ईडी ने राजस्थान में शुक्रवार को फिर से छापे मारे हैं। इस बार ईडी राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के यहाँ तलाशी अभियान चला रहा है। हाल ही में राजनीतिक नेताओं के यहाँ कार्रवाई करती रही है। एक दिन पहले ही राजनीति से जुड़े लोगों को समन दिया गया है।
ईडी की ताज़ा कार्रवाई कथित जल जीवन मिशन घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हो रही है। रिपोर्ट है कि एक शीर्ष आईएएस अधिकारी के घर पर छापा मारा गया है। रिपोर्ट के अनुसार जांच एजेंसी ने राज्य की राजधानी जयपुर और दौसा में 25 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की है। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार इसमें पीएचई विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल का घर भी शामिल है। ईडी अधिकारी पीएमएलए के तहत घोटाले से जुड़े अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों की भी जांच कर रहे हैं।
ईडी ने गुरुवार को ही राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के बेटों को समन भेजा है। इसने कुछ दिन पहले ही खुद डोटासरा के घर की तलाशी ली थी। विदेशी मुद्रा नियमों के कथित उल्लंघन के मामले में 30 अक्टूबर को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव से नौ घंटे तक पूछताछ की थी।
25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक एक महीने पहले ईडी की कार्रवाई को गहलोत सरकार ने राजनीतिक प्रतिशोध बताया था। गहलोत ने कहा था कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा कथित दुरुपयोग के कारण केंद्रीय एजेंसियों ने अपनी विश्वसनीयता खो दी है। उन्होंने कहा था, 'केंद्रीय एजेंसियों की अब कोई विश्वसनीयता नहीं रह गई है। यह चिंताजनक स्थिति है। यह मेरे बेटे या राज्य कांग्रेस अध्यक्ष के बारे में नहीं है। इसने आतंक मचा रखा है देश में।' विपक्षी दलों और नेताओं ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार 2024 में चुनाव से पहले उन्हें निशाना बनाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।
लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिज़ोरम में विधानसभा चुनाव होने हैं और इसकी प्रक्रिया चल रही है। चुनाव के बीच ईडी की ऐसी कार्रवाइयों की विपक्षी दल आलोचना कर रहे हैं।
बहरहाल, अधिकारियों के ख़िलाफ़ ताज़ा कार्रवाई में इस मामले से जुड़े होने के संदेह में कुछ इंजीनियरों, ठेकेदारों और राज्य सरकार के पूर्व अधिकारियों के परिसरों को भी शामिल किया गया है।
ईडी का मनी लॉन्ड्रिंग मामला राजस्थान पुलिस द्वारा पहले दर्ज की गई प्रथम सूचना रिपोर्ट पर आधारित है।
भाजपा के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने इस साल जून में राजस्थान में केंद्र सरकार के 'जल जीवन मिशन' के कार्यान्वयन में 20,000 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि योजना की 48 परियोजनाओं में फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर दो फर्मों को 900 करोड़ रुपये के टेंडर जारी किए गए थे।
'जल जीवन मिशन' का उद्देश्य घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराना है और इसे राजस्थान सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग यानी पीएचईडी द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।