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राजस्थान बीजेपी का कलह आया सामने, वसुंधरा की तसवीर होर्डिंग से हटाई

राजस्थान बीजेपी का कलह आया सामने, वसुंधरा की तसवीर होर्डिंग से हटाई

बीजेपी की राजस्थान ईकाई ने जो नया होर्डिंग लगाया है, उसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष जे. पी. नड्डा के अलावा राज्य ईकाई के गुलाब चंद कटारिया और सतीश पूनिया की तसवीरें लगी हैं। इस पर वसुंधरा राजे की तसवीर नहीं है।

राजस्थान बीजेपी का अंतरकलह अब खुल कर आ गया है और बाहर दिखने लगा है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया और गुलाब चंद कटारिया, सतीश पूनिया व दूसरे नेताओं के बीच खटपट तो पहले से ही है, लेकिन बाहर से सबकुछ सामान्य दिखाने की कोशिशें की जा रही थीं। बीते दिनों पार्टी के आधिकारिक पोस्टर से वसुंधरा की तसवीर हटाने जाने से कई सवाल खड़े हो गए हैं। 

बीजेपी की राजस्थान ईकाई ने जो नया होर्डिंग लगाया है, उसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष जे. पी. नड्डा के अलावा राज्य ईकाई के गुलाब चंद कटारिया और सतीश पूनिया की तसवीरें लगी हैं। इस पर वसुंधरा राजे की तसवीर नहीं है।

एक दूसरी होर्डिंग में श्यामा प्रसाद मुखर्जी और दीन दयाल उपाध्याय की तसवीरें हैं, यानी इस पर भी वसुंधरा राजे की तसवीर नहीं है। 

क्या कहना है पार्टी का?

राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि 20 साल में पहली बार हुआ है कि वसुंधरा राजे की तसवीर पार्टी के होर्डिंग से गायब है। 

'आजतक' से बात करते हुए बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा, 'होर्डिंग्स में किसकी तसवीर लगेगी, यह पार्टी की कमेटी तय करती है यह किसी नेता का काम नहीं हैं। ऐसे बदलाव होते रहते हैं।'

लेकिन ऐसा बदलाव दो दशक में पहली बार हो रहा है और यह पार्टी के सिर फुटव्वल की ओर भी इशारा कर रहा है। 

 - Satya Hindi

नाराज़ हैं वसुंधरा समर्थक

ज़ाहिर है, वसुंधरा राजे के समर्थक नाराज़ हैं और वे इसे छिपा भी नहीं रहे हैं। 

वसुंधरा समर्थक पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने 'आजतक' से कहा,  'वसुंधरा राजे के बिना बीजेपी राजस्थान में सत्ता में वापस नहीं आ सकती है।'

लेकिन मामला यहीं तक सीमित नहीं है। 'घर फूटे गंवार लूटे' के तर्ज पर कांग्रेस पार्टी इसका फ़ायदा उठाने की जुगत में है। उसने झालवाड़ में पोस्टर लगा दिए हैं, जिनमें वसुंघरा राजे और उनके बेटे दुष्यंत सिंह की गुमशुदगी की बात कही गई है। 

इतना ही नहीं, एक वीडियो वायरल कराया जा रहा है, जिसमें पार्टी के कुछ नेताओं पर भष्ट्राचार के आरोप लगाए गए हैं। किसने यह काम किया है, साफ नहीं है, पर पार्टी के दो गुट एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। 

वसुंधरा रसोई

दूसरी ओर, वसुंधरा समर्थक राज्य में कई जगहों पर ‘वसुंधरा जन रसोई’ चला रहे हैं। इसके तहत लोगों को फ़ूड पैकेट बांटे जा रहे हैं। लेकिन इससे बीजेपी के बाक़ी नेताओं में नाराज़गी है क्योंकि राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्देश पर कई राज्य इकाईयों की तरह ही राजस्थान बीजेपी भी ‘सेवा ही संगठन’ अभियान चला रही है। 

‘वसुंधरा जन रसोई’ के तहत जो फ़ूड पैकेट बांटे जा रहे हैं, उनमें और इस जन रसोई कार्यक्रम में सिर्फ़ वसुंधरा राजे की ही तसवीर को दिखाया जा रहा है।

यह रसोई 21 मई को शुरू हुई थी और राजे के क़रीबी और पूर्व कैबिनेट मंत्री यूनुस ख़ान ने उस दिन 300 लोगों को फ़ूड पैकेट बांटे थे। उसके बाद राज्य के कई हिस्सों में ऐसे कार्यक्रम किए जा रहे हैं। वसुंधरा समर्थकों का कहना है कि ऐसा वे समाज सेवा के तौर पर कर रहे हैं। 

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