इन सभी विधायकों को निलंबित कर दिया। 

बीजेपी ने खुलकर दिया साथ 

बीएसपी में बग़ावत के बाद बीजेपी मैदान में आई और उसने बीएसपी प्रत्याशी की जीत पक्की करने के लिए पूरा जोर लगाया और एसपी समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी प्रकाश बजाज का नामांकन खारिज करवा दिया। गजब बात है कि विधायकों की बग़ावत के बाद भी बीएसपी प्रत्याशी रामजी गौतम का पर्चा सही पाया गया। 

मायावती ने गुरूवार को न्यूज़ एजेंसी एएनआई से कहा, ‘विधान परिषद के चुनाव में एसपी को हराने के लिए बीएसपी पूरी ताक़त लगा देगी और इसके लिए चाहे तो बीजेपी व किसी को भी वोट क्यों न देना पड़ जाए, तो भी देंगे।’

मायावती ने कहा कि 2007 में एसपी को लोगों ने सरकार से बाहर कर दिया था। उन्होंने कहा कि अगले विधानसभा चुनाव में अखिलेश का हाल अपने पिता मुलायम सिंह यादव जैसा होगा। 

‘गठबंधन करना ग़लती’

मायावती ने गेस्ट हाउस कांड के केस को वापस लेने के फ़ैसले को ग़लत बताते हुए कहा, ‘मुलायम सिंह गठबंधन होने के बाद हमारे नेता सतीश मिश्रा से कहते रहे कि अब बहन जी को 2 जून के मामले को भुलाते हुए इस केस को वापस ले लेना चाहिए।’ पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें ऐसा लगा कि हमने इस केस को वापस लेकर ग़लती कर दी है। मायावती ने कहा कि एसपी के साथ गठबंधन करके हमने ग़लत फ़ैसला किया। 

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