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यूपी: कर्ज में डूबे कारोबारी और पत्नी ने खाया ज़हर, पत्नी की मौत

यूपी: कर्ज में डूबे कारोबारी और पत्नी ने खाया ज़हर, पत्नी की मौत

राजीव तोमर आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे और उन पर 32 लाख रुपए का कर्ज था। फ़ेसबुक लाइव वीडियो में तोमर कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छोटे दुकानदार, किसान के बिल्कुल हितैषी नहीं हैं।

उत्तर प्रदेश में एक कारोबारी ने फेसबुक पर लाइव आकर जहर खा लिया। बड़ौत के राजीव तोमर नाम के इस शख्स पर काफी कर्ज था और उन्हें कारोबार में काफी नुकसान भी हो रहा था। 

तोमर का खुदकुशी करने का यह लाइव वीडियो वायरल हो गया है और इसे लेकर कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा समेत तमाम नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।

राजीव तोमर जब लाइव आकर जहर खा लेते हैं तो उनकी पत्नी उन्हें रोकने की बहुत कोशिश करती हैं। लेकिन राजीव तोमर के जहर खाने के बाद उनकी पत्नी ने भी जहर खा लिया। 

राजीव तोमर कहते हैं कि इस वीडियो को शेयर कर देना। तोमर कहते हैं कि वह कोई देशद्रोही नहीं हैं, उन्हें देश पर विश्वास है और अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शर्म होगी तो वह आज से ही अपनी चीजें बदल लें।

तोमर आगे कहते हैं कि वह यह नहीं कहते कि प्रधानमंत्री ने सारे काम खराब किए हैं लेकिन वह छोटे दुकानदार, किसान के बिल्कुल हितैषी नहीं हैं। वीडियो में राजीव तोमर अपनी पत्नी से कहते हैं कि वह उनकी बात मान ले, सरकार तो किसी की बात नहीं मानती।

लाइव वीडियो देखने वालों ने पुलिस को कॉल किया और पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंच कर दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया। कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने राजीव तोमर के द्वारा खुदकुशी करने की इस घटना को ट्वीट किया है।

स्थानीय समाचार पत्रों के मुताबिक, राजीव तोमर आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे और उन पर 32 लाख रुपए का कर्ज था। राजीव तोमर कासिमपुर खेड़ी गांव के रहने वाले हैं और बड़ौत में सुभाष नगर कॉलोनी में रहते हैं। उनका बड़ौत में बावली रोड पर जूते का शोरूम है।

कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल आरोप लगाते रहे हैं कि मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों के कारण छोटे कारोबारी बर्बादी की कगार पर पहुंच गए हैं। विपक्षी नेताओं का कहना है कि मोदी सरकार ने जिस तरह जीएसटी को लागू किया, नोटबंदी को लागू किया उससे छोटे दुकानदारों, छोटे उद्योगों पर अच्छी-खासी मार पड़ी है और इस वजह से वे कर्ज में डूब गए हैं और कई लोग आत्महत्या जैसे कदम उठाने पर मजबूर हैं। 

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