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लॉकडाउन में फँसे लोगों को अपने घर जाने के लिए शुरू की गईं श्रमिक स्पेशल ट्रेनें

लॉकडाउन में फँसे लोगों को अपने घर जाने के लिए शुरू की गईं श्रमिक स्पेशल ट्रेनें

लॉकडाउन को 17 मई तक बढ़ाने की ख़बर आने के बाद अब सरकार ने शुक्रवार को कहा है कि यह अब आप्रवासी मज़दूरों, छात्रों, श्रद्धालुओं और पर्यटकों को अपने राज्यों में घर लौटने के लिए विशेष ट्रेनें चलाएगी।

लॉकडाउन को 17 मई तक बढ़ाने और तेलंगाना से झारखंड के लिए विशेष ट्रेन चलने की ख़बर आने के बाद अब सरकार ने कहा है कि वह आप्रवासी मज़दूरों, छात्रों, श्रद्धालुओं और पर्यटकों को अपने राज्यों में घर लौटने के लिए विशेष ट्रेनें चलाएगी। रेलवे के अनुसार, शहरों में फँसे लोगों को उनके घर भेजने के लिए 'श्रमिक स्पेशल' ट्रेनें चलाई जाएँगी। ट्रेनों पर उन्हें ही जाने की इजाजत दी जाएगी जिन्हें कोरोना वायरस के लक्षण नहीं होंगे। ट्रेनों पर सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पूरा पालन किया जाएगा। 

अब तक छह ऐसी ट्रेनों की घोषणा कर दी गई है। इसमें तेलंगाना के लिंगापल्ली से झारखंड के हटिया के बीच, केरल के अलुवा से ओडिशा के भुवनेश्वर, महाराष्ट्र के नाशिक से यूपी के लखनऊ, नाशिक से मध्य प्रदेश के भोपाल, राजस्थान के जयपुर से बिहार के पटना और राजस्थान के कोटा से हटिया के बीच विशेष ट्रेनें शामिल हैं। 

जिन राज्यों से ये ट्रेनें चलाई जाएँगी वहाँ की राज्य सरकार को स्टेशन पर लोगों को एक-एक बैच में भेजना होगा। लोगों के लिए ट्रेन में ही खाने और पीने के पानी की व्यवस्था होगी। मजिस्ट्रेट के द्वारा मोबाइल पर भेजे गये टेक्स्ट मैसेज को टिकट के तौर पर माना जाएगा। फ़ॉरवर्ड किए गए मैसेज को टिकट नहीं माना जाएगा। 

बता दें कि तेलंगाना के लिंगापल्ली से झारखंड के हटिया के बीच ट्रेन रवाना भी हो चुकी है। इसमें क़रीब 1200 आप्रवासी हैं। ट्रेन में 24 डिब्बे हैं। एक डब्बे में सामान्य रूप से 72 लोगों के लिए व्यवस्था होती है, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन करने के लिए हर डिब्बे में 54 लोगों को ही जाने दिया गया। ट्रेन के खुलने के बाद रेल मंत्रालय ने बयान जारी किया कि यह तेलंगाना सरकार के आग्रह पर सिर्फ़ एक बार चलने के लिए एक ट्रेन को अनुमति दी गई। 

विशेष ट्रेनें चलाने की यह ख़बर ऐसे समय में आई है जब दो दिन पहले ही केंद्र सरकार ने दूसरे राज्यों और शहरों में फँसे लोगों के लिए ताज़ा निर्देश जारी किए हैं। इसमें इसने कहा है कि जिन आप्रवासी लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण नहीं होंगे वे लॉकडाउन के दौरान भी अपने घर जा सकते हैं। गृह मंत्रालय के इस नये दिशा निर्देश में राज्यों से कहा गया है कि वे अपनी-अपनी नोडल एजेंसी तैयार करें और आप्रवासियों को ले जाने के लिए प्रोटोकॉल तैयार करें। जिस व्यक्ति को एक से दूसरी जगह ले जाया जाएगा उसकी स्क्रीनिंग होगी और कोरोना का कोई भी लक्षण नहीं दिखने पर ही जाने दिया जाएगा।

बता दें कि केंद्र सरकार ने 3 मई के बाद दो हफ़्ते के लिए लॉकडाउन बढ़ा दिया है। 3 मई को ही इसकी मियाद ख़त्म हो रही है। इससे पहले 14 अप्रैल को लॉकडाउन को तीन मई तक के लिए बढ़ा दिया गया था। सरकार ने अब एलान किया है कि लॉकडाउन 17 मई तक रहेगा। इसके लिए नए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। वह 4 मई से कुछ रियायतें भी देगी। नए दिशा निर्देश में कहा गया है कि इस दौरान हवाई जहाज या रेल यातायात नहीं चलेगा। किसी तरह का परिवहन नहीं चलेगा। ग्रीन ज़ोन में आर्थिक गतिविधियों की अनुमति होगी। ग्रीन और ऑरेंज जोन में ई-कॉमर्स को मंजूरी दी गई है। यानी ऐसे इलाक़ों में ग़ैर-ज़रूरी सामानों की ऑनलाइन डिलीवरी पर छूट दी गई है।

ऐसे ज़िले जहाँ अब तक कोरोना संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है या पिछले 21 दिनों से कोई नया मामला नहीं आया है, उन्हें ग्रीन ज़ोन में रखा गया है। ऑरेंज ज़ोन वे जिले हैं, जहाँ पिछले 14 दिनों से संक्रमण का कोई नया मामला सामने नहीं आया है। रेड ज़ोन या कंटेनमेंट ज़ोन वे इलाक़े हैं, जहाँ से कोरोना के बहुत ज़्यादा मामले सामने आए हैं।

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