कृषि क़ानूनों को वापस लेने और लखमीपुर खीरी कांड के अभियुक्त आशीष मिश्रा की गिरफ़्तारी की माँग के समर्थन में किसानों ने सोमवार को रेल रोको आन्दोलन का एलान किया है।
भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने रविवार को कहा, "तीनों कृषि क़ानूनों को रद्द कराने, एमएसपी पर फसलों की खरीद की गारंटी का क़ानून बनवाने और लखीमपुर खीरी हत्याकांड में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा की गिरफ़्तारी की माँग को लेकर रेल रोको आंदोलन किया जाएगा। इसको सफल बनाने के लिए सभी जगहों पर किसान आगे आएं।"
उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए सरकार से कहा, "सहनशीलता की भी एक सीमा होती है, हमारे धैर्य की परीक्षा मत लो।"
खट्टर की आलोचना
चढूनी ने कहा कि हरियाणा सरकार ने कई लोगों के सिर फोड़ दिए और कई लोगों की हड्डियाँ तोड़ दी हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मनोहर लाल खट्टर सरकार कई सौ लोगों पर मुकदमे थोप चुकी है।
उन्होंने किसानों से अपील की वे किसी भी तरह की हिंसा या उकसावे में आकर हिंसा न करें। चढ़ूनी ने कहा,
हमें हाथ नहीं उठाना है। सरकार मारेगी, लठ मारेगी, डंडे मारेगी, जेलों में भी ले जाएगी, जाएंगे। सरकार का हर जुल्म सहेंगे। हमें हाथ नहीं उठाना है।
उन्होंने इसका कारण बताते हुए कहा कि 'यदि हमने हाथ उठा लिया तो ये कहीं जाति में फंसाएंगे, कहीं धर्म में फसाएंगे, यदि हमने हाथ उठा लिया तो आम जनमानस हमारे विरुद्ध हो जाएगा।'
याद दिला दें कि केंद्र सरकार ने बीते साल तीन कृषि क़ानून संसद से पारित करवाए, जिनका विरोध किसान कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि सरकार को ये क़ानून वापस लेने ही होंगे और सरकार का कहना है कि ये कानून किसी सूरत में वापस नहीं लिए जाएंगे, चाहे जो हो जाए। इस पर जिच बरक़रार है। सोमवार के रेल रोको आन्दोलन इसी को ध्यान में रख कर किया जा रहा है।