दिल्ली पुलिस ने की पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम से पूछताछ
दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को अरविंद केजरीवाल सरकार के पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम से पूछताछ की है। बताना होगा कि कुछ दिन पहले दिल्ली में हुए एक कार्यक्रम का वीडियो वायरल हुआ था जिसमें कथित रूप से हिंदू समुदाय के हजारों लोगों का बौद्ध धर्म में धर्म परिवर्तन कराने की बात कही गई थी। इस दौरान 22 प्रतिज्ञाएं ली गई थीं।
इसे लेकर बीजेपी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और राजेंद्र पाल गौतम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था और मांग की थी कि राजेंद्र पाल गौतम को कैबिनेट से हटाया जाए।
विवाद बढ़ने पर राजेंद्र पाल गौतम ने कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। दिल्ली बीजेपी के नेताओं ने इस मामले में राजेंद्र पाल गौतम के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
हालांकि राजेंद्र पाल गौतम ने कहा था कि इस तरह की प्रतिज्ञाएं साल 1956 से लगातार ली जाती रही हैं और उन्होंने किसी भी धर्म का कोई अपमान नहीं किया है। बताना होगा कि साल 1956 में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने हजारों लोगों के साथ धर्म परिवर्तन कर बौद्ध धर्म अपनाया था।
गुजरात चुनाव की वजह से बनाया मुद्दा
पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र पाल गौतम का कहना है कि जिन 22 प्रतिज्ञाओं को बीजेपी ने मुद्दा बनाया है उसे भारत सरकार का सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय खुद ही छापता है। उन्होंने कहा है कि वह इन दस्तावेजों को दिल्ली पुलिस को दिखाएंगे। राजेंद्र पाल गौतम ने न्यूज़ चैनल आज तक से बातचीत में कहा कि इस पूरे मामले को इसलिए मुद्दा बनाया गया क्योंकि गुजरात में आम आदमी पार्टी जीत रही है और बीजेपी हार रही है। उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले नागपुर में इन्हीं 22 प्रतिज्ञाओं को दोहराया गया था और तब वहां केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले भी मौजूद थे।
उन्होंने कहा कि गुजरात में आम आदमी पार्टी की जीत की संभावना को देखते हुए बीजेपी घबरा गई है और उसने इसे मुद्दा बना लिया है। उन्होंने आज तक के साथ बातचीत में कहा कि दलित समाज के युवाओं की मंदिर में प्रवेश पर, मटके को छू लेने पर हत्या हो जाती है और उस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के नेता चुप रहते हैं।
गौतम ने कहा कि आम आदमी पार्टी से अलग होने का कोई सवाल पैदा नहीं होता। उन्होंने आज तक के एक सवाल के जवाब में कहा कि वह किसी भी धर्म के देवी-देवताओं का अपमान नहीं करते और ऐसा करने की बात सपने में भी नहीं सोच सकते। वह सभी धर्मों की इज्जत करते हैं लेकिन उनकी धार्मिक मान्यता अलग है।
अपने इस्तीफे के पत्र में राजेंद्र पाल गौतम ने लिखा था कि वह अपने समाज की लड़ाई को अब पूरी ईमानदारी और मजबूती के साथ लड़ेंगे और इसमें उन्हें अपनी ही कुर्बानी क्यों न देनी पड़े, वह इस लड़ाई को रुकने नहीं देंगे। उन्होंने अपने इस्तीफे के पीछे भाजपा की गंदी राजनीति को जिम्मेदार बताया था।