उदयपुर में हुए दर्जी हत्याकांड के बाद राजस्थान सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। सरकार ने 32 सीनियर पुलिस अफसरों का तबादला कर दिया है। इसमें उदयपुर के आईजी और एसपी भी शामिल हैं।
बता दें कि उदयपुर में कन्हैया लाल साहू नाम के दर्जी की दो लोगों ने दिनदहाड़े दुकान में घुसकर गला रेत कर हत्या कर दी थी। इसके बाद से ही पूरे राजस्थान में तनाव है और हालात को देखते हुए धारा 144 लागू कर दी गई है।
कन्हैया लाल हत्याकांड के बाद राज्य की गहलोत सरकार भी विपक्षी दलों और आलोचकों के निशाने पर है।
राज्य सरकार के साथ ही पुलिस की भी काफी आलोचना हुई है क्योंकि कन्हैयालाल को लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही थी और उसने पुलिस सुरक्षा भी मांगी थी। हालांकि बाद में सुलह समझौता हो गया था लेकिन फिर भी राजस्थान पुलिस के डीजीपी ने पुलिस की चूक मानते हुए 2 पुलिस अफसरों पर कार्रवाई की थी।
हत्या करने वालों ने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया था और साथ ही हत्या की जिम्मेदारी भी ली थी।
गुरूवार को उदयपुर में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया था और जयपुर बंद का आह्वान किया गया था।
उदयपुर की हत्या में शामिल दो अभियुक्तों में से एक जनरल स्टोर चलाता था जबकि दूसरा वेल्डर था। इनके नाम मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद हैं।
पुलिसकर्मी की मौत
उदयपुर की घटना को लेकर राजस्थान के राजसमंद में भी तनाव हो चुका है और बुधवार को यहां हुई हिंसक झड़प में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। यह घटना भीम कस्बे में हुई थी। जुलूस निकाल रहे लोगों को जब पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो पुलिस पर पथराव किया गया और इसमें एक पुलिसकर्मी संदीप चौधरी की मौत हो गई।
कन्हैया लाल की हत्या में पकड़े गए दोनों अभियुक्त भीम कस्बे के ही रहने वाले हैं। यहां पर भारी तादाद में पुलिस बल को तैनात किया गया है।
दावत-ए-इस्लामी से संबंध
पुलिस ने इस मामले में कई और लोगों को हिरासत में लिया है और केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर एनआईए इस मामले की जांच कर रही है। हत्या के अभियुक्तों का पाकिस्तान के कट्टरपंथी संगठन दावत-ए-इस्लामी से संबंध मिला है।