राजस्थान में नेहरू की वापसी, दीन दयाल उपाध्याय बेदख़ल
राजस्थान के स्कूली पाठ्यक्रमों में एक बार फिर बडे पैमाने पर प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की वापसी होगी। बीजेपी की सरकार ने कक्षा आठ की समाजशास्त्र की किताब से नेहरू को पूरी तरह से निकाल दिया था। पूरी किताब में उनका कोई ज़िक्र ही नहीं था। अब नेहरू एक बार फिर से कक्षा आठ के छात्रों को पढ़ाये जायेंगे। इसी तरह अब स्कूली छात्रों को ये भी पढाया जाएगा कि महात्मा गांधी का क़त्ल नाथू राम गोडसे ने किया था। इस तथ्य को भी किताबों से हटा दिया गया था।
नए सिरे से ठीक होगा पाठ्यक्रम
राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने कैबिनेट की बैठक में यह फ़ैसला लिया है कि बीजेपी सरकार के समय पाठ्यक्रमों में जो बदलाव किए गये थे, उन्हे नये सिरे से ठीक किया जाएगा। बीजेपी की वसुंधरा सरकार ने बडे पैमाने पर पाठ्यक्रमों में बदलाव किए थे। उनकी सरकार पर शिक्षा के भगवाकरण का आरोप भी लगा था। यह कहा गया था कि वो इतिहास को आरएसएस की विचारधारा के हिसाब से उलटपलट रही हैं। यह आरोप भी लगा था कि इतिहास को हिंदू-मुस्लिम के नज़रिए से लिखा जा रहा है और नेहरू गांधी परिवार के योगदान को ख़ारिज किया जा रहा है।
वसुंधरा राजे सरकार पर शिक्षाा के भगवाकरण के आरोप शुरु से ही लगते रहे थे। पाठ्यपुस्तकों में सावरकर पर सामग्री डालना हो या हिन्दू प्रतीकोें के ज़रिए बच्चों को शिक्षा देने की कोशिश, बीजेपी सरकार ने विरोध के बावजूद उन सामग्रियों को निकालने से साफ़ इनकार कर दिया था।
राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह दोतासारा ने कहा कि पिछले पाँच सालों में आरएसएस के इशारे पर सरकार ने बदलाव किए हैं। उन्होने कहा कि अफ़सरों को आदेश दिये गये हैं कि पिछली सरकार के सारे फ़ैसलों की नये सिरे से समीक्षा की जाए। शिक्षा के भगवाकरण के संदर्भ में एक कमेटी भी बनाई गई है।
इतिहास की व्याख्या
राजस्थान की वसुंधरा सरकार पर इतिहास की नए सिरे से व्याख्या करने का भी आरोप लगा था। हिंदुत्व के समर्थकों का तर्क था कि हल्दी घाटी की मशहूर लडाई में महाराणा प्रताप की हार नही हुई थी। वे जीते थे। सम्राट अकबर की हार हुई थी। ऐसे बहुत सारे तथ्यों को पाठ्य क्रमों में डालने की बात हुयी थी। ज़ाहिर हैं अब ऐसे सारे तथ्यों की समीक्षा होगी।
साइकिल का रंग
वसुंधरा सरकार ने छात्रों को मुफ़्त में दी जीने वाली साइकिल को भगवा रंग में भी रंगाने के आदेश दिए थे। गहलोत सरकार अब साइकिल के रंग को भी बदलेगी। इसी तरह से बीजेपी के बडे नेता दीन दयाल उपाध्याय को भी राजस्थान से बेदख़ल करने की योजना कांग्रेस सरकार की है। सरकारी लेटरपैड पर वसुंधरा सरकार ने राष्ट्रीय प्रतीक चिंह्न अशोक के चक्र की जगह दीन दयाल उपाध्याय की तस्वीर लगा दी थी। अब उपाध्याय को हटाने की भी तैयारी है।
ज़ाहिर है अब धीरे धीरे कांग्रेस शासित राज्यों में हिंदुत्व के प्रतीक पुरुषों की ख़ैर नही हैं। एसे में सावरकर जैसे लोगों पर भी गाज गिर सकती है।