+
राजस्थान संकटः राहुल के लिए गहलोत और पायलट 'एक' हुए

राजस्थान संकटः राहुल के लिए गहलोत और पायलट 'एक' हुए

राजस्थान में मंगलवार शाम को नजारा बदल गया। पत्रकारों के सामने गहलोत और पायलट एकजुट नजर आए। दोनों ने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को कामयाब करने के लिए कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी। कांग्रेस आलाकमान ने केसी वेणुगोपाल को राजस्थान एकता मिशन पर भेजा था। लेकिन बड़ा सवाल यही है कि क्या 12 दिनों बाद जब यात्रा राजस्थान से चली जाएगी, तब भी दोनों नेता एकजुट रहेंगे, पढ़िएः

राजस्थान में सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच चल रहा शीत युद्ध मंगलवार को रुकता दिखाई दिया। कांग्रेस के ये दोनों नेता राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा की कामयाबी के लिए एक मंच पर पत्रकारों के सामने आए। उन्हें मनचाही बाइट दी। गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी हमारे नेता हैं, जब उन्होंने कह दिया कि हम पार्टी के एक एसेट हैं तो फिर एसेट हैं।

गहलोत ने हाल ही में एनडीटीवी को दिए गए इंटरव्यू में सचिन पायलट को गद्दार कहा था। दरअसल, सचिन पायलट के समर्थकों ने कांग्रेस आलाकमान को अल्टीमेटम दिया था कि वो सचिन पायलट को सीएम बनाएं नहीं तो सारे गुर्जर विधायक और नेता कांग्रेस से इस्तीफा दे देंगे। इसके बाद गहलोत ने गद्दार वाली बात कही थी।

राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा 4 दिसंबर को राजस्थान में प्रवेश करने वाली है। कांग्रेस आलाकमान को डर था कि अगर दोनों नेता एक नहीं हुए तो यात्रा को वो कामयाबी नहीं मिलेगी, जो अन्य राज्यों में अभी तक मिलती आ रही है।

यही वजह है कि जयपुर में आज मंगलवार को दोपहर बाद सारे पत्रकारों को जमा किया गया। जहां उनके सामने गहलोत और सचिन पायलट एकसाथ अगल-बगल खड़े नजर आए। मुख्यमंत्री गहलोत ने पत्रकारों से कहा, पार्टी हमारे लिए सबसे पहली प्राथमिकता है। हम चाहते हैं कि पार्टी आगे बढ़े और अपना गौरव हासिल करे। उन्होंने कहा, देश में तनाव का माहौल है और यह एक बड़ी चुनौती है। लेकिन यात्रा की सफलता दर्शाती है कि लोग राहुल गांधी द्वारा उठाए गए मुद्दों का पूरा समर्थन करते हैं।

इस मौके पर सचिन पायलट ने कहा कि राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा का "राजस्थान में अधिकतम उत्साह और ऊर्जा के साथ स्वागत किया जाएगा"।

गहलोत-पायलट का यह एकता शो कांग्रेस के लिए जरूरी माना जा रहा था। क्योंकि राजस्थान में यात्रा 12 दिन चलेगी और ऐसे में राज्य के दो बड़े कांग्रेस नेताओं में मनमुटाव रहता तो इसका असर यात्रा पर पड़ना तय था।

सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने केसी वेणुगोपाल को गहलोत-पायलट को एकजुट करने के मिशन पर भेजा था। हालांकि वेणुगोपाल यात्रा की तैयारी और निगरानी के सिलसिले में मंगलवार को राजस्थान आए थे। लेकिन वेणुगोपाल ने अपनी काबिलियत से दोनों को मतभेद भुलाने के लिए तैयार कर लिया। राहुल गांधी ने भी सोमवार को इंदौर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात को खारिज कर दिया था कि "गद्दार" विवाद उनकी यात्रा को प्रभावित करेगा। राहुल ने कहा था कि दोनों नेता कांग्रेस पार्टी की संपत्ति हैं। गहलोत ने मंगलवार को राहुल की उन टिप्पणियों का जिक्र करते हुए कहा: 

जब राहुल गांधी ने कहा है कि हमारे नेता संपत्ति हैं तो हम संपत्ति हैं … फिर विवाद कहां है?


- अशोक गहलोत, सीएम राजस्थान, 29 नवंबर को जयपुर में

हालांकि यह एकता शो जितना आसान दिख रहा है, उतना है नहीं। यह हकीकत है कि दोनों नेता राहुल गांधी की यात्रा को सफल बनाने की मजबूरियों के चलते एकता शो में सामने आए हैं। वो गले तो मिल गए हैं लेकिन उनके दिल अभी भी नहीं मिले हैं। यह बात भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान से निकलने के बाद सामने आ जाएगी। दोनों पक्षों ने हथियार नहीं डाले हैं। क्योंकि पिछले दिनों हुए घटनाक्रम के बाद जब सचिन की ताजपोशी नहीं हो पाई तो उसके बाद गहलोत लगातार मजबूत ही हुए हैं। राज्य विधानसभा चुनाव से पहले गहलोत को हटाना कांग्रेस के लिए अब मुश्किल होगा।

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें