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केजरीवाल की सॉफ्ट हिंदुत्व वाले नेता की छवि को ध्वस्त कर देगी बीजेपी?

केजरीवाल की सॉफ्ट हिंदुत्व वाले नेता की छवि को ध्वस्त कर देगी बीजेपी?

इस दौरान कुछ प्रतिज्ञा भी ली गईं जिन्हें लेकर बीजेपी ने केजरीवाल के खिलाफ गुजरात में कई जगहों पर हिंदू विरोधी होने के पोस्टर लगा दिए हैं। 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर बीजेपी ने हमला बोल दिया है। दिल्ली और पंजाब जीतने के बाद गुजरात में जल्द होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जोर-शोर से जुटे अरविंद केजरीवाल पर बीजेपी ने हिंदू विरोधी होने का आरोप लगाया है।  मामला यह है कि दिल्ली सरकार के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम का हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें उन पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने कथित रूप से हजारों हिंदुओं का धर्म परिवर्तन कराकर उन्हें बौद्ध धर्म में शामिल कराया है।  

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इस दौरान कुछ प्रतिज्ञा भी ली गईं जिन्हें लेकर बीजेपी ने केजरीवाल के खिलाफ गुजरात में कई जगहों पर हिंदू विरोधी होने के पोस्टर लगा दिए हैं। 

इन पोस्टर में लिखा गया है कि मैं ब्रह्मा, विष्णु, महेश, राम, कृष्ण को ईश्वर नहीं मानता। पोस्टर में यह भी लिखा गया है कि मैं हिंदू धर्म को पागलपन मानता हूं। ऐसे पोस्टर गुजरात के कई शहरों में लगे होने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई हैं। 

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पोस्टर में लिखा गया है कि यही आम आदमी पार्टी के शब्द और संस्कार हैं। इन पोस्टर में अरविंद केजरीवाल को मुस्लिम टोपी पहने हुए दिखाया गया है। 

दिल्ली में बीजेपी के अध्यक्ष आदेश गुप्ता, सांसद मनोज तिवारी सहित गुजरात बीजेपी के कई नेताओं ने अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को हिंदू विरोधी करार दे दिया है। ऐसे में सवाल ये है कि क्या बीजेपी अरविंद केजरीवाल की सॉफ्ट हिंदुत्व वाले नेता की छवि को ध्वस्त कर देगी?

चुप रहने के आरोप

बताना होगा कि अरविंद केजरीवाल कुछ साल पहले तमाम इफ्तार पार्टियों में जाते थे। लेकिन उन पर यह आरोप लगता है कि पिछले कुछ सालों से उन्होंने मुस्लिमों के मुद्दों पर चुप्पी साध ली है। आलोचकों का कहना है कि जहांगीरपुरी में बुलडोजर चलने का मामला हो, दिल्ली दंगों की बात हो, शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ आंदोलन या फिर बिलकिस बानो के दोषियों को छोड़ने का मामला, केजरीवाल ने कुछ नहीं बोला। 

बीते कुछ सालों में अरविंद केजरीवाल कई न्यूज़ चैनलों के मंच पर हनुमान चालीसा भी पढ़ चुके हैं और साल 2020 के विधानसभा चुनाव में जीत के बाद वह दिल्ली के कनॉट प्लेस में स्थित हनुमान मंदिर तक अपने समर्थकों के साथ पहुंचे थे। 

केजरीवाल कुछ मौकों पर सामूहिक पूजा और सुंदरकांड का भी आयोजन कर चुके हैं और पिछले कुछ महीनों में गुजरात में भी वह कई मंदिरों में गए थे। इसके जरिए वह अपनी एक सॉफ्ट हिंदुत्व वाले नेता की छवि बनाने में जुटे हुए थे। लेकिन दिल्ली सरकार के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम का वीडियो सामने आने के बाद बीजेपी ने उन्हें बुरी तरह घेर लिया है। 

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आंबेडकर, भगत सिंह की तस्वीर 

दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी के नेताओं के आवास और सरकारी दफ्तरों में उनके पीछे डॉक्टर भीमराव आंबेडकर और शहीद-ए-आजम भगत सिंह की तस्वीर लगी दिखती है। सोशल मीडिया पर कई लोग पूछ चुके हैं कि डॉ. आंबेडकर ने हिंदू धर्म छोड़ दिया था और शहीद-ए-आजम भगत सिंह नास्तिक थे, ऐसे में केजरीवाल को इस मामले में अपना स्टैंड साफ करना चाहिए कि धर्म को लेकर उनके क्या विचार हैं। 

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शनिवार को जब केजरीवाल गुजरात के दौरे पर पहुंचे तो कई जगहों पर उनके खिलाफ पोस्टर लगाए गए और इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई हैं। केजरीवाल ने कुछ दिन पहले दावा किया था कि गुजरात में आम आदमी पार्टी सरकार बनाने जा रही है। हालांकि यह उनका सिर्फ दावा ही था और ऐसा नहीं लगता कि वह गुजरात में बीजेपी को सत्ता से हटा सकते हैं। गुजरात में बीजेपी की मुख्य लड़ाई कांग्रेस से ही है। 

गुजरात में केजरीवाल के खिलाफ लगे ताजा पोस्टर से राजनीतिक नुकसान होने की आशंका को देखते हुए आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने ऐसे सभी पोस्टर को कई जगहों से हटा दिया।

राजेंद्र पाल गौतम के खिलाफ कार्रवाई करेंगे? 

क्या अरविंद केजरीवाल राजेंद्र पाल गौतम के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। राजेंद्र पाल गौतम दलित समाज से आते हैं और बौद्ध धर्म को मानते हैं। हालांकि पंजाब में दलितों की बड़ी आबादी को देखते हुए शायद केजरीवाल राजेंद्र पाल गौतम के खिलाफ कार्रवाई ना करें लेकिन बीजेपी के तमाम नेता लगातार मांग कर रहे हैं कि अरविंद केजरीवाल अगर हिंदू धर्म के विरोधी नहीं हैं तो उन्हें राजेंद्र पाल गौतम को कैबिनेट से बर्खास्त कर देना चाहिए। 

अब सवाल यह है कि क्या बीजेपी वाकई केजरीवाल को हिंदू विरोधी साबित कर देगी और क्या ऐसा करके उनकी सॉफ्ट हिंदुत्व वाले नेता की छवि को खत्म कर देगी। यह सवाल केजरीवाल के सामने भी है और देखना होगा कि आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल किस तरह से इस सवाल का सामना करते हैं। 

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