अपनी आलोचना ज़रूरी लेकिन निराशा का माहौल ना बने: सोनिया
उदयपुर में होने वाले चिंतन शिविर की तैयारियों में जुटी कांग्रेस ने सोमवार को वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाई। इसमें पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि हमें पार्टी फ़ोरम पर खुद की आलोचना करने की जरूरत है लेकिन यह आत्मविश्वास और मनोबल को गिराने वाली नहीं होनी चाहिए और इससे निराशा और हताशा का माहौल ना बने।
लगातार चुनावी हार से परेशान कांग्रेस को उम्मीद है कि उदयपुर में होने वाले चिंतन शिविर से उसे कुछ ऊर्जा मिलेगी। पार्टी इससे पहले भी संकट की घड़ी में चिंतन शिविरों का आयोजन करती रही है।
उदयपुर में यह चिंतन शिविर 13 मई से शुरू होकर 15 मई तक चलेगा और इसमें केंद्रीय व देश भर की कांग्रेस कमेटियों से जुड़े 400 नेता शिरकत करेंगे।
सोनिया गांधी ने सीडब्ल्यूसी की बैठक में कहा कि वह सभी से पूरा सहयोग देने का अनुरोध करती हैं जिससे उदयपुर के चिंतन शिविर से पार्टी की एकजुटता, दृढ़ संकल्प और प्रतिबद्धता का संदेश साफ और जोरदार ढंग से सामने आए।
सीडब्ल्यूसी की बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि कांग्रेस संगठन में बूथ और जिला लेवल तक महिलाओं को वर्तमान में दिया जा रहा 33 फीसद आरक्षण बढ़ाया जाए।
सोनिया ने बैठक में कहा, "ऐसी कोई जादू की छड़ी नहीं हैं। केवल निस्वार्थ कार्य, अनुशासन और निरंतर सामूहिक उद्देश्य की भावना ही हमें बेहतर प्रदर्शन करने में सक्षम बनाएगी।"
उन्होंने कहा कि चिंतन शिविर को किसी तरह की परंपरा नहीं माना जाना चाहिए बल्कि यह चुनावी और वैचारिक चुनौतियों का सामना करने और संगठन का पुनर्गठन करने की दिशा में एक कदम है। सोनिया गांधी ने शिविर के लिए 6 कमेटियां बनाई हैं और इनकी जिम्मेदारी तमाम बड़े और वरिष्ठ नेताओं को सौंपी गई है।
सीडब्ल्यूसी की बैठक कांग्रेस के दिल्ली स्थित मुख्यालय में हुई और इसमें पार्टी के सांसद राहुल गांधी, महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल सहित तमाम बड़े नेता मौजूद रहे।
अपने सबसे खराब दौर से गुजर रही कांग्रेस वर्तमान हालात में सिर्फ 2 राज्यों में सिमट कर रह गई है। इनमें से एक राज्य राजस्थान में यह चिंतन शिविर आयोजित होने जा रहा है और वहां के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत पार्टी के तमाम बड़े नेता चिंतन शिविर की तैयारियों में जुटे हुए हैं।
चिंतन शिविर में सीडब्ल्यूसी के सदस्यों के अलावा कांग्रेस के सांसद, राज्यों के प्रभारी महासचिव, प्रदेश अध्यक्ष और कई अहम नेता हिस्सा लेंगे।
आरक्षण देगी पार्टी?
सबसे अहम बात जो इस चिंतन शिविर को लेकर सामने आई है वह यह कि इस शिविर में कांग्रेस में ओबीसी, एससी, एसटी और अल्पसंख्यकों को पार्टी में 50 फीसद आरक्षण दिए जाने का प्रस्ताव आ सकता है। खबरों के मुताबिक, पार्टी के कई नेता चिंतन शिविर में ऐसे प्रस्ताव को लाने की तैयारी में जुटे हैं।