हिमाचल, उत्तराखंड में बारिश का कहर, 66 मौतें, कई मकान गिरे
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश ने मचाई तबाही, राजधानी शिमला के लालपानी इलाके में हुआ लैंडस्लाइड
— Nupur Verma (@Nupur___Verma) August 15, 2023
पेड़ गिरने से स्लॉटर हाउस समेत अन्य इमारतें भी हुई धराशाई #ShimlaLandslide #HimachalDisaster #himachalpradesh pic.twitter.com/6rL70S7jCL
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में लगातार बारिश और भूस्खलन से 66 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई स्थानों पर मकान ढहने से घायलों को बचाने और मलबे से शव निकालने के लिए अभियान जारी है। हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि ज्यादातर मौतें हिमाचल प्रदेश में हुईं, जहां 13 अगस्त को भारी बारिश शुरू होने के बाद से 60 लोगों की मौत हो गई है।
#WATCH | Himachal Pradesh: On the massive landslide in the Summer Hill area, SDM Shimla (Urban) Bhanu Gupta says, "Local people have confirmed the count that there can be 21 bodies. Out of which, we have recovered 12 bodies in the last two days. Our search and rescue operation is… https://t.co/sjD6uLAKci pic.twitter.com/ufwSJPe1ue
— ANI (@ANI) August 16, 2023
मौसम विभाग ने अगले दो दिनों में हिमाचल प्रदेश में और अगले चार दिनों में उत्तराखंड में छिटपुट लेकिन भारी बारिश की भविष्यवाणी की है।
बचावकर्मियों ने भूस्खलन के कारण मलबे से तीन शव बरामद किये। शिमला में ढहे शिव मंदिर के मलबे से एक और शव निकाला गया, जबकि शहर में ताजा भूस्खलन में दो लोगों की मौत हो गई। शिमला के कृष्णानगर इलाके में भूस्खलन के बाद छह अस्थायी सहित कम से कम आठ घर ढह गए और एक बूचड़खाना मलबे में दब गया।
अधिकारियों ने बताया कि सोमवार से अब तक कुल 19 शव बरामद किए गए हैं, जिनमें से 12 समर हिल में शिव मंदिर स्थल से, पांच फागली में और दो कृष्णानगर में मिले। उन्होंने कहा कि 10 से अधिक लोगों के अभी भी शिव मंदिर में फंसे होने की आशंका है, जो सोमवार को ढह गया था।
शिक्षा विभाग द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है कि खराब मौसम के कारण राज्य के सभी स्कूल और कॉलेज बुधवार को बंद रहेंगे। शिमला के डीसी आदित्य नेगी ने पीटीआई को बताया कि कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और सेना ने पुलिस और एसडीआरएफ के साथ मिलकर सुबह करीब छह बजे समर हिल में बचाव अभियान फिर से शुरू किया, ताकि शवों को निकाला जा सके।
भारी बारिश के बाद बचाव अभियान रोकना पड़ा था।
मौसम विभाग ने मंगलवार को ऑरेंज अलर्ट जारी किया था, जबकि 19 अगस्त तक अगले चार दिनों के लिए पीला अलर्ट जारी किया गया है। इस बीच, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने मूसलाधार बारिश को देखते हुए शिक्षण गतिविधियों को 19 अगस्त तक निलंबित कर दिया है। विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी भी 20 अगस्त तक बंद रहेगी। हालांकि, एक सूचना में कहा गया है कि शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारी हमेशा की तरह विश्वविद्यालय में मौजूद रहेंगे।
उत्तराखंड में 6 और मौतें
उत्तराखंड में भी बारिश से संबंधित घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर छह हो गई, क्योंकि दो और शव मिले, जबकि सात अभी भी लापता हैं। राज्य में सोमवार से भारी बारिश हो रही है। देहरादून में आपदा नियंत्रण कक्ष ने कहा कि उत्तरकाशी जिले के आराकोट क्षेत्र के गांवों में उफनती हुई पवार नदी का पानी घुसने के बाद लापता हुई एक महिला का शव मंगलवार को मिला। 14 वर्षीय लड़की तेजस्विनी का शव ऋषिकेश के लक्ष्मण झूला क्षेत्र में एक बरसाती नाले से बरामद किया गया। लड़की, तेजस्विनी, सोमवार को उस समय लापता हो गई जब एक कार जिसमें वह अपनी मां और भाई के साथ यात्रा कर रही थी, नदी के तेज पानी में बह गई। इसमें कहा गया है कि वे ऋषिकेश के रानी मंदिर क्षेत्र के निवासी थे। उसकी मां और भाई का पता लगाने के लिए ऑपरेशन जारी है।
19 अगस्त तक अगले चार दिनों के लिए उत्तराखंड में कई जगहों पर येलो अलर्ट जारी किया गया है। हालांकि समय के साथ बारिश की तीव्रता कम हो सकती है, लोगों को बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्रों में बाहर न जाने की चेतावनी दी गई है।
हरिद्वार में भीमगोड़ा बैराज पर गंगा नदी घटने लगी है और चेतावनी स्तर 293 मीटर से थोड़ा नीचे 292.65 मीटर पर बह रही है।
VIDEO | Rain-triggered landslide blocks road from Rishikesh to Neelkanth Mahadev Temple in Uttarakhand. pic.twitter.com/mDjAdvjY9x
— Press Trust of India (@PTI_News) August 15, 2023
अधिकारियों ने बताया कि चमोली जिले के भूस्खलन प्रभावित जोशीमठ के पास हेलंग में मंगलवार को एक इमारत ढह जाने के बाद तीन लोगों को बचाया गया और कुछ अन्य लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है। जिले के अतिरिक्त सूचना अधिकारी रवींद्र नेगी ने कहा कि बचाए गए लोगों को अस्पताल ले जाया गया, जबकि राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) के जवान इमारत में फंसे अन्य लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने की कोशिश कर रहे थे। इस साल की शुरुआत में जोशीमठ में जमीन धंसने से कई घर क्षतिग्रस्त हो गए थे और मॉनसून की शुरुआत के बाद से समस्या और बढ़ गई है.