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राजस्थानः मंत्री के खिलाफ ब्लड सैंपल के साथ आदिवासियों का प्रदर्शन क्यों?

राजस्थानः मंत्री के खिलाफ ब्लड सैंपल के साथ आदिवासियों का प्रदर्शन क्यों?

राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के खिलाफ आदिवासियों ने ब्लड सैंपल के साथ जयपुर में प्रदर्शन किया। ये आदिवासी बांसवाड़ा क्षेत्र से आए थे। जानिए क्यों हुआ यह अनोखा प्रदर्शनः

हाथों में ब्लड सैंपल लेकर भारत आदिवासी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के खिलाफ शनिवार को जयपुर में प्रदर्शन किया। बांसवाड़ा के सांसद राजकुमार रोत के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने पहले तो मंत्री के आवास की ओर मार्च शुरू किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। फिर सांसद रोत और बाकी प्रदर्शनकारी अमर जवान ज्योति पहुंचे, वहां विरोध प्रदर्शन किया।

राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने हाल ही में बयान दिया था कि आदिवासी नेता और सांसद राजकुमार रोत का डीएनए टेस्ट होना चाहिए कि वाकई वो हिन्दू हैं या नहीं। दिलावर के इस बयान को लेकर राजस्थान में आदिवासी समाज कई दिनों से प्रदर्शन कर रहा है। लेकिन शनिवार को आदिवासी नेता राजकुमार रोत ने सीधे मंत्री को चैलेंज करने के लिए ब्लड सैंपल के साथ प्रदर्शन किया।

सांसद रोत ने कहा कि “मंत्री मदन दिलावर के बयान से लोगों में भारी गुस्सा है। जब तक वह इस्तीफा नहीं देते और समुदाय से माफी नहीं मांगते, हम चुप नहीं होने वाले हैं। मंत्री ने गंभीर गलती की है और पार्टी इस मुद्दे को राज्य विधानसभा के साथ-साथ संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने उठाएगी।'' .

राजस्थान में भारतीय आदिवासी पार्टी (बीएपी) का असर बढ़ रहा है। बांसवाड़ा के सांसद राजकुमार रोत को कांग्रेस का समर्थन प्राप्त है। रोत ने बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर कांग्रेस के बागी और भाजपा उम्मीदवार महेंद्र जीत सिंह मालवीय को हराया है। कुछ इलाकों में आदिवासी समुदाय बीएपी के झंडे के नीचे एकजुट हो गया है। पिछली विधानसभा में बीएपी के दो विधायकों के मुकाबले, बीएपी के पास अब तीन विधायक और एक सांसद है।

मौजूदा विवाद 21 जून को शुरू हुआ। मंत्री मदन दिलावर ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि सांसद राजकुमार रोत और उनके समर्थक हिंदू नहीं हैं। हम उसके पूर्वजों से पूछेंगे कि वो हिंदू हैं या नहीं... और अगर वो हिंदू नहीं है, तो हम उसका पता लगा लेंगे। डीएनए परीक्षण किया जाएगा कि वह अपने पिता के बेटे है या नहीं।''

आदिवासी हिन्दू वर्ण व्यवस्था का हिस्सा नहींः सांसद राजकुमार रोत ने कहा कि आदिवासी हिन्दू वर्ण व्यवस्था के तहत नहीं आते। रोत ने कहा- “हमारे देश का संविधान सभी को किसी भी धर्म का पालन करने या न करने की स्वतंत्रता देता है… हम किसी भी धर्म का विरोध नहीं करते हैं लेकिन हम वास्तव में कहते हैं कि हम किसी भी धर्म के अंतर्गत नहीं आते हैं। किसी को दिक्कत क्यों होनी चाहिए? भाजपा नेताओं को धर्म की राजनीति बंद करनी चाहिए और आदिवासियों को गुमराह करना बंद करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदाय अपने बाल, नाखून आदि डाक से दिलावर को भेज रहा है ताकि वह उनका डीएनए परीक्षण करा सके। शनिवार के विरोध प्रदर्शन में, जहां उनके साथ डूंगरपुर से पार्टी विधायक उमेश मीणा के साथ-साथ कांग्रेस विधायक रामकेश मीणा (गंगापुर) और घनश्याम (टोडाभीम) भी शामिल हुए। ये सभी लोग आदिवासी हैं।

मंत्री जिद पर अड़े

राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर अभी भी अड़े हुए हैं। इस प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए दिलावर ने अपना पुराना रुख दोहराया। उन्होंने कहा “आदिवासी हमारे समुदाय का हिस्सा हैं। वे हिंदू थे, हिंदू हैं और हिंदू ही रहेंगे।” हालाँकि, राज्य के अन्य भाजपा नेताओं ने इस विवाद पर टिप्पणी करने से परहेज किया। यह विवाद ऐसे समय खड़ा हुआ, जब राज्य में जल्द ही पांच विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होने वाले हैं।

 - Satya Hindi

नेता विपक्ष राहुल गांधी के साथ आदिवासी सांसद राजकुमार रोत

भील प्रदेश की मांग

भारतीय आदिवासी पार्टी (बीएपी) राजस्थान के अंदर अलग भील प्रदेश की मांग कर रही है। पार्टी का प्रभाव क्षेत्र बढ़ रहा है। राज्य के पांच उपचुनाव में वो कांग्रेस से समझौते के तहत कुछ सीटों पर लड़ेगी। पार्टी धीरे-धीरे अपने विधायकों की संख्या प्रदेश में बढ़ाना चाहती है। उपचुनाव के बाद उसकी संख्या तीन से पांच पर पहुंच सकती है। सांसद राजकुमार रोत ने हाल ही में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की थी। राहुल ने सांसद रोत को कांग्रेस के साथ मिलकर काम करने को कहा है। रोत का कहना है कि राहुल गांधी भारतीय आदिवासी पार्टी के उद्देश्यों का समर्थन करते हैं।

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